नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार का पहला केंद्रीय बजट बीते दिवस लोकसभा में रख दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने काफी लंबा चौड़ा भाषण देकर काफी सारी चीजों को समझाते हुए बजट को देश के नए विकास से जोड़ा है. हालांकि बजट में बिहार और आंध्र प्रदेश को खास तवज्जो दिए जाने से विपक्ष नाखुश है. बिहार में इंफ्रा और अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए बजट में 58 हजार 900 करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती के विकास के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की घोषणा की गई है. ऐसे में विपक्ष ने बिहार एवं आंध्रप्रदेश को बड़ी राशि देकर अन्य राज्यों के साथ पक्षपात करने के आरोप लगाए जा रहे हैं और इसे ‘सरकार बचाओ बजट’ बताया है.
एक तरफ पीएम मोदी इसे मिडिल क्लास को नई ताकत देने वाला बजट बता रहे हैं, जो जनजातीय लोगों और दलितों को मजबूत करने की योजना से आया है. वहीं राहुल गांधी ने इसे कॉपी पेस्ट बजट बताया है.
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राहुल और अखिलेश बोले- ये सरकार बचाओ बजट
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसे सरकार बचाओ बजट बताया है. उन्होंने कहा कि बजट में सहयोगी पार्टियों का तुष्टिकरण किया गया. युवाओं के लिए सरकार का इंटर्नशिप प्रोग्राम कांग्रेस के घोषणापत्र से कॉपी पेस्ट किया गया है. वहीं समाजवार्टी पार्टी के अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार बचाने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है. देश को प्रधानमंत्री देने वाले उत्तर-प्रदेश जैसे राज्य के किसानों के लिए कोई बड़े फैसले नहीं लिए गए.
सपा प्रमुख ने कहा कि पिछले 10 सालों में मोदी सरकार ने केवल बेरोजगारी बढ़ाई है और अब 5 साल की ट्रेनिंग कराकर युवाओं को आधी अधूरी नौकरी से रोजगार का सपना दिखा रहे हैं. देश का युवा पक्की नौकरी चाहता है जिसका कोई रोड मैप नहीं है.
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वहीं सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि महिलाओं की हेल्थ और सेफ्टी को लेकर बजट में कुछ भी नहीं है. सरकार महंगाई को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठा रही है. ग्रामीण इलाकों में लोगों की खरीदारी की क्षमता घटती जा रही है, जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
बुनियादी राहत देने के बजाय झुनझुना पकड़ाया
मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि ये दिशाहीन सरकार का दृष्टिहीन बजट है. लोगों को बुनियादी राहत देने के बजाय झुनझुना पकड़ाने वाला दिख रहा है. रोजगार और इनकम टैक्स को लेकर जो घोषणाएं की गई हैं, वो आंख में धूल झोंकने वाली हैं.
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार के युवा इंटर्नशिप प्रोग्राम को लेकर निशाना साधा है. उन्होंने इसे कांग्रेस के ‘पहली नौकरी पक्की’ प्रोग्राम की कॉपी बताया. जयराम ने कहा कि कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के न्याय पत्र में इस प्रोग्राम को प्रपोज किया था, जिससे सीख लेते हुए फाइनेंस मिनिस्टर ने युवा इंटर्नशिप प्रोग्राम की घोषणा की है.
महाराष्ट्र का इतना अपमान क्यों?
शिवसेना-UBT से राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि सरकार को महसूस हुआ कि अगर अगले 5 साल तक सरकार चलानी है तो अलायंस पार्टनर्स को खुश रखना होगा. यही वजह है कि बजट में आंध्र प्रदेश और बिहार का खास ख्याल रखा गया. दोनों राज्यों को स्पेशल स्टेट का दर्जा भले नहीं मिला, लेकिन फंड दिया गया.
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वहीं शिवसेना लीडर आदित्य ठाकरे ने केंद्र पर महाराष्ट्र की अनदेखी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार बचाने के लिए बिहार और आंध्र प्रदेश को इतना बड़ा बजट दिया गया, लेकिन महाराष्ट्र की क्या गलती है. महाराष्ट्र सबसे बड़ा टैक्स पेयर है. देश के लिए योगदान करने के बदले हमें क्या मिला. क्या बजट में महाराष्ट्र का एक बार भी जिक्र हुआ? BJP आखिर महाराष्ट्र का इतना अपमान क्यों कर रही है.
पश्चिम बंगाल की अनदेखी का आरोप
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बजट में बंगाल की अनदेखी का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश और बिहार को मदद देने पर उन्हें कोई ऐतराज नहीं है, लेकिन भेदभाव नहीं करना चाहिए.
वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर का कहना है कि बजट में आम लोगों से जुड़े मुद्दे कहीं नजर ही नहीं आए. मनरेगा का कोई जिक्र ही नहीं हुआ. आम आदमी की इनकम बेहतर करने के लिए की गई घोषणाएं नाकाफी हैं. बजट में नई नौकरियों के मौके भी कुछ खास नहीं दिखे. शशि थरूर ने एंजल टैक्स को खत्म करने के प्रस्ताव का स्वागत किया और दावा किया कि उन्होंने पांच साल पहले पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली से इसकी सिफारिश भी की थी.
10 साल में कितनी नौकरियां दी, बताएं
बिहार में पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा कि सरकार 4 करोड़ नौकरी देने की बात कर रही है. पहले ये बताए कि 10 साल में कितनी नौकरियां दी गईं. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार किंगमेकर हैं, फिर भी बिहार को स्पेशल स्टेट का दर्जा नहीं मिला. उन्हें भीख नहीं मांगनी चाहिए बल्कि सरकार से अलग हो जाना चाहिए.
लोकसभा में पेश हुए बजट में विपक्ष के नेता कई खामियां बता रहे हैं. खासतौर पर टैक्सपेयर्स और युवाओं के लिए की गयी घोषणाओं में. ऐसे में इसे लेकर बहस हो सकती है. हालांकि सत्ता पक्ष और एनडीए में शामिल प्रमुख घटक दल इसे विकास का नया सूर्यादय भी बता रहे हैं. देखना ये होगा कि बजट पर चर्चा के दौरान विपक्ष का अगला रुख क्या रहता है.