153 नए मामलों के साथ प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकडा पहुंचा 1888, चिकित्सकों की भर्ती प्रकिया शुरू

735 जिला चिकित्सकों की नियुक्ति के बाद अब 2000 नए चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया होगी शुरू, पत्रकारों की होगी कोविड-19 जांच, कोरोना वॉरियर्स से अभद्रता बर्दाश्त नहीं

20 04 2020 Coronavirus Delhi Patient 20207810
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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रदेश के 9 जिलों में बुधवार को 153 नए कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए वहीं जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भरतपुर के वैर से भर्ती 55 वर्षीय महिला मरीज की मौत हो गयी. प्रदेश में कोरोना का एपिसेंटर बनी राजधानी जयपुर में अकेले बुधवार को 68 नए कोरोना पॉजिटव केस सामने आए. बता दें, इससे पहले मंगलवार को भी प्रदेश में 159 तो जयपुर में 72 नए केस सामने आए थे.

प्रदेश में कोरोना का संक्रमण बढता जा रहा है वहीं चिकित्सा विभाग में रिक्त पडे पदों की खामी भी नजर आती जा रही है. इसको लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि कोरोना से लड़ाई में मैनपावर की कमी नहीं आने दी जाएगी. पिछले दिनों प्रदेश में 735 नए चिकित्सकों को जिलों में नियुक्ति दे दी गई है और अब 2000 नए चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर न्यायालय में अटकी 12 हजार 500 जीएनएम और एएनएम की भर्ती का रास्ता साफ करते हुए 9 हजार एएनएम और जीएनएम को जल्द ही नियुक्ति दी जा रही है.

मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि प्रदेश में स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने और चिकित्सा संस्थानों को सभी चिकित्सा सुविधाओं से युक्त करने के लिए भी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं. प्रदेश में जांच सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. प्रदेश के चिकित्सा संस्थानों में वर्तमान में 4700 जांच प्रतिदिन करने की क्षमता विकसित कर ली है व आने वाले दिनों में इसकी संख्या 10 हजार होगी. प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर भी जांच की सुविधाएं विकसित करने पर काम चल रहा है.

चिकित्सा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ज्यादा से ज्यादा जांचें कर कोरोना की वास्तविकता का पता लगाने के लिए संकल्पबद्ध है. इसके लिए देश में सबसे पहले राजस्थान में ही रेपिड टेस्टिंग किट का इस्तेमाल किया गया. राजस्थान सरकार की सतर्कता की वजह से ही रेपिड टेस्ट किट की सच्चाई का भी पता चल सका. रेपिड टेस्ट किट पर राजस्थान ने ही सबसे पहले इसकी शुद्धता की जांच की और आईसीएमआर को देश भर में इससे की जाने वाली जांचों पर रोक लगानी पड़ी.

पत्रकारों की होगी कोविड-19 जांच

महाराष्ट्र और दिल्ली के बाद अब राज्य सरकार ने भी पत्रकारों की कोरोना जांच करवाने का फैसला लिया है. इस बारे में जानकारी देते हेबमंत्री रघु शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों की तरह ही पत्रकार बिरादरी अपनी जान जोखिम में डालकर आमजन को कोरोना संबंधी सूचनाएं उपलब्ध करा रही है. देश के कई हिस्सों से पत्रकारों के कोरोना पाॅजीटिव आने की सूचना मिली है. ऐसे में मुख्यमंत्री के निर्देश पर राज्य के पत्रकारों की कोरोना जांच करवाई जाएगी ताकि वे बेफिक्र होकर अपनी ड्यूटी निभा सकें.

कोरोना वॉरियर्स से अभद्रता बर्दाश्त नहीं

कोरोना वॉरियर्स के साथ आए दिन हो रही दुर्व्यवहार की घटनाओं पर बोलते हुए मंत्री शर्मा ने कहा कि कोरोना से लड़ रही फोर्सेज का स्वस्थ रहना हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है. स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस बल, प्रशासक, पत्रकार और अन्य सेवाओं के लोग इस लड़ाई में मुस्तैदी से लगे हुए हैं. इनके साथ किसी भी सूरत में बदतमीजी या अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी. अभद्रता करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी.

