Politalks.News/Rajasthan. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया नेकांफ्रेंस विपक्ष द्वारा किसानों के भारत बंद को समर्थन देने के मामले में सोमवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कांग्रेस और गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधते हुए गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि राजस्थान का गृह विभाग उस व्यक्ति के पास है, जिसको कोरोना की वीसी करने से ही फुर्सत नहीं है.
कटारिया ने कहा कि गृह विभाग यदि मुख्यमंत्री के पास हो तो भी उसका सहायक कोई ना कोई जरूर होता है, जो इन बातों की मॉनिटरिंग करता रहता है. केवल और केवल प्रशासनिक अधिकारियों पर सबकुछ नहीं छोड़ा जाता. कटारिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारी और पूरा डिपार्टमेंट मनमर्जी से जिधर चाहे जो कर रहा है. उसका परिणाम रोज राजस्थान भुगत रहा है कि छोटी-छोटी बच्चियों के साथ अपराध की घटनाएं सामने आ रही हैं.
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नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने आगे कहा कि अपराध मेरे समय में भी हुये थे, लेकिन मैंने उसको रोकने के लिये सख्ती के साथ चालान पेश करने से लेकर सजा दिलाने का काम किया. कटारिया ने बजरी व्यवसाय को लेकर कहा कि यह एक ऐसा व्यवसाय हो गया कि सारा का सारा डिपार्टमेंट इसमें नीचे पैंदे बैठ गया है. इसके बारे में सरकार को विचार करना चाहिए.
तुम मरोगे आपस में तब हम आएंगे न
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा के भाजपा में 6-6 मुख्यमंत्री के दावेदार वाले बयान पर पलटवार करते हुए गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि डोटासरा विद्वान आदमी हैं, वो कुछ भी बोले सकते हैं, लेकिन मुझे उनकी बुद्धि पर तरस आता है. अभी तो सरकार तुम्हारी हुई नहीं, तुम मरोगे आपस में तब हम आएंगे न. सीएम गहलोत के सरकार गिराने के आरोपों पर बोलते हुए कटारिया ने कहा कि यह बहुत चतुराई से फेंका गया तुरूप है. सरकार बचाने के लिए जो-जो आश्वासन इन्होंने विधायकों को दिए थे, वो रोज आकर पूछते हैं कि कब हो रहा है मंत्रिमंडल गठन और नियुक्तियां? यह इनसे हो नहीं रहा है, इसे कैसे टाला जाए, इसलिए बातों का बम फेंक दिया.
विपक्षी दलों का दोगलापन हो गया जाहिर
इससे पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने प्रेस वार्ता में कृषि बिलों के विरोध में हो रहे भारत बंद को लेकर विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला. कटारिया ने कहा कि जिन राजनीतिक दलों ने कृषि बिल के मसौदे का समर्थन किया था, वे ही पार्टियां आज भारत बंद का समर्थन कर रही हैं, जिससे उनको दोगलापन जाहिर हो रहा है. स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की रिकमंडेशन के आधार पर कृषि बिल लाए गए हैं. कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में भी इन बिलों को इस बिल को लाने की बात कही थी.
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किसानों को गुमराह करने का कर रहे हैं षड्यंत्र
बाजरे की खरीद को लेकर गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि हरियाणा में बाजरे की खरीद 2100 में है, लेकिन हमारे राज्य में किसान 1300 के भाव में बेचने को मजबूर है. एमएसपी के आधार पर देश भर में खरीद होती रही है होती रहेगी। ऐसे किसान कल्याणकारी फैसले का भी विपक्षी दल विरोध कर किसानों को गुमराह करने का षड्यंत्र कर रहे हैं, जिसमें वो कभी सफल नहीं होंगे.