Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में जारी खींचतान किसी से छिपी नहीं है. बीती 25 सितम्बर को विधायक दल की बैठक का बहिष्कार और उसके बाद आए नेताओं के बयानों पर आलाकमान की हिदायत के बाद शांत पड़ी प्रदेश की सियासत पिछले कुछ दिनों से हिलोरे मारने लगी है. हाल ही में पहले विधायक रामनिवास गावड़िया, फिर मंत्री मंत्री राजेन्द्र गुढा के बाद अब बुधवार को टोंक विधायक एवं सूबे के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है. मंगलवार को मानगढ़ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गई एक दूसरे की तारीफ और मुलाकात को लेकर सचिन पायलट ने बड़ा बयान दिया है.
पायलट ने कहा कि, ‘पीएम मोदी ने कल जो मुख्यमंत्री की तारीफ की उससे मैं समझता हूं, वह कल का बड़ा दिलचस्प डेवलपमेंट है. इसी तरह प्रधानमंत्री ने सदन के अंदर गुलाम नबी आजाद की तारीफ की थी, उसके बाद क्या घटनाक्रम हुआ वह हम सबने देखा है, इसे इतना लाइटली नहीं लेना चाहिए.’ सियासी जानकारों की मानें तो एक अरसे के बाद पहली बार सचिन पायलट ने खुले तौर पर मगर बड़ी चतुराई से सीएम गहलोत को टारगेट किया है. तो वहीं सीएम गहलोत ने भी सचिन पायलट का नाम लिए बिना उनके इस बयान पर आलाकमान का संदेश याद दिलाते हुए नसीहत भी दे दी है.
आपको बता दें, राजस्थान कांग्रेस में जारी सियासी खींचतान अब एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है. सियासी दिग्गजों का कहना है कि ये पहला मौका है जब सचिन पायलट ने खुले तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बयानबाजी की है. सचिन पायलट ने बुधवार को अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘कल प्रधानमंत्री यहां आए थे हम सबको उम्मीद थी कि वह मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा देंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऐसा शायद इसलिए उन्होंने नहीं किया क्योंकि यहां कांग्रेस की सरकार है. हम सबको उम्मीद थी हमारी सरकार ने केंद्र सरकार को आग्रह भी किया था इस धाम को राष्ट्रीय स्मारक बनाएं, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. यही नहीं प्रधानमंत्री ने ERCP के बारे में भी कुछ नहीं कहा, जबकि प्रधानमंत्री ने अपने मुंह से यह कमिटमेंट किया था उसका हमें खेद है. मुझे उम्मीद थी कि यह कर देंगे लेकिन उन्होंने किया नहीं.’
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वहीं मानगढ़ धाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गई एक दूसरे की तारीफ को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि, ‘पीएम मोदी ने कल जो तारीफ की वह दिलचस्प घटनाक्रम है. इसी तरह प्रधानमंत्री ने सदन के अंदर गुलाम नबी आजाद की तारीफ की थी, उसके बाद क्या घटनाक्रम हुआ, वह हम सबने देखा है, इसे इतना लाइटली नहीं लेना चाहिए.’ वहीं सचिन पायलट के इस बयान के बाद प्रदेश का सियासी बाजार गर्म हो गया है.
यहां आपको याद दिला दें कि राज्यसभा में जब पूर्व कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का कार्यकाल ख़त्म हो रहा था तो पीएम मोदी ने आजाद की जमकर तारीफ़ की थी. लेकिन हाल ही में गुलाम नबी आजाद ने तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिख पार्टी से इस्तीफा दे दिया, यही नहीं जिस पार्टी ने 50 साल में आजाद को बहुत कुछ दिया उसी गुलाम नबी ने खुलकर कांग्रेस पर निशाना भी साधा. ऐसे में अब हाल ही में विधायक दल की बैठक के बहिष्कार के बाद सोनिया गांधी की सीएम गहलोत से नाराजगी की खबरें सामने आई थीं, तो बीते रोज पीएम मोदी द्वारा सीएम गहलोत की तारीफ करने की घटना को आजाद की बगावत से जोड़कर देखा जा रहा है.
यही नहीं अपने आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए सचिन पायलट ने 25 सितंबर को राजस्थान में घटे सियासी घटनाक्रम को लेकर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. सचिन पायलट ने कहा कि, ‘जहां तक राजस्थान के घटनाक्रम बात है 25 सितंबर को विधायक दल की बैठक बुलाई गई थी वह बैठक हो नहीं पाई थी उसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद पार्टी से भी और पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी माफी मांगी थी. उन सब का संज्ञान लेने के बाद एआईसीसी ने इसे इंडिसीप्लिन का मामला माना और 3 लोगों को नोटिस दिए गए. नोटिस के बाद यह जानकारी में आया है कि जवाब दिए गए हैं. हमारी पार्टी अनुशासित है और इस पार्टी में हम सबके लिए नियम कायदे बराबर है. जो नोटिस दिया गया है उसके जवाब मांगे गए हैं उस पर भी शीघ्र निर्णय लिए जाने चाहिए. कानून, डिसिप्लिन व अनुशासन सब पर लागू है.’
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सचिन पायलट ने आगे कहा कि, ‘मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर पदभार संभाला है तो ऐसा तो नहीं हो सकता की अनुशासनहीनता मानी गई हो और उस पर निर्णय नहीं लिया जाए. राजस्थान के संदर्भ में निर्णय लेने की जो बात है वेणुगोपाल ने कहा था कि इस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा. विधायक दल की बैठक हुई नहीं जबकि कोई समानांतर बैठक हुई पार्टी इस पूरे मामले को जानती है. इस मामले को ठीक करने का समय आ चुका है और पार्टी निर्णय लेगी. हम सब चुनाव में लगे हुए हैं. जल्दी ही गुजरात के चुनाव की घोषणा भी हो जाएगी.’ सचिन पायलट ने आगे कहा कि, ‘किस को किस पद पर बैठाना है, क्या जिम्मेदारी देनी है, इसका निर्णय भी AICC लेगी. चुनाव में केवल 13 महीने का समय बचा है. जो भी निर्णय लेने हैं, कदम उठाने हैं, वह कार्रवाई विधायक दल की बैठक के तौर पर भी नहीं हो सकी थी. अभी चुनाव भी चल रहे हैं, इंपॉर्टेंट चुनाव हैं. दोनों राज्यों में हम जीत हासिल कर रहे हैं.’
वहीं सचिन पायलट के इस बड़े बयान के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. अलवर के खैरथल पहुंचे सीएम गहलोत ने आलकमान के निर्देशों को याद करते हुए कहा कि, ‘इस तरह के बयान नहीं देना चाहिए. संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल ने एडवाइजरी जारी कर कहा था कि बयानबाजी न करें. अभी हमारा फोकस महंगाई, हिंसा, तनाव जैसे मुद्दों पर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का होना चाहिए. हमारा ध्येय यही है कि अगली बार हम राजस्थान में सरकार बनाएं.’