Wednesday, January 22, 2025
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Homeबड़ी खबरराजसमंद की नाटकीय परिस्थितियों में क्या बीजेपी पर पार पा सकेगी कांग्रेस?

राजसमंद की नाटकीय परिस्थितियों में क्या बीजेपी पर पार पा सकेगी कांग्रेस?

अगर कांग्रेस महिला वोटर्स में सेंध लगा सकें और अपने पारंपरिक वोट बैंक को अपने पाले में कर सके तो बीजेपी की हैट्रिक को रोका जा सके, बीजेपी की महिला विश्वेंद्र सिंह के सामने ताल ठोक रहे दामोदर गुर्जर.

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Loksabha Election: राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों में से एक राजसमंद हॉट और वीआईपी सीट मानी जाती है. जयपुर की राजकुमारी दीया कुमारी पिछली बार इस सीट से जीती थी. उसके बाद से यह सीट वीआईपी सीटों में शामिल हो गयी. हालांकि उन्होंने विधायक बनने के बाद सांसद पद से इस्तीफा दे दिया. राजसमंद लोकसभा सीट इकलौती ऐसी सीट है जो चार जिलों की आठ विधानसभा सीटों से मिलकर बनी है. इन सभी आठ सीटों पर बीजेपी के विधायक विराजमान हैं. बीजेपी ने यहां से महिमा विशेश्वर सिंह को मैदान में उतारा है, जिन पर बीजेपी के लिए जीत की हैट्रिक लगाने का दारोमदार है. वहीं बीजेपी का विजय रथ रोकने के लिए कांग्रेस ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है.

कांग्रेस के लिए यहां नाटकीय स्थिति तब बनी, जब पार्टी प्रत्याशी सुदर्शन रावत ने अपना टिकट लौटा दिया. उनके टिकट लौटाने के बाद कांग्रेस ने दामोदर गुर्जर को यहां से मैदान में उतारा. दामोदर को पहले ही भीलवाड़ा से टिकट दे दिया गया था. रावत के टिकट लौटाने के बाद आनन फानन में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को भीलवाड़ा से टिकट दिया गया और दामोदर गुर्जर का टिकट बदल उन्हें राजसमंद चुनाव लड़ने के लिए भेजा गया. अब गुर्जर अपनी साख बचाने और कांग्रेस को ये सीट दिलाने के लिए जमकर पसीना बहा रहे हैं.

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तीन में से दो बार बीजेपी को मिली विजयश्री

2008 के परिसीमन में अस्तित्व में आयी राजसमंद लोकसभा सीट में पहला चुनाव 2009 में हुआ. उस समय कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत यहां से सांसद चुने गए. उन्होंने बीजेपी के रासा सिंह रावत को करीब 45 हजार वोटों से हराया. इसके बाद 2014 में यह सीट भारतीय जनता पार्टी की झोली में चली गई. बीजेपी के हरिओम सिंह राठौड़ ने पिछले सांसद गोपाल सिंह शेखावत को 3.95 लाख वोटों से मात दी. 2019 में दीया कुमार ने यहां एक बार फिर कमल खिलाया. दीया ने कांग्रेस के देवकीनंदन को 5.51 वोटों से हराया था.

सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी के विधायक

राजसमंद चार जिलों की आठ विधानसभा सीटों से बना संसदीय क्षेत्र है. इसमें अजमेर की एक, नागौर की दो, पाली की एक और राजसमंद की चार सीटें शामिल हैं. बीजेपी प्रत्याशी महिमा के के पति जिले की नाथद्वारा सीट से सीटिंग विधायक हैं. उन्होंने पांच बार के विधायक और राजस्थान के तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को हराया. इस लोकसभा सीट की सभी सीटों पर बीजेपी विधायक होने से राजसमंद बिना किसी विवाद के बीजेपी के खाते में जाती दिख रही है.

राजसमंद का जातिगत गणित

2011 जनगणना के अनुसार राजसमन्द में 6,77,980 आबादी थी. इसमें 350,330 पुरुष और 327,650 स्त्रियां शामिल हैं. सामान्य श्रेणी की इस संसदीय सीट पर अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या लगभग 305,870 है. वहीं अनुसूचित जनजाति के वोटर करीब 125,388 हैं. मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 164,644 है. वर्तमान में यहां की जनसंख्या 20 लाख के करीब है और स्त्री पुरूष की तादात करीब करीब एक समान है. यहां बीजेपी का बोलबाला है और सीट सीधे सीधे भारतीय जनता पार्टी के खेमे में जाते दिख रही है. अगर कांग्रेस महिलाओं का तिलस्म तोड़ सके और अपने पारंपरिक वोट बैंक को अपने पाले में कर सके तो बीजेपी की हैट्रिक को रोका जा सकता है.

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