Politalks.News/Rajasthan. सदन से पारित होकर राष्ट्रपति की मुहर के बाद कानून की शक्ल ले चुके कृषि विधेयकों को लेकर मोदी सरकार के तीन मंत्रियों ने जयपुर में प्रेसवार्ता की. इनमें रेल मंत्री पीयूष गोयल, जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी सहित अन्य भाजपा नेता शामिल रहे. इस दौरान मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि इन विधेयकों को लेकर कांग्रेस समझ नहीं पा रही है कि कि दाएं जाए या बाए जाए, इस वजह से वह पीछे जा रही है.
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा कि विपक्ष दिशाहीन होने की वजह से किसान और आमलोगों को भ्रमित कर रहा है. मंडी की जकड़ से निकालना कांग्रेस की भी मंशा थी, मगर हमने कांग्रेस से भी अच्छा विधेयक लेकर आए हैं. किसान समझ चुका है कि इन विधेयकों से उनको फायदा होगा. यही वजह है कि पूरे देश में एक इलाके को छोड़ दिया जाए तो और कहीं भी इस विधेयक का विरोध नहीं हो रहा है. गोयल ने कहा कि कृषि उपज विपणन नीति को हमने खत्म नहीं किया है, बल्कि उसके दुरुपयोग को रोकने के प्रावधान बनाये हैं. जबकि 2013 में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कांग्रेस शासि 7 राज्यों में एपीएमसी को खत्म करने लिए कहा था. महाराष्ट्र ने खुद एपीएमसी का अगस्त में ही स्वागत कर दिया था.
केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा नए विधेयकों में किसान को कहीं भी अपनी फसल बेचने का अधिकार होगा, चाहे वो फसल को मंडी में बेचे या बाहर. किसानों को अभी तक उपज बेचने के लिए मंडी से बांध रखा था, लेकिन हमने किसानों को बिचौलियों से मुक्ति दिलाई है, अब किसान आज़ाद है. गोयल ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्ष भ्रम फैला रहा है कि एमएसपी को खत्म कर दिया जाएगा, जबकि हमने एमएसपी को खत्म नहीं किया, बल्कि एमएसपी को बढ़ाया गया है. रबी क्रॉप का एमएसपी घोषित कर दिया गया है. गोयल ने साफ किया कि मोदी सरकार किसानों का जीवन स्तर सुधारने के लिए कृत संकल्प है और इस दिशा में पिछले छह साल से काम किया जा रहा है.
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किसानों की आमदनी दोगुनी करने के सवाल पर पीयूष गोयल बोले कि देश में किसानों की आय तय करने का कोई फार्मूला नहीं है. देश की अर्थव्यवस्था में कुल कृषि क्षेत्र का कितना योगदान होता है? GDP में कृषि योगदान की जितनी बढ़ोतरी हुई, उस पर किसान की आय का निर्धारण किया जाता है. प्रत्येक किसान की अलग आए निर्धारण का कोई फार्मूला नहीं है.
इस दौरान केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हमारा देश फ़ूड डेफिसिट हुआ करता था. इसका कारण पिछली सरकारों की पॉलिसी पैरालिसिस की स्थिति रही. मोदी सरकार ने रिफॉर्म्स करने की कोशिश की तो इन सुधारों का भी कांग्रेस ने विरोध किया. इससे पहले भी अलग-अलग सुधारों पर कांग्रेस विरोध करती रही. इस तरह के कानूनों का विषय भी सही तरीके से पूरे देश में जाएगा. तो एक बार फिर कांग्रेस का चरित्र लोगों के सामने उजागर होगा. रफाल और सीएए की तरह एक बार फिर कांग्रेस का वही हश्र होगा. MSP के लिए पिछले 50 सालों में कोई कानून नहीं बना. इसके लिए कानून की जरूरत भी नहीं है बल्कि यह एक प्रशासनिक व्यवस्था है. यह पहले की तरह ही जारी रहेगी और खरीद होती रहेगी. कांग्रेस को भी इससे पहले एमएसपी पर कोई कानून बनाने की जरूरत महसूस नहीं हुई.
जनता का विश्वास खो चुकी है गहलोत सरकार
गजेंद्र सिंह शेखावत ने दावा किया कि गहलोत सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है. 10 दिन में किसानों की कर्जमाफी की बात आज तक पूरी नहीं हुई. इस बिल के विरोध से साफ हो गया है कि कांग्रेस बिचौलियों के साथ खड़ी है. उनके पूर्व प्रधानमंत्री ने यही कहा था कि 100 रुपए में किसान के पास 15 पैसा ही पहुंच पाता है. कांग्रेस इसी पर काम करना चाहती है.
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प्रेसवार्ता में उठा हाथरस गैंगरेप-हत्या का मामला
हाथरस के मामले पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि यह मामला निंदनीय था लेकिन इस तरह की घटनाओं का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. शेखावत ने कांग्रेस नेताओं से सवाल किया कि इस तरह के मामलों में कांग्रेस को केवल उत्तर प्रदेश की बेटियों का ही दर्द क्यों दिखाई देता है? राजस्थान की बेटियों का दर्द प्रियंका गांधी को क्यों नहीं दिखता? शेखावत ने कहा कि अलवर से लेकर दूसरे जिलों तक कोई ऐसा हिस्सा नहीं, जहां राजस्थान में बच्चियों के साथ दुष्कर्म नहीं हुआ हो.
गजेंद्र सिंह शेखावत ने आगे कहा कि प्रियंका गांधी को बेटी के दर्द से परेशानी नहीं बल्कि मोदी और योगी की बढ़ती लोकप्रियता से कष्ट है. शेखावत ने कहा कांग्रेस नेताओं के आंदोलन को जनता भी समझती है. उन्होंने कहा कानून इस मामले में उचित कार्रवाई करेगा. शेखावत ने बारां, अजमेर, अलवर, सीकर में हुई घटनाओं को भी देखने की कांग्रेस को नसीहत दी.
वहीं हाथरस में हुई दुष्कर्म की वारदात पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि इस तरह की घटनाओं का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. किसी भी तरह की दुष्कर्म की घटना गलत है.