सर्वसहमति से लिए कांग्रेस आलाकमान के संकल्पों पर गहलोत सरकार में मंत्री खाचरियावास ने उठाए सवाल

युवाओं को 50% भागीदारी के संकल्प पर बोले प्रताप सिंह खाचरियावास- युवा लोगों को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए हम ही अच्छा काम कर सकते हैं, सीनियरिटी, एक्सपीरियंस और उम्र भी बहुत कुछ सिखाती है, एक परिवार एक टिकट पर indirect में कहा- आज अगर कांग्रेस या बीजेपी में कोई पावरफुल लीडर है, उसे इसलिए रोक दोगे कि वह किसी राजनीतिक परिवार से आता है तो कल दिक्कत खड़ी हो जाएगी

कांग्रेस के नव संकल्पों पर प्रताप सिंह खाचरियावास ने उठाए सवाल
कांग्रेस के नव संकल्पों पर प्रताप सिंह खाचरियावास ने उठाए सवाल

Politalks.News/PratapSinghKhachariyawas. उदयपुर में हुए कांग्रेस के नव संकल्प चिंतन शिविर को समाप्त हुए महज अभी दो दिन ही हुए हैं. लेकिन शिविर से निकले फैसले अभी से कांग्रेस पार्टी के कई नेताओं को रास नहीं आने लगे हैं. या फिर यूं कहें कि अपने हुक्मरानों की नजरों में बने रहने और उन्हें खुश रखने के लिए अपनी पार्टी के फैसलों पर ही सवाल उठाए जा रहे हैं. कांग्रेस के चिंतन शिविर से जो सबसे बड़ा फैसला निकलकर सामने आया वो था पार्टी के युवाओं को आगे लाना. कांग्रेस आलाकमान ने घोषणा कर दी है कि अब कांग्रेस कार्यसमिति, राष्ट्रीय पदाधिकारियों, प्रदेश, जिला, ब्लॉक व मंडल पदाधिकारियों में 50 प्रतिशत पदाधिकारियों की आयु 50 वर्ष से कम होगी. पार्टी के इस फैसले ने जहां एक और युवा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त जोश पैदा कर दिया है तो वहीं इस फैसले को लेकर कांग्रेस में ही कुछ नेताओं ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं. राजस्थान सरकार में खाद्य मंत्री एवं इन दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ख़ास सिपहसालार माने जाने वाले प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, ‘राजनीति में उम्र की जगह नहीं है. युवा लोगों को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि हम ही फिट हैं या हम ही अच्छा काम कर सकते हैं.’ 

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चिंतन शिविर से पहले ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं एवं अधिकारियों से ये साफ कहा था कि, ‘पार्टी ने आज तक कांग्रेस के नेताओं को बहुत कुछ दिया है, लेकिन अब वक़्त आ चूका है पार्टी का कर्ज उतारने कर वक़्त आ चूका है.’ यही बात कांग्रेस अध्यक्षा ने चिंतन शिविर में भी दोहराई लेकिन चिंतन शिविर के समाप्त होने के बाद कांग्रेस नेता ने इस पर भी सवाल खड़े कर दिए. राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में खाद्य व आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि, ‘राजनीति में मेरी सोच अलग है. युवा लोगों को यह गलतफहमी नहीं होनी चाहिए कि हम ही फिट हैं या हम ही अच्छा काम कर सकते हैं. सीनियरिटी, एक्सपीरियंस और उम्र भी बहुत कुछ सिखाती है. इस देश में प्रधानमंत्री की कितनी उम्र है आप और हम जानते हैं. उम्र की बात करना अपनी कमजोरी को छिपाना है.’

