नीट पेपर लीक मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए नीट यूजी परीक्षा को दोबारा आयोजित करने से इंकार कर दिया है. कोर्ट ने ये भी माना कि पेपर लीक को लेकर कोई विवाद नहीं है. हालांकि एक विशेष फैसले के बाद 13 लाख छात्रों की रैंकिंग में फेरबदल होना तय है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसे सत्य की जीत बताया. साथ ही साथ लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उनसे माफी मांगने की मांग की है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता ने जो रवैया अपनाया था, उससे उनकी मानसिक स्थिति का पता चलता है. इसकी आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने भारत की आलोचना की है. ऐसे में उन्हें माफी मांगनी चाहिए.
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आगे उन्होंने कहा कि , ‘देश के छात्रों को गुमराह करना, भ्रम पैदा करना और उन्हें सामाजिक तनाव के लिए उकसाना, ये सब उनकी राजनीति का सुनियोजित हिस्सा था. देश में चुनावी नतीजों को नकारकर अराजकता और नागरिक अशांति उनकी रणनीति का हिस्सा बन गई है. मैं उनसे और विपक्ष के सभी लोगों से अपील करता हूं कि जो इस तरह के गैरजिम्मेदाराना कामों में शामिल थे – उन्हें देश के छात्रों, युवाओं और अभिभावकों से माफी मांगनी चाहिए.’
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से जुड़ा हुआ पोस्ट भी किया. उन्होंने लिखा, ‘NEET-UG पर आज का फैसला अटकलों पर विराम लगाएगा और लाखों मेहनती और ईमानदार छात्रों को राहत देगा. छात्रों के हित को बरकरार रखने वाले ऐतिहासिक फैसले के लिए माननीय सुप्रीम कोर्ट का आभारी हूं.’
सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में ये कहा
सुप्रीम कोर्ट ने उन याचिकाओं को खारिज कर दिया जिनमें विवादों से घिरी इस परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट का मानना है कि परीक्षा दोबारा नहीं होगी. क्योंकि इससे लाखों उम्मीदवारों के भिवष्य पर असर पड़ेगा. पूरी परीक्षा कैंसल करना उचित नहीं होगा. परीक्षा में खामी का प्रयाप्त सबूत नहीं पाया गया है. इसकी विश्वसनीयता के व्यवस्थित तरीके से प्रभावित होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है. इस अंतरिम फैसले से केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) को बड़ी राहत मिली है. एनटीए 5 मई को संपन्न नीट परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर सड़कों से लेकर संसद तक कड़ी आलोचना एवं विरोध का सामना कर रही हैं. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष की ओर से प्रतिक्रिया देखने का इंतजार रहेगा.