बॉलीवुड के हीरो नंबर वन गोविंदा फिर से राजनीति में एंट्री करने जा रहे हैं. 2009 में राजनीति को अलविदा कहने वाले गोविंदा 15 साल बाद फिर से पॉलिटिक्स में एंट्री मार रहे हैं. हाल में पूर्व सांसद एवं अभिनेता गोविंदा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की शिवसेना में शामिल हुए हैं. 2004 गोविंदा ने कांग्रेस के टिकट पर मुंबई उत्तर से चुनाव लड़ा और अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी. इस बार शिवसेना के बैनर तेल गोविंदा मुंबई उत्तर पश्चिम सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. यहां उनका मुकाबला शिवसेना यूटीबी के अमोल कीर्तिकर से होगा.
2004 में पहली बार राजनीतिक पारी खेलने वाले गोविंदा ने कांग्रेस के बैनर तले चुनाव लड़ा था. तब उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम नाईक को शिख्स्त देकर संसद में पहली बार कदम रखा. 2009 के लोकसभा चुनाव में गोविंदा ने चुनाव न लड़ने का फैसला लेते हुए ‘हाथ’ से नाता तोड़ दिया. साथ ही साथ राजनीति से भी पूरी तरह से किनारा कर लिया. हालांकि कुछ एक विज्ञापनों को छोड़ दें तो लंबे समय से गोविंदा सिनेमा के पर्दे से भी गायब रहे हैं.
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बीते हफ्ते जब सीएम एकनाथ शिंदे से गोविंदा की मुलाकात की खबरें सामने आने लगी, तभी माना जाने लगा था कि बॉलीवुड के हीरो नंबर वन एक बार फिर से सियासी पारी खेल सकते हैं. इसके बाद शिंदे खेमे के प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े भी गोविंदा से मिलने उनके निजी आवास पर पहुंचे थे.
एनसीपी ने साधा सीएम शिंदे पर निशाना
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से गोविंदा की मुलाकात को लेकर शरद पवार की एनसीपी गुट के नेता जयंत पाटिल ने निशाना साधा है. पाटिल ने कहा, ‘वह (गोविंदा) एक लोकप्रिय अभिनेता नहीं हैं. एकनाथ शिंदे को एक ऐसे अभिनेता को लेना चाहिए था जिसकी लोकप्रियता हो. उन्हें एक अच्छे अभिनेता को लेना चाहिए था. मुझे लगता है कि एकनाथ शिंदे फिल्में नहीं देखते हैं. अगर वह फिल्में देख रहे होंगे, तो उन्हें पता चल जाएगा कि कौन बेहतर है अभिनेता.’
फिल्मों के लिए छोड़ी थी राजनीति
2004 में फिल्मों से ब्रेक लेने के बाद साल 2009 में ही गोविंदा का राजनीति से मन भर गया. यहां तक कि 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने राजनीति में आने के फैसले को गलत कर दिया. उन्होंने कहा था कि राजनीति में आने का उनका फैसला गलत था. इसके बाद वे फिर से फिल्मों की दुनिया में लौट गए. वैसे उनकी आखिरी सुपरहिट फिल्म साल 2007 में ‘पार्टनर’ आई थी, जिसमें वे सलमान खान और कटरीना कैफ के साथ नजर आए थे. यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट साबित हुई.
उसके बाद उनकी फिल्में लगातार फ्लॉप होने लगी. इसके बावजूद गोविंदा फिल्में करते चले गए. लगातार 13 फ्लॉप फिल्में देकर 2018 के बाद गोविंदा सिनेमा के पर्दे से पूरी तरह गायब हो गए. इसके बाद गोविंदा एकआत एड शूट और कुछ कॉमेडी शो व डांस शो में बतौर अतिथि दिखायी दिए. अब देखना ये है कि डेढ़ दशक बाद फिर से राजनीति में किस्मत आजमाने चुनावी मैदान में उतरे गोविंदा पॉलिटिक्स के हीरो नंबर वन बन पाते हैं या फिर नहीं.