ग्रामीण अर्थव्यवस्था को संबल देने हेतु शुरू हुए मनरेगा कार्यों का पायलट ने किया औचक निरीक्षण

श्रमिकों को आर्थिक संबल देने के लिए मनरेगा में शुरू हुआ काम, 6.08 लाख मनरेगा श्रमिकों को मिला रोजगार, पायलट ने कहा मनरेगा में व्यक्तिगत लाभ के कार्यों को दी जाएगी प्राथमिकता

सचिन पायलट ने किया मनरेगा कार्यों का औचक निरीक्षण
सचिन पायलट ने किया मनरेगा कार्यों का औचक निरीक्षण

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना कहर के चलते राजस्थान में पिछले एक महिने से जारी लॉकडाउन का सबसे ज्यादा असर मजदूरऔर वंचित वर्ग पर पडा है. राजस्थान सरकार ने गरीबों को आर्थिक संबल देने के लिए मॉडिफाइड लॉकडाउन के दौरान मनरेगा के तहत श्रमिकों को रोजगार देकर उन्हें सम्बल प्रदान करने की पहल की है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के साथ ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री सचिन पायलट ने बुधवार को जयपुर के चाकसू की कुम्हारियावास एवं तितरिया ग्राम पंचायत में मनरेगा के कार्यों का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान पायलट ने मास्क, सेनेटाइजर, साबुन और दवाईयों की निरीक्षण के दौरान जांच की. इसके साथ ही पायलट ने श्रमिकों से बात कर कार्यस्थल पर मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली. पायलट ने व्यवस्थाओं का जायजा लेने के बाद अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए.

औचक निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने मनरेगा में कार्यरत श्रमिकों से लॉकडाउन की परिस्थिति में जहां अन्य आर्थिक गतिविधियां लगभग बंद है, ऐसे में उनकी आजीविका के लिए मनरेगा कार्यों की उपयोगिता के बारे में उनसे जानकारी ली. इस दौरान श्रमिकों ने पायलट को बताया कि लॉकडाउन की स्थिति में मनरेगा कार्यों को प्रारम्भ किये जाने से उन्हें आर्थिक सम्बल मिला है. श्रमिकों ने बताया कि वर्तमान परिस्थिति में मनरेगा ही ग्रामीण क्षेत्रों में आय का प्रमुख स्त्रोत है.

इस पर वार्ता करते हुए सचिन पायलट ने बताया कि कार्यस्थल पर कार्यरत मनरेगा श्रमिकों द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु मास्क का उपयोग करने, साबुन से बार-बार हाथ धोने तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना किये जाने संबंधी उपायों का जायजा लिया तथा मौके पर उपस्थित मेट, सहायक अभियंता एवं विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि कार्यस्थल पर मेडिकल किट में साबुन की उपलब्धता तथा सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नियमित रूप से सुनिश्चित की जाये.

उपमुख्यमंत्री पायलट ने बताया कि इस महीने में 17 अप्रेल तक लॉकडाउन के कारण मात्र 62 हजार श्रमिक नियोजित हुए. ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा की उपयोगिता को दृष्टिगत् रखते हुए अधिकाधिक कार्य प्रारम्भ कर श्रमिकों के नियोजन पर जोर दिया गया जिससे मात्र चार दिन में ही श्रमिकों का नियोजन 62 हजार से बढ़कर 6.08 लाख से भी अधिक हो गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा योजना के तहत काम मांगने हेतु लोगों को प्रेरित एवं जागरूक कर श्रमिकों के नियोजन के अधिकतम लक्ष्य को हासिल करने के प्रयास जारी है.

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सचिन पायलट ने आगे बताया कि मनरेगा योजना के तहत स्वीकृत व्यक्तिगत लाभ के कार्यों में प्रधानमंत्री आवास योजना में आवास निर्माण, केटलशेड निर्माण, वर्मी कम्पोस्ट यूनिट निर्माण, खेतों की मेडबंदी व समतलीकरण आदि कार्य शामिल है. प्रदेश में श्रमिकों के नियोजन हेतु इनको प्राथमिकता दी जायेगी जिससे सोशल डिस्टेंसिंग की भी स्वतः ही पालना हो सकेगी. मनरेगा योजना के तहत मिलने वाली मजदूरी से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सम्बल मिलेगा.

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