Satyapal Malik Accuses Modi Government: केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ हमेशा आक्रामक रुख अख्तियार करने वाले मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. बीते रोज मंगलवार को मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि अगर मुझे कुछ होता है, तो इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी, मेरी सुरक्षा कम कर दी गई है. मलिक ने कहा कि जेड प्लस सुरक्षा कवर के बजाय अब उनकी सुरक्षा के लिए एक निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) तैनात किया जाएगा. मीडिया को दिए एक इंटरव्यू के दौरान सत्यपाल मलिक ने कहा कि जो शख्स जम्मू-कश्मीर, मेघालय और गोवा के राज्यपाल रहा हो, उसकी सुरक्षा केवल इसलिए छीन ली गई, क्योंकि उसने किसानों के मुद्दे और केंद्र की अग्निवीर योजना को लेकर सवाल उठाए.
पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक ने मीडिया से कहा कि, ‘मैं बताना चाहता हूं कि मैं किसी राजनीतिक दल में शामिल नहीं हो रहा. मैं कोई राजनीतिक व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन अगर मुझे कुछ होता है तो कृपया दिल्ली आ जाइए. मलिक ने कहा कि जम्मू और कश्मीर के सभी पिछले राज्यपालों के पास अच्छा सुरक्षा घेरा है, ऐसे में अगर मुझे कुछ होता है, तो इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार होगी. जब मैं राज्यपाल था तो मैंने केवल जम्मू-कश्मीर में विधानसभा भंग की थी. अनुच्छेद 370 (संविधान के तहत) मेरे कार्यकाल के दौरान हटा दिया गया था. मलिक ने यह दावा भी किया कि 2008 से 2018 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के रूप में कार्य करने वाले एनएन वोहरा का सुरक्षा कवर अभी भी बरकरार था.
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सत्यपाल मलिक ने गृह मंत्रालय को लिखा पत्र
पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे के बारे में गृह मंत्रालय को लिखा है, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है कि उनका सुरक्षा कवर क्यों घटाया गया और इस कदम के पीछे क्या कारण था? विशेष रूप से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के परिवार के लिए आजीवन सुरक्षा कवर के लिए प्रोटोकॉल लागू है. हालांकि, राज्यपालों और एल-जीएस के लिए सुरक्षा कवर सुरक्षा एजेंसियों से प्राप्त खुफिया जानकारी पर आधारित है.
खुलकर करते रहे हैं मोदी सरकार के फैसलों की खिलाफत
दरअसल, सत्यपाल मलिक अक्सर केंद्र सरकार की नीतियों का विरोध करते रहते हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ उन्होंने सरकार का जमकर विरोध किया और किसानों का खुलकर समर्थन किया था. इसके साथ ही सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर में दो फाइलों को मंजूरी दिए जाने के लिए 300 करोड़ की पेशकश का आरोप लगाया था. सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है. वहीं मलिक ने सरकारी कर्मचारियों के लिए एक समूह चिकित्सा बीमा योजना का ठेका देने और जम्मू-कश्मीर में किरू पनबिजली परियोजना से जुड़े 2,200 करोड़ रुपये के नागरिक कार्य में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था. जिसमें सीबीआई ने अपनी पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में रिलायंस जनरल इंश्योरेंस और ट्रिनिटी री-इंश्योरेंस ब्रोकर्स को आरोपी बनाया है. दूसरे मामले में सीबीआई ई-टेंडर के नियमों के कथित उल्लंघन की जांच कर रही है.
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जम्मू कश्मीर, मेघालय और गोवा के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक
आपको बता दें कि सत्य पाल मलिक 2019 में जम्मू और कश्मीर के राज्यपाल थे. जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटा दिया था. सरकार ने अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म कर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया. इसके बाद सत्यपाल मलिक को गोवा का 18वें राज्यपाल राज्यपाल बनाया गया. सत्यपाल मलिक ने अक्टूबर 2022 तक मेघालय के 21वें राज्यपाल के रूप में काम किया.