चिकित्सा सुविधाओं से वंचित क्षेत्रों के लिए 400 मेडिकल वैन

मंत्री रघु शर्मा ने बताया कि कोरोना प्रभावित, कर्फ्यूग्रस्त व ऐसे क्षेत्र जो लाॅकडाउन की वजह से सामान्य चिकित्सा सेवाओं से वंचित हैं वहां 400 मेडिकल मोबाइल वाहनों द्वारा सेवाएं सुलभ करवाई जा रही हैं. इन वाहनों के द्वारा सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक सभी उपखंड मुख्यालयों व अन्य चिन्हित स्थानों पर चिकित्सा उपचार सेवाएं उपलब्ध होंगी. कोई भी व्यक्ति जो किसी आम या विशेष बीमार से ग्रस्त है वह इस सेवा के अंतर्गत निःशुल्क उपचार ले सकेगा. इन मोबाइल वाहनों में लाउडस्पीकर की व्यवस्था भी की गई है ताकि घरों में रह रहे लोगों को इसकी सूचना आसानी से मिल सके.

चिकित्सकीय सामग्री की हो केंद्रीय खरीद व्यवस्था

केन्द्र सरकार से मांग करते हुए मंत्री शर्मा ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए काम आने वाले पीपीई किट, वेंटिलेटर्स, एन-95 मास्क, टेस्टिंग किट्स सहित सभी चिकित्सकीय सामग्री खरीद की केंद्रीय व्यवस्था होनी चाहिए. आईसीएमआर द्वारा तय कंपनियों द्वारा राज्य सामग्री खरीद रहे हैं. केंद्र सरकार यदि केंद्रीय खरीद व्यवस्था में इसे ले लेती है तो राज्यों को मांग के अनुसार आपूर्ति हो सकती है.

राज्य सरकारों को मिले पर्याप्त मात्रा में गेहूं व खाद्यान्न

चिकित्सा मंत्री ने आगे बताया कि प्रदेश और देश में लॉकडाउन के चलते गेहूं की कमी आ रही है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत आने वाले जरूरतमंद लोगों के अलावा मध्यमवर्ग एक बड़ा तबका है जो किसी भी योजना के दायरे में नहीं आता. ऐसे जरूरतमंदों को गेहूं उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है. तमाम राज्यों के जरूरतमंदों तक पर्याप्त मात्रा में गेहूं पहुंचे केंद्र सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए.

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बता दें, राजस्थान के 26 जिलों में अब तक कोरोना का संक्रमण फैल चुका है. प्रदेश में बुधवार देर रात तक जयपुर में 725, जोधपुर-287, टोंक-115, कोटा-114, भरतपुर और अजमेर में 103-103, नागौर-75, बांसवाडा-61, झुंझुनू-40, बीकानेर-37, जैसलमेर 34, भीलवाडा-33, दौसा-21, झालावाड-20, चुरू-14, हनुमानगढ और सवाई माधोपुर में 8-8, अलवर-7, डूंगरपुर-5, उदयपुर-4, करौली 3, प्रतापगढ, सीकर और पाली में 2-2, धौलपुर और बाडमेर में अब तक एक एक कोरोना पॉजिटिव केस सामने आया है.

गौरतलब है कि जोधपुर और जैसलमेर में ईरान से रेस्क्यू कर लाये गये भारतीयों में से 61 पॉजिटिव केस सामने आ चुके है. इसके अलावा जयपुर में इटली के 2, इन सभी को मिलाकर अब तक प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या 1888 वहीं जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती भरतपुर के वैर निवासी 55 वर्षीय महिला की मौत हो जाने से अब तक कोरोना से मरने वालों की संख्या बढकर 27 हो चुकी है. प्रदेश में अब तक सामने आए 1888 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 344 मरीज पॉजिटिव से नेगेटिव हो चुके है जिनमें से 133 को डिस्चार्ज किया जा चुका है.

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