नगर निगम चुनाव: गहलोत सरकार को लगा बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव टालने से किया इनकार

SC ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से किया इनकार, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जयपुर-जोधपुर-कोटा में चुनाव होना तय, पहले भी तीन बार टाले जा चुके हैं 6 नगर निगमों में चुनाव

Nagar Nigam Chunav In Rajasthan
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Politalks.News/Rajasthan. जयपुर, जोधपुर और कोटा के नवगठित 6 नगर निगमों में निकाय चुनाव को लेकर राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हुई सुनवाई में राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए सरकार की मार्च-2021 तक चुनाव टालने की याचिका पर साफ इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग को एक सप्ताह के भीतर तीनों शहरों के 6 नगर निगमों के चुनावी कार्यक्रम को नाटिफाई करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को इस बात की भी छूट दी है कि चुनाव कार्यक्रम की तारीखें 31 अक्टूबर से आगे जाने पर राजस्थान हाईकोर्ट जा सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद तय हो गया है कि अक्टूबर के अंत में दिवाली से पहले पहले जयपुर, जोधपुर और कोटा में निकाय चुनाव होना तय है.

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राजस्थान सरकार की एसएलपी पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजीव खन्ना की तीन सदस्यीय बैंच ने चुनाव टालने के लिए सरकार की ओर से दिए गए कोरोना संकट के बहाने को सिरे से खारिज कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने साफ और स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब देश में बिहार में विधानसभा चुनाव और मध्यप्रदेश में उप चुनाव आयोजित कराए जा रही हैं. राजस्थान में भी खुद राज्य चुनाव आयोग चार चरणों में पंचायत चुनाव संपन्न करा रहा है. ऐसे में कोरोना कारण देकर आयोग नगर निगम चुनाव को टालने के लिए कैसे कह सकता है.

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याद दिला दें, राज्य सरकार ने पहले हाईकोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में कोरोना संक्रमण के हालातों का हवाला देते हुए तीनों जगह के नगर निगम चुनाव टालने की गुहार की है. सरकार की ओर से कहा गया कि कोरोना के बेहद संकटकालीन माहौल में निकाय चुनाव कराया जाना संभव नहीं है. सरकार ने हाईकोर्ट में 31 मार्च, 2021 तक निगम चुनाव टालने की गुहार लगाई थी. इस पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 31 अक्टूबर तक तीनों शहरों के 6 नगर निगमों में चुनाव कराने का आदेश दिया. इस फैसले के विरोध में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया जहां से भी गहलोत सरकार को राहत नहीं मिली.

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बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट अब तक तीन बार निगम चुनाव का समय बढा चुका है. हाईकोर्ट ने 18 मार्च को आदेश जारी कर चुनाव 17 अप्रैल से आगामी छह सप्ताह के लिए स्थगित कर दिए थे. उसके बाद 28 अप्रैल को इस अवधि को एक बार फिर 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया था. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के प्रार्थना पत्र पर तीसरी बार 22 जुलाई को चुनाव की तारीख 31 अक्टूबर तक बढा दी. लेकिन हाईकोर्ट ने चौथी बार चुनाव टालने को लेकर राज्य सरकार द्वारा पेश किये गये प्रार्थना पत्र को नामंजूर कर दिया, साथ ही 31 अक्टूबर तक चुनाव कराने के आदेश दिये. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जयपुर, जोधपुर और कोटा में नवगठित नगर निगमों में चुनाव तय हो गये हैं.

141 निकायों के लिए 13 अक्टूबर को निकाली जाएगी आरक्षण लॉटरी

स्वायत्त शासन विभाग ने बीते दिनों संबंधित जिला कलक्टर्स को वार्डों की आरक्षण लॉटरी निकालने के आदेश जारी कर दिये हैं. आगामी 13 अक्टूबर को राज्य के 141 निकायों के लिये लॉटरी निकाली जाएगी. इसमें 129 निकाय वे हैं जिनका कार्यकाल इसी वर्ष अगस्त में पूरा हो चुका है और वहां पर सरकार ने प्रशासक नियुक्त कर रखे हैं. स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक दीपक नंदी की ओर से कलेक्टर्स को जारी किए गए आदेशों में साफ किया गया है कि लॉटरी के माध्यम से वार्डों का आरक्षण तय किया जाएगा. उसकी जानकारी उसी दिन दोपहर में 2 बजे तक राज्य निर्वाचन आयोग और स्वायत्त शासन विभाग को भेजना सुनिश्चित करने को भी कहा गया है.

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