2014 की मोदी लहर में राजस्थान की नागौर सीट से कांग्रेस की ज्योति मिर्धा को हराकर सांसद बने सीआर चौधरी की इस बार हालत खस्ता है. चार महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में नागौर की आठ सीटों में से छह पर भाजपा उम्मीदवारों की हार को देखकर चौधरी फिर से इस सीट पर दाव खेलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे.

बता दें कि सीआर चौधरी मोदी सरकार में मंत्री हैं लेकिन इस बार वे नागौर की बजाय अजमेर सीट से चुनावी रण में उतरना चाहते हैं. इसके लिए चौधरी जयपुर से लेकर दिल्ली तक लॉबिंग कर रहे हैं. सूत्रों के अनुसार भाजपा नेतृत्व भी उन्हें अजमेर से मैदान में उतारने पर विचार कर रहा है, लेकिन पार्टी को नागौर से उनकी जगह मजबूत उम्मीदवार तलाशने में मशक्कत करनी पड़ रही है.

मारवाड़ की यह सीट जाट राजनीति का प्रमुख केंद्र मानी जाती है. यहां के समीकरणों का सीधा असर प्रदेश की राजनीति पर पड़ता है. वैसे यह सीट कांग्रेस के परम्परागत गढ़ के रुप में जानी जाती है. आजादी के बाद से यहां की राजनीति मिर्धा परिवार के इर्द-गिर्द घूमती रही. नाथूराम मिर्धा और रामनिवास मिर्धा के राजनीतिक कद ने नागौर को एक खास पहचान दिलाई.

1977 में जब जनता पार्टी की सरकार बनी और पूरे देश में इंदिरा विरोधी लहर के चलते कांग्रेस का सफाया हो गया था उस समय भी नागौर सीट पर नाथूराम मिर्धा को जीत हासिल हुई. नाथूराम मिर्धा के बाद उनके पुत्र भानुप्रकाश मिर्धा यहां से सांसद बने. फिर उनकी पौत्री डॉ. ज्योति मिर्धा को भी जनता ने संसद में पहुंचाया. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने नागौर की अहमियत को समझते हुए पंचायतराज की शुरुआत के लिए इस जगह को चुना.

लेकिन पिछले लोकसभा चुनाव में मिर्धा परिवार की लोकप्रियता मोदी लहर के बीच रेत का के किले की तरह ढह गयी. इस सीट पर ज्योति मिर्धा के सामने भाजपा ने पूर्व प्रशासनिक अधिकारी सीआर चौधरी को उम्मीदवार बनाकर उतारा. यहां चौधरी के सामने डॉ.ज्योति मिर्धा अपना राजनीतिक गढ़ बचा नहीं सकीं और कांग्रेस की यह परंपरागत सीट पहली बार भाजपा की झोली में आ गिरी.

सीआर चौधरी ने 75218 मतों से कांग्रेस प्रत्याशी को पटखनी दी जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में करीब 1.5 लाख वोटों के अंतर से यही सीट कांग्रेस जीती थी. हालांकि खींवसर विधायक हनुमान बेनीवाल ने इस द्विपक्षीय मुकाबले को काफी रोचक बना दिया था. 2014 के लोकसभा चुनाव में सीआर चौधरी को 414791 और ज्योति मिर्धा को 339573 वोट मिले, वहीं निर्दलीय प्रत्याशी हनुमान बेनिवाल ने 159980 मत हासिल किए.

कांग्रेस इस बार नागौर लोकसभा सीट पर जमकर जोर-आजमाइश कर रही है. पार्टी सीआर चौधरी पर पिछले 5 साल में नागौर की अनदेखी के साथ जाति विशेष के लिए काम करने का आरोप लगा रही है. इस सीट पर कांग्रेस की ओर से ज्योति मिर्धा का टिकट लगभग तय माना जा रहा है. जबकि भाजपा के मौजूदा सांसद सीआर चौधरी दूसरी जगह से टिकट की भागदौड़ कर रहे हैं. यदि पार्टी उनकी सीट बदलती है तो उसे नागौर से नया उम्मीदवार तलाशना होगा.

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