कांग्रेस सहित 18 विपक्षी दलों के मार्च को पुलिस ने रोका, खड़गे बोले- प्रधानमंत्री और अडानी के रिश्ते की हो जांच

अडानी की हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच की मांग करते हुए करीब 18 दलों के विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय (ED) दफ्तर तक मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाते हुए कहा कि 200 सांसदों को रोकने के लिए लगाया गया है 2000 पुलिसकर्मियों को, एनसीपी और टीएमसी ने बनाई दूरी

Opposition march on the streets of Delhi
Opposition march on the streets of Delhi

Opposition Parties Uproar on Adani Issue: प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी की हिंडनबर्ग रिपोर्ट मामले पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने बुधवार को सदन से लेकर सड़क तक जमकर हंगामा किया. इस मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से जांच की मांग करते हुए करीब 18 दलों के विपक्षी सांसदों ने संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय (ED) दफ्तर तक मार्च करने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया. इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाते हुए कहा कि 200 सांसदों को रोकने के लिए 2000 पुलिसकर्मियों को लगाया गया है. दिल्ली पुलिस ने हालांकि बाद में विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल को ही आगे बढ़ने की इजाजत दे दी और बाकी सांसद वापस लौट गए. बता दें, विपक्षी सांसदों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय जांच एजेंसी के ऑफिस के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी थी. इस प्रदर्शन में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुई थी.

आपको बता दें कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद से विपक्ष अडानी मुद्दे को उठाता रहा है और हिंडनबर्ग-अडानी रिपोर्ट को लेकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) जांच की मांग कर रहा है. बता दें कि एक महीने के ब्रेक के बाद सोमवार को संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण शुरू हो गया. लेकिन विपक्ष के लगातार विरोध पर सदन में हंगामे और विरोध के बीच संसद को भी बार-बार व्यवधान का सामना करना पड़ा है. अडानी ग्रुप के खिलाफ विपक्षी दलों ने हल्ला बोल दिया है. संसद से लेकर सड़क तक इस मामले को लेकर विपक्षी पुरजोर तरीके से उठा रहा है. विपक्षी दलों ने ईडी कार्यालय तक मार्च निकालने की भी तैयारी की है. जैसे ही विपक्षी दल विजय चौक से आगे बढ़े तो दिल्ली पुलिस ने उन्हें रोक दिया. इससे पहले बुधवार को कई विपक्षी सांसद विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन में स्थित कमरे में आयोजित बैठक में शामिल हुए. सूत्रों के मुताबिक विपक्षी नेता सभी सांसदों के हस्ताक्षर वाला एक पत्र ईडी को सौपेंगे.

यह भी पढ़ें: मेरी जान को खतरा, अगर मुझे कुछ होता है तो मोदी सरकार होगी जिम्मेदार- सत्यपाल मलिक का बड़ा आरोप

बैठक में कौन-कौन शामिल
मल्लिकार्जुन खड़गे की बैठक में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK), समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), आम आदमी पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी), केरल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, शिवसेना (उद्धव ठाकरे), मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा, विदुथलाई चिरुथिगल काची और एनसी ने भाग लिया. हालांकि मार्च में एनसीपी और टीएमसी इस बैठक में शामिल नहीं हुई हैं.

इस दौरान केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “हम अडानी मामले में ज्ञापन सौंपने के लिए ईडी जा रहे हैं लेकिन सरकार हमको विजय चौक के पास भी नहीं जाने दे रही. लाखों रुपये का घोटाला हुआ है, एलआईसी, एसबीआई और अन्य बैंक बर्बाद हो गए हैं. जो लोग अपने पैसे सरकार के विश्वास के साथ बैंक में रखते हैं वही पैसे सरकार एक व्यक्ति को सरकार की संपत्ति खरीदने के लिए दे रही है.” उन्होंने आगे कहा, “मोदी ऐसे लोगों को प्रोत्साहन दे रहे हैं. जिस व्यक्ति ने 1650 करोड़ रुपए से अपना करियर की शुरुआत की और अब उसके पास 13 लाख करोड़ की संपत्ति है तो हम चाहते हैं कि इसकी जांच हो. प्रधानमंत्री और अडानी का क्या रिश्ता है?” बता दें, अडानी मुद्दे को लेक विपक्षी दलों के मार्च को देखते हुए विजय चौक पर भारी सुरक्षा तैनात की गई है.

यह भी पढ़ें: राजस्थान में घुसे आतंकवादी ने रचा मोदी की हत्या का षड्यंत्र और चुप है सरकार- रंधावा पर बोले दिलावर

इससे पहले कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने अडानी समूह से जुड़े मामले को लेकर बुधवार को संसद भवन से प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय तक मार्च निकालने और जांच एजेंसी को एक शिकायत सौंपने का निर्णय लिया था. मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन परिसर स्थित कार्यालय में कई विपक्षी दलों के नेताओं ने अडानी मुद्दे पर अपनी संयुक्त रणनीति में समन्वय के लिए एक बैठक की. अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमलावर विपक्षी दलों के सदस्यों की मांग है कि इस मुद्दे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) का गठन किया जाए. अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर फर्जी तरीके से लेन-देन करने और शेयर की कीमतों में हेर-फेर समेत कई तरह के गंभीर आरोप लगाए थे. हालांकि अडानी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि कंपनी ने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया.

Google search engine