अब KCR ने किया पीएम मोदी की बैठक से किनारा, नीतीश ने दूसरी बार किया मुलाकात से इनकार

नीति आयोग की सातवीं बैठक कल दिल्ली में, नीतीश कुमार के बाद अब KCR ने भी किया बैठक का बहिष्कार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कहा- भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में तभी विकसित हो सकता है जब राज्य हों विकसित, मजबूत और आर्थिक रूप से जीवंत राज्य ही भारत को बना सकते हैं एक मजबूत देश, तो नीति आयोग ने भी दिया KCR को जवाब

मोदी की मीटिंग से किनारा कर बोले मुख्यमंत्री- फायदा क्या?
मोदी की मीटिंग से किनारा कर बोले मुख्यमंत्री- फायदा क्या?

Politalks.News/NitiAayog. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 7 अगस्त को नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक आयोजित होगी. नीति आयोग की इस बैठक में फसल विविधीकरण और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी. इस बैठक में जी-20 मंच पर प्रगति को रेखांकित करने में राज्यों की भूमिका पर भी जोर दिया जाएगा. वहीं नीति आयोग की इस बैठक में बिहार के बाद अब तेलंगाना के मुख्यमंत्री भी भाग नहीं लेंगे. तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख अपने इस निर्णय की जानकारी दी है. KCR ने अपने पत्र में लिखा कि, ‘भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में तभी विकसित हो सकता है, जब राज्य विकसित हों. लेकिन केंद्र राज्यों के प्रति ‘भेदभावपूर्ण’ रवैया अपनाता है. मजबूत और आर्थिक रूप से जीवंत राज्य ही भारत को एक मजबूत देश बना सकते हैं.’

दरअसल प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात रविवार को नीति आयोग की सातवीं बैठक की अध्यक्षता करेंगे. बैठक का आयोजन राजधानी दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केन्द्र में होगा. पीएमओ ने कहा कि, ‘ऐसे समय में जब देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहा है, राज्यों को चुस्त, लचीला और आत्मनिर्भर होने और सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में बढ़ने की जरूरत है.’ वहीं नीति आयोग की इस बैठक में जदयू एवं TRS ने शामिल होने से साफ़ इंकार कर दिया है. यह दूसर मौका है जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में शामिल होने से इंकार कर दिया. हालांकि सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार कोरोना के चलते बैठक में शामिल नहीं हो सकते.

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वहीं नीतीश कुमार के नीति आयोग की बैठक से दुरी बनाने को लेकर सियासी गलियारों में एक अलग ही चर्चा ने जोर पकड़ लिया है. पिछले काफी समय से एनडीए के प्रमुख दल बीजेपी से नाराज चल रहे नीतिश कुमार, केंद्र सरकार या बीजेपी सरकार की प्रत्येक मीटिंग में अपने अधीनस्थ अधिकारियों या मंत्रिमंडल सहयोगियों को भेज रहे हैं. सियासी जानकारों का मानना है कि नीतीश कुमार बीजेपी से खफा चल रह हैं इसी कारण एक महीने में दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले किसी कार्यक्रम में शामिल न होकर नाराजगी जताई है. इससे पहले पिछले महीने मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के लिए पीएम मोदी द्वारा आयोजित रात्रिभोज और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के उद्घाटन समारोह से भी दूर रहे हैं. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई मुख्यमंत्रियों की बैठक के लिए अपने डिप्टी भेजा था.’

नीतीश कुमार के साथ ही तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भी नीति आयोग की इस बैठक में भाग लेने से मना कर दिया है. इसके लिए बकायदा KCR ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख राज्यों के साथ ‘भेदभावपूर्ण’ रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. KCR ने पीएम मोदी को लिखे अपने पत्र में कहा कि, ‘भारत एक मजबूत राष्ट्र के रूप में तभी विकसित हो सकता है जब राज्य विकसित हों. मजबूत और आर्थिक रूप से जीवंत राज्य ही भारत को एक मजबूत देश बना सकते हैं. इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, मुझे 7 अगस्त, 2022 को होने वाली नीति आयोग की 7वीं शासी परिषद की बैठक में भाग लेना उपयोगी नहीं लगता है. मैं केंद्र सरकार की वर्तमान प्रवृत्ति के खिलाफ कड़े विरोध को दर्ज कराने के रूप में इसके बॉयकाट का फैसला ले रहा हूं.’

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केसीआर ने अपने पत्र में नीति आयोग की मीटिंग के बॉयकाट के कारणों का उल्लेख करते हुए लिखा कि, ‘भारत को एक मजबूत और विकसित देश बनाने के लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है, लेकिन हमारे सामूहिक प्रयास में राज्यों के साथ भेदभाव किया जाता है. गैर बीजेपी शासित राज्यों को समान भागीदार नहीं माना जाता है, न उनके योगदान को श्रेय दिया जाता है.’ kCR ने आगे कहा कि, ‘लोगों को अधिकतम लाभ सुनिश्चित करने के लिए उनकी जरूरतों और शर्तों के आधार पर योजनाओं को डिजाइन और संशोधित करने के लिए राज्यों को पर्याप्त अधिकार नहीं दिए जा रहे हैं. यही केंद्र के खिलाफ मेरी नाराजगी का सबसे बड़ा कारण है.’ वहीं KCR के आरोपों पर अब नीति आयोग का भी जवाब सामने आया है.

नीति आयोग ने KCR को जवाब देते हुए कहा कि, ‘राज्यों के साथ और बेहतर काम करने के लिए पहले ही कई कदम उठाए गए हैं. पिछले साल मुख्यमंत्रियों के साथ 30 से ज्यादा बैठकें की गईं. पिछले साल तेलंगाना के मुख्यमंत्री से हमारे डेलिगेशन ने हैदराबाद में मुलाकात की. हाल में, तेलंगाना के सीएम से कई बार अनुरोध किया गया लेकिन उन्होंने बैठक के बारे में कोई जवाब ही नहीं दिया.’

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