पॉलिटॉक्स ब्यूरो. असम के बोडो बहुल कोकराझार में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहुल गांधी पर उनके ‘डंडा मार’ बयान को लेकर एक बार फिर से जमकर प्रहार किया. पीएम मोदी ने बिना कांग्रेस सांसद का नाम लिए कहा कि कुछ लोग मोदी को डंडे मारने की बात करते हैं, लेकिन जिसके पास इतने भाईयों, बहनों और माताओं का सुरक्षा कवच हो, उस पर कितने ही डंडे गिर जाएं, उसको डंडे का कोई असर नहीं हो सकता. यहां उमड़ा जनसैलाब इस बात का प्रतीक है. बता दें, असम में एनआरसी लागू होने के बाद प्रधानमंत्री यहां पहली बार पहुंचे हैं.
यहां नागरिकता कानून को लेकर पीएम मोदी ने लोगों की मानसिकता को स्पष्ट करते हुए कहा कि असम विरोधी, देश विरोधी हर मानसिकता और इसके समर्थकों को देश न तो बर्दाश्त करेगा और न ही कभी माफ करेगा. यही ताकतें असम और नार्थ ईस्ट में CAA को लेकर अफवाहें फैला रही हैं कि यहां बाहर से लोग आकर बस जाएंगे. मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि ऐसा कुछ नहीं होगा.
पीएम मोदी ने कहा कि अब सरकार का प्रयास है कि असम अकॉर्ड की धारा-6 को भी जल्द से जल्द लागू किया जाए. मैं असम के लोगों को आश्वस्त करता हूं कि इस मामले से जुड़ी कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद केंद्र सरकार और त्वरित गति से कार्रवाई करेगी. अकॉर्ड के तहत BTAD में आने वाले क्षेत्र की सीमा तय करने के लिए कमीशन भी बनाया जाएगा. इस क्षेत्र को 1500 करोड़ रुपए का स्पेशल डवलपमेंट पैकेज मिलेगा, जिसका बहुत बड़ा लाभ कोकराझार, चिरांग, बक्सा और उदालगुड़ी जैसे जिलों को मिलेगा.
आगे पीएम ने कहा कि 21वीं सदी का भारत अब ये दृढ़ निश्चय कर चुका है कि हमें अब अतीत की समस्याओं से उलझकर नहीं रहना है. आज देश मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों का समाधान चाहता है. बोडो टेरिटोरियल काउंसिल, असम सरकार और केंद्र सरकार, अब साथ मिलकर, सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को नया आयाम देंगे. इससे असम भी सशक्त होगा और एक भारत-श्रेष्ठ भारत की भावना भी और मजबूत होगी.
गौरतलब है कि सीएए के विरोध में बड़े पैमाने पर हुए प्रदर्शनों के बाद मोदी का पूर्वोत्तर का यह पहला दौरा है. कुछ ही दिन पहले बोडो उग्रवादी समूहों और एक छात्र इकाई के साथ केंद्र सरकार ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. बोडो समझौते पर हस्ताक्षर का नतीजा बड़े उग्रवादी समूह नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के 1,500 से अधिक उग्रवादियों के हथियार डाल देने के रूप में निकला.
इससे पहले मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच गुवाहाटी में दिसंबर में होने वाला शिखर सम्मेलन सीएए विरोधी प्रदर्शनों के चलते नहीं हो पाया था. गुवाहाटी में हाल में हुए ‘खेलो इंडिया’ खेल के उद्घाटन के लिए भी प्रधानमंत्री मोदी को आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह इसमें शामिल नहीं हुए थे.
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