पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 75वीं जयंती मंगलवार को देश भर में मनायी गयी. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी टवीट कर पूर्व पीएम स्व. राजीव गांधी को श्रद्धांजली दी. राजस्थान सरकार पूर्व प्रधानमंत्री की जयंती को पूरे साल भर मनायेगी. वहीं मंगलवार को राजस्थान प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 75 वी जयंती समारोह के मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच की कड़वाहट एक बार फिर सामने आई.

राजस्थान में राजीव गांधी जयंती के मौके पर दो दिवसीय कार्यक्रम प्रदेश सरकार की तरफ बिड़ला सभागार में किया गया, जिसका उद्घाटन सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया. लेकिन सचिन पायलट इस कार्यक्रम में गैरहाजिर रहे. अगले दिन मंगलवार को संगठन की तरफ से प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पुष्पांजलि का कार्यक्रम आयोजित हुआ, जो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने आयोजित किया था. इस कार्यक्रम में अशोक गहलोत भी पहुंचे.

हुआ यूं कि पीसीसी में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि एक बार स्व0 राजीव गांधी के जोधपुर दौरे के दौरान मैंने अपनी स्पीच में कहा जोधपुर को इंदिरा गांधी कैनाल का पानी मिलना चाहिए. मेरी स्पीच के बाद राजीव गांधी ने बोला मुझे याद दिलाना. फिर कुछ दिन बाद गांधी बने प्रधानमंत्री और इस प्रोजेक्ट की मोनेटरिंग पीएमओ से होने लगी और आज वो पानी प्रदेश के कई जिलों के लोग पी रहे हैं.

इसके बाद जब सचिन पायलट की बारी आई तो उन्होंने सीधे मंच से ही अशोक गहलोत पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्रीजी, जिस तरह राजीव गांधी ने आपकी बात मानी थी, उसी तरह से आप भी कभी-कभी विधायकों की बात मान लिया कीजिए. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी भी संगठन को महत्व देते थे. उनके पास विशाल बहुमत था, फिर भी उन्होंने लोकतंत्र का सम्मान किया और विपक्ष में बैठना भी मंजूर किया. वह कार्यकर्ताओं को इक्कीसवीं सदी की चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देते थे.

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सचिन पायलट ने कहा कि राजीव गांधी संगठन को महत्वपूर्ण मानते थे और पार्टी कार्यकर्ताओं के प्रति उनके मन में बहुत सम्मान था. मुख्यमंत्रीजी आप कार्यकर्ताओं और विधायकों की भी सुनिए. जब विधायक आपके पास काम लेकर जाएं तो आप डीपीआर बनाने की बात नहीं कहकर तुरंत उसकी घोषणा कर दिया कीजिए. राजीव गांधी का जिक्र करते हुए उन्होंने इशारों-इशारों में कहा कि हमें पार्टी को दलालों से दूर रखना चाहिए. उन्होंने कहा, मुंबई अधिवेशन में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कहा था कि हमारी पार्टी में भी अगर दलाल हैं तो उन्हें बाहर निकालना होगा. राजीव गांधी कहा करते थे कि हमेशा सरकार से ज्यादा संगठन को तवज्जो देनी चाहिए.

गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस के दो गुट बने हुए हैं और प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही दोनों में खींचतान चल रही है. एक गुट अशोक गहलोत का है और दूसरा गुट सचिन पायलट का. अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं और सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री होने के साथ-साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं. गहलोत जहां सत्ता संभाले हुए हैं, वहीं पायलट का संगठन पर नियंत्रण है. बातों-बातों में उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि सरकार में संगठन को ज्यादा महत्व नहीं मिल रहा है.

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सचिन पायलट का भाषण सुनने के बाद अशोक गहलोत का मूड ठीक नहीं दिखा और वह तत्काल वहां से चले गए. जिस तरह वे लोगों से बात करते हुए हंसते-मुस्कुराते गाड़ी तक जाते हैं, वैसा नहीं दिखा. उन्होंने किसी पत्रकार से भी बात नहीं की, सीधे चले गए, जबकि सचिन पायलट काफी देर तक संवाददाताओं के सवालों का जवाब देते रहे.

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बता दें, प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की 75 वी जयंती पर पुष्पांजली कार्यक्रम और स्व. राजीव गांधी के जीवन से जुडी फोटो प्रदर्शनी का उदघाटन किया गया जिसमें मुख्यमंत्री के अलावा पीसीसी चीफ सचिन पायलट, पूर्व पीसीसी चीफ डॉ. चंद्रभान, मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, रघु शर्मा, प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा, वरिष्ट कांग्रेस नेता गिरिजा व्यास सहित अनेकों विधायक एवं पीसीसी सदस्यों सहित कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे.

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