पश्चिम बंगाल में इन दिनों संदेशखाली की घटनाओं को लेकर उबल रहा है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी के बीच वार पलटवार का सिलसिला बदस्तूर जारी है. इसकी सियासी आंच राजधानी दिल्ली तक पहुंच रही है. सुप्रीम कोर्ट ने भी संदेशखाली में हुए यौन उत्पीडन के मामलों के मुख्य आरोप एवं टीएमसी नेता शाहजहां शेख को सात दिन के भीतर गिरफ्तार करने का आदेश दिया है. वहीं दूसरी ओर, उत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना के मजबूत नेताओं में अधिकांश सलाखों के पीछे हैं या पुलिस-सीबीआई से भागते फिर रहे हैं. इसी बीच 6 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी के दौरे से न केवल संदेशखाली पर सियासी पारा चढ़ रहा है, साथ ही साथ दक्षिण बंगाल में ममता का किला ढहने की कगार पर आ पहुंचा है.
ममता के अधिकांश मंत्री सलाखों के पीछे
लोकसभा चुनाव से पहले ममता का असली सिरदर्द मजबूत नेताओं की अनुपस्थिति है. 5 लोकसभा क्षेत्रों वाले बंगाल के सबसे बड़े जिले की प्रभारी मंत्री ज्योति प्रिया मल्लिक जेल में बंद है. उनकी अनुपस्थिति में उनके करीबी सहयोगियों में से एक शेख शाहजहां जिले के दो सबसे महत्वपूर्ण ब्लॉकों में काम कर रहे थे लेकिन अब बीते 52 दिनों से फरार चल रहे हैं. यौन उत्पीडन से घिरे शेख की गिरफ्तारी का आदेश भी निकल चुका है. दक्षिण बंगाल के दो सबसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील जिले दक्षिण और उत्तर 24 परगना में लोकसभा की कुल 10 सीटें हैं. इन सीटों पर शाहजहां अबराबुल इस्लाम, सौकेत मोल्ला और कुछ अन्य वरिष्ठ पार्टी नेता काम कर रहे थे. इनमें सौकत और अराबुल क्रमश: विधायक एवं पूर्व विधायक हैं.
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पूर्व विधायक अराबुल को पिछले साल दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर में हुई हिंसक झड़प के बाद गिरफ्तार किया गया है. वे जेल में है. वहीं कैंनिंग से पार्टी विधायक और पार्टी के वरिष्ठ नेता मोल्ला के पास दक्षिण 24 परगना का प्रभार है जिन पर भी हिंसा के कई आरोप हैं. दक्षिण बंगाल के संदेशखाली, हिंगलगंज, बसंती, भांगर जैसे क्षेत्र राजनीतिक दलों के लिए ‘मनी बैक’ के रूप में देखे जाते हैं. मछली के तालाबों पर कब्जा करना और जमीन हड़पना इन स्थानों पर शासन करने का एक तरीका रहा है. यहीं के अधिकांश विधायक और वरिष्ठ नेता जेलों की हवा खा रहे हैं. एनसीएसटी के अनुसार, उन्हें इन जगहों पर 23 से अधिक शिकायतें मिली है. हालांकि टीएमसी नेताओं का मानना है कि बीजेपी के सभी आरोप मनगढंत हैं और संदेशखाली सहित सभी मामले जल्द शांत हो जाएंगे.
मोदी का बंगाल दौरा 6 मार्च को
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अगले महीने 6 मार्च को पश्चिम बंगाल के दौरे का कार्यक्रम है. पीएम मोदी संदेशखाली के पास एक महिला सम्मेलन को संबोधित करते वाले हैं. पीड़िताओं से मुलाकात का भी कार्यक्रम बन सकता है. बीजेपी संदेशखाली की घटनाओं को लेकर ममता सरकार पर हमलावर है और आम चुनाव की दृष्टि से यह दौरा काफी महत्वपूर्ण बताया जा रहा है. इससे पहले विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी समेत कई बीजेपी विधायकों ने यहां स्थानीय लोगों से मुलाकात कर चुके हैं. इससे पहले पश्चिम बंगाल के डीजीपी भी संदेशखाली का दौरा कर चुके हैं.
संदेशखाली घटनाओं से पड़ेगा असर
उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली तब चर्चा में आया, जब गत माह प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी सुरक्षा बलों की टीम के साथ राशन घोटाला मामले की जांच के सिलसिले में तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख के घर पर छापा मारने पहुंचे. शेख तो मौके से फरार हो गया जबकि भीड़ ने ईडी एवं सुरक्षाकर्मियों की टीम पर हमला कर दिया. जब इस मामले में जांच शुरू हुई तो महिलाएं आंदोलन में आ गयीं. उन्होंने शेख एवं उनके कुछ साथियों पर जबरन यौन उत्पीड़न व जमीनों पर कब्जा करने के आरोप लगाए. इसके बाद मामला हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. जब राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) की टीम संदेशखाली पहुंची तो वहां स्थानीय लोगों की ओर से जबरन जमीन हड़पने और प्रताड़ना की 23 से अधिक शिकायतें मिली थीं.