Wednesday, January 22, 2025
spot_img
Homeबड़ी खबरबिहार: कौन हैं बक्सर को हॉट फेवरेट बनाने वाले पूर्व आईपीएस आनंद...

बिहार: कौन हैं बक्सर को हॉट फेवरेट बनाने वाले पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा?

12 साल भारतीय पुलिस सेवा को देकर रिजाइन दे चुके हैं असम कैंडर के आईपीएस आनंद मिश्रा, टिकट न मिलने पर निर्दलीय ठोक रहे ताल, युवाओं में यूथ आईकल माने जाते हैं मिश्रा

Google search engineGoogle search engine

Bihar Politics: बिहार की बक्सर संसदीय सीट इस बार हॉट फेवरेट बनती जा रही है. वजह है पूर्व आईपीएस आनंद मिश्रा, जिन्होंने केवल 34 साल की उम्र में आईपीएस से रिजाइन देकर चुनावी मैदान में उतरने का मन बनाया है. यह सीट बीजेपी के कब्जे में हैं जहां से केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे सीटिंग सांसद हैं. बक्सर सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ने की इच्छा मन में पाले आनंद मिश्रा ने आईपीएस सेवा से रिजाइन किया था और उन्हें उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें टिकट देगी. अब बीजेपी ने इस सीट पर अश्विनी चौबे का टिकट काट चेहरा तो बदला लेकिन मिश्रा को नहीं बल्कि मिथिलेश तिवारी को बक्सर सीट से पार्टी उम्मीदवार घोषित कर दिया. इससे चुनाव लड़ने का मन बना रहे आनंद मिश्रा को बड़ा झटका लगा है. ऐसे में उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवारी का ऐलान कर इस सीट को हॉट बना दिया है.

इसमें कोई दोराय नहीं कि आनंद मिश्रा बीजेपी की ओर से टिकट का इंतजार कर रहे थे. अब टिकट नहीं मिला तो मिश्रा ने निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए तैयार होने की बात कही. इससे बीजेपी की धड़कले भी बढ़ने लगी है. दरअसल आनंद मिश्रा, जो कि इन दिनों यूथ आईकन भी कहे जाते हैं, ने केवल 22 वर्ष की उम्र में ही आईपीएस सेवा ज्वॉइन कर ली थी. मूल रूप बक्सर जिला के परसौंडा के रहने वाले आईपीएस आनंद मिश्रा उस समय अचानक से चर्चा में आ गए जब उन्होंने केवल 12 साल आईपीएस सेवा में रहने के बाद भारतीय पुलिस सेवा से इस्तीफा दे दिया. मिश्रा असम कैडर के आईपीएस रहे हैं. उन्होंने बक्सर में स्थानीय उम्मीदवारी का तार छेड़कर बीजेपी से टिकट की मांग की थी लेकिन ऐसा हो न सका.

बक्सर के दो बार सांसद रहे अश्विनी चौबे का भी संबंध भागलपुर से रहा है. जब बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने उम्मीदवारों की सूची जारी कि तो बक्सर से मिथिलेश तिवारी का नाम था. बक्सर के लोगों के लिए ये नाम सच में चौंकाने वाला था क्योंकि मिथिलेश तिवारी मूल रूप से गोपालगंज के रहने वाले हैं और उनका कर्म क्षेत्र सह विधानसभा क्षेत्र भी वही जिला रहा है. ऐसे में आनंद मिश्रा ने स्थानीय युवाओं के सामने स्थानीय उम्मीदवार का मुद्दा उठा बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाने का काम किया है.

यह भी पढ़ें: कंगना की राजनीति में एंट्री, पहला राजनीतिक बयान, बोली- जन्मभूमि ने बुलाया

इसके बाद मिश्रा ने पत्रकारों से कहा कि अब जनता तय करेगी कि मुझे क्या करना है. उन्होंने कहा कि मैं अपने लोगों के लिए आया था. बक्सर के लिए जो सही होगा वही करूंगा. मैं हमेशा अपने लोगों के बीच रहूंगा और यहां के लिए काम करता रहूंगा. पूर्व आईपीएस ने कहा कि मैंने जॉब छोड़ा कि काम करूंगा. मुझे लगा कि मैं मोदी जी का सिपाही बन के विजन को धरातल पर उतारूंगा. मोदी जी विजन लेकर चले हैं, मेरा सपना उसके साथ होना था. काम करने की इच्छा प्रबल होनी चाहिए. बक्सर के लोग मेरे साथ हैं. आगे उन्होंने कहा कि लोग मुझे बक्सर का बेटा कहते हैं और मैं वापस लौटकर नहीं जाउंगा, पूरी तरीके से मैं यहीं रहूंगा.

आनंद मिश्रा ने आगे कहा कि दरअसल आनंद मिश्रा असम कैडर के पूर्व आईपीएस हैं जिन्होंने रिजाइन कर दिया था. बक्सर के लोगों को भी इस बात की उम्मीद थी कि अगर अश्विनी चौबे को बीजेपी रिप्लेस करती है तो आनंद मिश्रा ही उम्मीदवार होंगे लेकिन ऐसा हुआ नहीं. आनंद मिश्रा एक युवा होने के चलते बक्सर के स्थानीय युवाओं में पसंद किए जा रहे हैं. वहीं प्रदेश में नीतीश-बीजेपी सरकार होने के चलते आंधी इस ओर बह रही है. अब देखना ये होगा कि मिश्रा को पॉपुलर्टी को देखते हुए कोई अन्य पार्टी उन्हें टिकट देती है या फिर आनंद मिश्रा अकेले ही बीजेपी के मिथिलेश तिवारी को पटखनी देने सफल हो पाते हैं या नहीं.

Google search engineGoogle search engine
RELATED ARTICLES

Leave a Reply

विज्ञापन

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img