Politalks.News/Rajasthan. पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गढ़ यानि जोधपुर के दौरे पर रहे. इस दौरान जयपुर से जोधपुर के बीच में सचिन पायलट का रास्ते मे कई जगहों पर कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जबरदस्त स्वागत किया. कोरोनाकाल के बावजूद हर जगह पर सैकड़ों की संख्या में पायलट को देखने और मिलने के लिए उमड़ पड़े. इस वजह से अपने तय कार्यक्रम से काफी लेट पायलट जोधपुर के जसोल पहुंचे, जहां उन्होंने ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह ‘जसोल’ के निधन पर उनके पाबूपुरा स्थित आवास फार्म हाउस पर पहुंचकर शोक सभा मे शिरकत की.
पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह की फोटो पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रदांजलि दी. इस दौरान पायलट ने दिवंगत जसवंत सिंह के पुत्र एवं पूर्व सांसद मानवेंद्र सिंह जसोल को ढांढस बंधाया और अपनी संवेदनाए व्यक्त की. आपको बता दें, पिछले छः साल से कोमा में चल रहे देश के कद्दावर नेताओं में से एक पूर्व वित्त, विदेश और रक्षामंत्री जसवंत सिंह जसोल का गत 27 अक्टूबर को निधन हो गया था. कल दिवंगत नेता जसवंत सिंह जसोल की तेरहवीं थी.
जोधपुर में मीडिया से बातचीत में सचिन पायलट उत्तरप्रदेश की योगी सरकार और केन्द्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. पायलट ने कहा कि किसी भी राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार हो, लेकिन अपराध होने के बाद वहां का प्रशासन और सरकार क्या रवैया अपनाती है यह जनता देखती है. अपराध होने के पश्चात हाथरस में सबूत नष्ट करने की कोशिश की गई. पायलट ने कहा कि परिजनों को दूर रखा गया. रात में शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया. यह नही होना चाहिए था, पूरे देश में इस बात की चर्चा हो रही है कि क्या कारण थे जिसके चलते यूपी सरकार ने लोगों को रोके रखा और पूरे गांव को पुलिस से घेर लिया. मीडिया को जाने नहीं दिया, इससे पूरे देश में एक गलत संदेश गया है.
यह भी पढ़ें: नगर निगम चुनाव- गहलोत सरकार को लगा बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव टालने से किया इनकार
सचिन पायलट ने कहा कि चाहे कुछ भी हो जाए हम अपनी बात जरूर रखेंगे. चाहे हाथरस का मामला हो या किसानों का मामला हो, मैं पूछना चाहता हूं कांग्रेस सरकार ने जो कानून बनाए थे उनको बार-बार बदलने कोशिश क्यों की गई. केंद्र सरकार किसानों को आमदनी दुगनी करने का वादा करके सत्ता में आई थी. क्या अभी तक किसी भी किसान की आमदनी दोगुनी हुई.
मोदी सरकार द्वारा सदन से पारित करवाकर कानून बन चुके कृषि बिलों को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि आज जो तीन अध्यादेश ये लेकर आए हैं क्या जरूरत थी इनको लाने की, इसके लिए राज्य सरकारों को कॉन्फिडेंस में लेना चाहिए था. इसकी चर्चा होनी चाहिए थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया.
पायलट ने कहा कि सरकार किसानों को फायदा देने के बजाय निजी कंपनियों को फायदा देने के लिए काम कर रही है. ऐसी क्या स्थिति हुई जिसके चलते संसद में इन दिनों पर चर्चा नहीं हुई. किसान चाहता है अच्छा बीज मिले अच्छा निवेश हो. सरकार इन कामों को छोड़कर एमएसपी (MSP) व मंडी व्यवस्था को खत्म करने की साजिश रची है, जिसके लिए किसान जवाब देगा. पायलट ने कहा आज पूरे देश का किसान आक्रोशित है और कांग्रेस एक जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते इसका विरोध कर रही है.
इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी द्वारा राजस्थान में दुष्कर्म की घटनाओं को मुद्दा बनाने के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि बीजेपी पता नहीं कितने खंडों में बंट चुकी है. इनके नेता कुछ और बोलते हैं, पदों के आदमी कुछ और बोलते हैं. मुझे ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी विपक्षी पार्टी होने का दायित्व सही ढंग से नहीं निभा पा रही है.