Politalks.News/Rajasthan. देशभर में जारी किसान आंदोलन के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार ने किसानों को बड़ी राहत प्रदान की है. प्रदेश में अब किसानों को अब डार्क जोन में ट्यूबवेल या कुएं खोदने के लिए किसी प्रकार की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी. 2011 में यह नियम बनाया गया था कि बिना अनुमति ट्यूबवेल और कुएं नहीं खोदे जा सकेंगे. सीएम अशोक गहलोत की अध्यक्षता में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित हुई गहलोत मंत्री परिषद की बैठक में किसानों के लिए यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया. केबिनेट बैठक के बाद पीसीसी चीफ गोविंदसिंह डोटासरा ने यह जानकारी मीडिया को दी. सम्बंधित आदेश सरकार द्वारा आज जारी किए जाएंगे.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सीएम के पास डार्क जोन में ट्यूबवेल पर रोक हटाने तथा डार्क जोन में कृषि कनेक्शन जारी करने और ब्लॉक स्तर तक प्रभावी जनसुनवाई का तंत्र विकसित करने के प्रस्ताव भिजवाए थे. कैबिनेट की बैठक में दोनों प्रस्तावों पर फैसला हो गया. इसके बाद अब पेयजल और घरेलू उपयोग के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में व्यक्तिगत घरेलू उपभोक्ता, ग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाओं, सशस्त्र बलों के प्रतिष्ठानों, कृषि कार्यकलापों और 10 घन मीटर प्रतिदिन से कम भू-जल निकासी करने वाले सूक्ष्म और लघु उद्योगों को भू-जल निकासी के लिए एनओसी नहीं लेनी होगी.
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वर्तमान में प्रदेश के भूजल स्तर को देखते हुए कई इलाके ऐसे हैं, जहां पानी की समस्या बहुत ज्यादा है. किसानों को खेती और पीने के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं होता है. बोरिंग या ट्यूबवेल खोदने के लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी होती है, जो कि आसानी से नहीं मिलती है. इससे किसानों को पेयजल की समस्या का सामना करना पड़ता है, ऐसे में अब गहलोत मंत्रिमंडल के इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब इस समस्या का समाधान हो गया है.
जनसुनवाई के लिए नहीं आना पड़ेगा जयपुर
वर्तमान में छोटे-छोटे काम व समस्याओं के निस्तारण के लिए जनता दूसरे जिलों से मंत्री के निवास पर जनसुनवाई के लिए जयपुर आती है. इनमे लोगों की कई ऐसे समस्याएं भी होती हैं जिनका निस्तारण जिला, उपखण्ड या तहसील स्तर पर ही अधिकारी कर सकते हैं. ऐसे में लोगों की इन्हीं समस्याओं को सुनने और उनके निस्तारण के लिए विधायकों को ब्लॉक व पंचायत जनसुनवाई शुरू करने की व्यवस्था की गई है. इससे लोगों को छोटी-छोटी समस्या के लिए जयपुर नहीं आना पड़ेगा.
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थ्री टीयर सिस्टम होगा विकसित
कैबिनेट में जिला, ब्लॉक और क्लस्टर स्तर पर जनसुनवाई का थ्री टीयर सिस्टम विकसित करने का फैसला किया गया है. इसके तहत पहले और तीसरे बुधवार को 10-10 गांवों के क्लस्टर में विधायक, प्रधान और स्थानीय अफसर जनसुनवाई करेंगे. हर क्लस्टर में 2 माह में सुनवाई अनिवार्य होगी. उपखंड स्तर पर हर माह के चौथे गुरुवार को जनसुनवाई होगी. जिला स्तर पर महीने के दूसरे गुरुवार को जनसुनवाई होगी. जिला स्तर की जनसुनवाई में सम्भगीय आयुक्त, विधायक और मंत्री रहेंगे.