Politalks.News/WestBengal. बंगाल के बीरभूम में TMC नेता भादू शेख के मर्डर के बाद भड़की हिंसा में 10 लोगों की जान चली गई. TMC नेता के मर्डर के बाद गुस्साए लोगों और समर्थकों ने दर्जनों घरों में आग लगा दी. जिसमें 10 लोग जिंदा जल गए. इस भयावह हादसे के बाद पश्चिम बंगाल की राजनीति में उबाल आ गया है. हिंसा के बाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच तल्ख बयानबाजी शुरू हो गई है. एक तरफ जहां पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस घटना पर चिंता जताते हुए कहा कि, ‘यह इस बात का संकेत है कि राज्य ‘हिंसा एवं अराजकता’ की संस्कृति की गिरफ्त में है.’ तो वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पुरे मामले को लेकर राज्यपाल को एक पत्र लिखा और अनुचित बयान देने से परहेज करने और प्रशासन को निष्पक्ष जांच करने की अनुमति देने का आग्रह किया. वहीं इस पुरे मामले को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी ममता सरकार से रिपोर्ट मांगी है.
सोमवार को पश्चिम बंगाल की बीरभूम में TMC नेता भादू शेख स्टेट हाईवे- 50 पर जा रहे थे, इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने उनके काफिले पर बम फेंक दिया. इस हमले में वे गंभीर रूप से घायल हो गए जिसके बाद बाद उन्हें रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. TMC नेता भादू शेख की हत्या के बाद भड़की हिंसा में 10 लोगों की जान चली गई. गुस्साए लोगों और समर्थकों ने दर्जनों घरों में आग लगा दी. पुलिस महानिदेशक के अनुसार कुछ लोगों ने अपने नेता की हत्या के प्रतिशोध में मकानों में आग लगा दी. वहीं इस पूरी घटना पर बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने चिंता व्यक्त की.
जगदीप धनखड़ ने इस घटना को लेकर ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘बीरभूम के रामरपुरहाट में भयावह हिंसा और आगजनी इस बात का संकेत है कि राज्य हिंसा की संस्कृति एवं अराजकता की गिरफ्त में है. यह घटना राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था का संकेत है.’ वहीं जगदीप धनखड़ ने ट्वीट के साथ एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि, ‘प्रशासन को दलीय हित से ऊपर उठने की जरूरत है जो आगाह किए जाने के बाद भी हकीकत में नजर नहीं आ रही है.’ धनखड़ ने आगे कहा कि, ‘इस मामले के बाद, अपने आप को इस निष्कर्ष पर पहुंचने से रोक पाना बड़ा मुश्किल है कि पश्चिम बंगाल में मानवाधिकार धूल चाट रहा है एवं कानून के शासन की नैया पलट गयी है.’ जगदीप धनखड़ द्वारा उठाये गए सवालों पर पलटवार करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने राज्यपाल को पत्र लिखा.
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा कि, ‘इस पुरे मामले में प्रशासन ने तत्काल कदम उठाए हैं और एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन भी किया गया है. इस पुरे मामले की जानकारी के लिए वरिष्ठ मंत्री फिरहाद हाकिम घटनास्थल पर भेजा गया है.’ ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘संविधान की गरिमा का पालन करें और जिस मामले की जांच चल रही है, उस पर टिप्पणी करने से बचें. निष्पक्ष जांच का मार्ग प्रशस्त करने के बजाय व्यापक और अनावश्यक बयान देना बेहद अनुचित है. इस तरह के सम्मानजनक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के लिए यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अशोभनीय है. जब भाजपा शासित राज्यों में ‘बहुत अधिक घृणित’ घटनाएं होती हैं तो आप चुप रहना पसंद करते हैं.’
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वहीं इस घटना को लेकर बीजेपी नेताओं ने भी ममता सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा है. भाजपा ने लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है. अधिकारी ने कहा कि, ‘ममता बनर्जी की सरकार कानून व्यवस्था संभालने में नाकाम है, हमने राज्यपाल से इस पर तुरंत एक्शन लेने की मांग की है. भाजपा ने मामले में 5 मेंबर की एक टीम बनाई है, जो घटनास्थल पर जाएगी.’