यही नहीं गहलोत सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने Indirect में अपनी बात को घुमाते हुए नव संकल्प शिविर में लिए गए ‘एक परिवार एक टिकट‘ के संकल्प का भी विरोध कर दिया है. खाचरियावास ने कहा कि, ‘राजनीति एक खुला मैदान है. कांग्रेस हो या बीजेपी, जो डिजर्व करेगा वो आएगा. जिसमें दम होगा वो धरती फाड़ कर आ जाएगा, दीवार तोड़कर आ जाएगा. आज अगर कांग्रेस या बीजेपी में कोई पावरफुल लीडर है, उसे इसलिए रोक दोगे कि वह किसी राजनीतिक परिवार से आता है तो कल दिक्कत खड़ी हो जाएगी. राजनीति में डिजर्वनेस और फिटनेस दो बातें महत्वपूर्ण हैं. जो पब्लिक में पॉपुलर हो, जिसे लोग पसंद करते हों. जो जनता के बीच खड़े होकर खून पसीना बहा सकता हो, काम कर सकता हो, उसको आगे आना चाहिए. जब पार्टियां जनता की पसंद को समझेंगी तभी वो आगे बढ़ सकती है. पार्टी अगर उम्र को महत्व नहीं देकर ये महसूस करेंगी कि जनता में इस नेता की आवाज है. तो रिजल्ट मिलेगा. वरना हम जनता की आवाज नहीं समझेंगे तो रिजल्ट नहीं दे पाएंगे.’

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प्रताप सिंह खाचरियावास का ये बयान सामने आने के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि, खाचरियावास के बयान को सचिन पायलट की ओर से युवाओं को तवज्जो देने के बयान पर सियासी पलटवार के रूप में देखा जा रहा है. साथ ही सीएम अशोक गहलोत और वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के खुले समर्थन के तौर पर भी माना जा रहा है. आपको बता दें राजस्थान में आए सियासी संकट से पूर्व राजस्थान की राजनीति में खाचरियावास कट्टर सचिन पायलट समर्थक माने जाते थे, लेकिन बाद में उन्होंने पाला बदल लिया. वहीं चिंतन शिविर में युवाओं को आगे लाने की शुरू हुई कवायद को अगर देखा जाए तो यह राजस्थान की राजनीति और संगठन में बदलाव की तरफ काफी हद तक इशारा करती है.

वहीं दूसरी तरफ राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की अगर बात की जाए तो गहलोत कैबिनेट में फिलहाल आधे से ज्यादा मंत्री बुजुर्ग हैं और सत्ता और संगठन में कांग्रेस के 50 फीसदी युवाओं की भागीदारी वाला फार्मूला अगर लागू किया जाता है तो गहलोत कैबिनेट से कई मंत्रियों की छुट्टी होना तय है. सियासी गलियारों में चर्चा है चिंतन शिविर से जो 50 फीसदी युवाओं को आगे लाने का फार्मूला सामने आया है उससे सबसे ज्यादा सियासी नुकसान अगर होगा तो राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार का होगा. इसी कारण से सीएम गहलोत के ख़ास सिपहसालार खाचरियावास का युवाओं को हतोत्साहित करने वाला बयान सामने आया है. आपको बता दें कि प्रदेश सरकार में फिलहाल 4 मंत्री ऐसे हैं जिनकी उम्र 70 साल से भी अधिक की है तो वहीं 7 मंत्री ऐसे हैं जिनकी उम्र 60 साल से अधिक है. वहीं 6 मंत्री ऐसे हैं जिनकी उम्र 50 साल से अधिक है और 4 मंत्री ऐसे हैं जिनकी उम्र 50 साल से कम है.

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खैर, लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बुजुर्ग नेताओं के टिकट कटने और युवाओं को संगठन से लेकर टिकट वितरण में प्रायोरिटी देने के पार्टी के फैसलों का गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने तो खुलकर विरोध कर दिया है, अब देखना ये होगा की सर्वसम्मति से कांग्रेस के नव संकल्प शिविर में लिए गए इस युवा फॉर्मूले का विरोध करने वाले नेताओं के ऊपर पार्टी अनुशासनात्मक कार्रवाई करती है या नहीं?

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