FCI से बाजार मूल्य पर गेंहू खरीद कर 60 लाख जरूरतमंदों को नि:शुल्क वितरण करेगी गहलोत सरकार

प्रवासी राजस्थानियों को अपने घर पहुंचाने की प्रधानमंत्री से करेंगे पुरजोर मांग, नियमों के उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना, जीवन बचाने में जाति-धर्म मायने नहीं रखता, औद्योगिक इकाइयों में काम शुरू होना शुभ संकेत, करीब चार हजार पाक विस्थापितों को सहायता

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न हुए इस विकराल संकट के बीच राजस्थान के संवेदनशील मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संकल्प लिया है कि प्रदेश में कोई भी भूखा नहीं सोए. बुधवार को हुई ऑनलाइन प्रेसवार्ता के दौरान सीएम गहलोत ने बताया कि प्रदेश में किसी को भी भूखा नहीं सोना पडे इसके लिए राज्य सरकार अब एफसीआई से बाजार दर पर गेहूं खरीदकर खाद्य सुरक्षा से वंचित प्रदेश के 54 लाख पात्र लोगों एवं निराश्रित व्यक्तियों सहित करीब 60 लाख जरूरतमंदों को दस-दस किलो नि:शुल्क गेहूं उपलब्ध कराएगी. वर्तमान में केंद्र सरकार वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानकर ही राज्य को गेहूं का आवंटन कर रही है. जबकि बीते सालों में खाद्य सुरक्षा की पात्रता के दायरे में 54 लाख लोग और आ गए हैं. मैंने इन लोगों को एनएफएसए की सूची में शामिल कर अतिरिक्त गेहूं का आवंटन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र भी लिखा है.

प्रवासी राजस्थानियों को अपने घर पहुंचाने की प्रधानमंत्री से करेंगे पुरजोर मांग, करीब चार हजार पाक विस्थापितों को सहायता

सीएम अशोक गहलोत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 27 अप्रैल को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंस प्रस्तावित है. केंद्र अन्य राज्यों में फंसे राजस्थान के प्रवासी कामगारों, श्रमिकों, छोटे दुकानदारों को घर आने की छूट दे. प्रधानमंत्री से वार्ता के दौरान यह हमारा पुरजोर एजेंडा रहेगा.

नियमों के उल्लंघन पर लगेगा जुर्माना

आगे जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि लॉकडाउन के कारण तंबाकू, गुटखा एवं शराब बेचने पर पूर्णतया पाबंदी है. अगर कोई बेचता पाया गया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा. इसी तरह सार्वजनिक स्थानों पर थूकने, मास्क नहीं लगाने, धारा 144 के उल्लंघन आदि पर भी आर्थिक दंड लगाया जाएगा. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि सरकार लॉकडाउन का उल्लंघन किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी.

जीवन बचाने में जाति-धर्म मायने नहीं रखता

सीएम गहलोत ने बताया कि कुछ शरारती लोग लॉकडाउन एवं कर्फ्यू वाले क्षेत्रों में किसी समुदाय विशेष को छूट दिए जाने की अफवाहें एवं झूठ फैला रहे हैं. ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि जब लोगों की जिन्दगी दांव पर लगी है तो सरकार के लिए जाति एवं धर्म मायने नहीं रखता है. हमारा एक ही लक्ष्य है कैसे प्रदेशवासियों के जीवन की रक्षा की जाए. मैंने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिए हैं कि किसी भी वर्ग का व्यक्ति क्यों नहीं हो, अगर वह नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे बख्शा नहीं जाए.

औद्योगिक इकाइयों में काम शुरू होना शुभ संकेत

आगे जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि मॉडिफाइड लॉकडाउन लागू होने के बाद औद्योगिक इकाइयों को सुनियोजित ढंग से शुरू किए जाने के प्रयास किए हैं. जिसके चलते हमारी उम्मीद से अधिक औद्योगिक इकाइयों ने काम शुरू कर दिया है. इनमें कई बड़ी इकाइयां भी शामिल हैं. यह एक शुभ संकेत है. भीलवाड़ा, उदयपुर, अलवर, जोधपुर, अजमेर, भरतपुर, कोटा समेत प्रदेश के कई जिलों में औद्योगिक गतिविधियां प्रारंभ हुई हैं. भीलवाड़ा में करीब 40 इकाइयाें तथा उदयपुर में 50 इकाइयों ने काम शुरू किया है जिनमें करीब 13 हजार श्रमिक नियोजित हुए हैं. हिंदुस्तान जिंक, जिंदल शॉ, अल्ट्रा टेक, हीरो मोटोकॉर्प, केईआई लिमिटेड, डाइकिन सहित कई बड़ी कम्पनियों ने अपनी गतिविधियां प्रारम्भ कर दी हैं.

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करीब चार हजार पाक विस्थापितों को सहायता

सीएम गहलोत ने आगे बताया कि हमारी सरकार ने जरूरतमंद पाक विस्थापितों को भी राशन सामग्री एवं अन्य सहायता उपलब्ध करवाई है. जयपुर, जोधपुर, पाली, जालौर, सिरोही, बाडमेर, जैसलमेर समेत प्रदेश में रह रहे पाक विस्थापितों को राशन सामग्री उपलब्ध करवाने के लिए जिला कलक्टरों को निर्देश दिए थे. प्रदेश में करीब 4 हजार पाक विस्थापित परिवारों को राशन सामग्री मुहैया कराई गई है.

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