Politalks.News/Rajasthan/VasundhraRaje. ‘बाबोसा’ के नाम पहचान रखने वाले दिग्गज बीजेपी नेता पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत की पुण्यतिथि के दूसरे दिन सोमवार को बाबोसा को समर्पित पुस्तक ‘धरतीपुत्र भैरों सिंह शेखावत‘ (Dhartiputra Bhairon Singh Shekhawat) के विमोचन के मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Ex CM Vasundhra Raje) बाबोसा के साथ अपनी स्मृतियों को याद करते हुए भावुक हो गईं. मैडम राजे ने कहा कि, ‘मेरे लिये यह अत्यंत गौरव का क्षण और हर्ष का पल है कि मैंने आज राष्ट्र के गौरव व सच्चे जन नायक, उस महान शख़्सियत स्व.भैरों सिंह जी शेखावत की जीवनी पर लिखी पुस्तक का विमोचन किया है, जिन्होंने मुझे प्रगति के पथ पर आगे बढ़ना सिखाया।हर परिस्थिति में डटे रहना सिखाया. ऐसे विराट व्यक्तित्व के धनी ‘प्रदेश के बाबोसा’ को मैं मन से नमन करती हूँ,प्रणाम करती हूँ.’
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि, ‘इसमें कोई दो राय नहीं है कि मुझे राजनीति में मेरी मां राजमाता साहब लाई थीं, लेकिन यह भी सच है कि मुझे इस मुक़ाम तक पहुँचाने में भैरों सिंह शेखावत साहब की भी भूमिका अहम थी, वे मुझे राजस्थान की राजनीति में लाये. सही मायने में वे ही मेरे स्थानीय संरक्षक थे.’ मैडम राजे ने कहा कि मैं उनकी चलती फिरती राजनीति की पाठशाला की विद्यार्थी थी. उस पाठशाला की, जिससे राजस्थान के कई नेता राजनीति की तालीम लेकर निखरे हैं. स्व.शेखावत साहब से मैंने सीखा कि सच्ची राजनीति अगर करनी है तो राजनीति को सेवा नीति में बदलो.
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इस मौके पर बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने बाबसो के साथ के उनके कई किस्सों को साझा करने के साथ ही अपने विरोधियों पर जोरदार तंज कसते हुए एक कड़ा संदेश भी दिया है. अपने सम्बोधन के दौरान मैडम राजे ने एक शायरी के जरिए संदेश दे दिया कि जिन लोगों को वो राजनीति में लेकर आई हैं और आज वो उनकी खिलाफत कर रहे हैं. उससे वो आहत होने वाली नहीं है. पूर्व सीएम राजे ने कहा कि ‘हम ही ने बख्शी थीं धड़कनें जिन पत्थरों को, जुबां जब उन्हें मिली, तो हम ही पर बरस पड़े.’
मैडम वसुंधरा राजे ने पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत की यादों को ताजा करते हुए कहा कि, ‘बाबोसा अक्सर कहा करते थे कि जिन लोगों के लिए आपने सबसे ज्यादा किया है, वक्त आने पर वही आप का साथ छोड़ेंगे. इसलिए इन सब चीजों से विचलित होने की जरूरत नहीं है. कौन आता है, कौन जाता है इस बात की परवाह नहीं करनी चाहिए. बस इस बात के लिए अडिग रहना चाहिए कि आप किस चीज की लड़ाई लड़ रहे हैं. उसके लिए आप मजबूती के साथ खड़े रहिए.’ राजनीति में ऐसे उतार चढ़ाव और चुनौतियों से बाबसो कभी विचलित नहीं हुए, लेकिन उस वक्त वे बहुत आहत हुए, जब वे क्लीवलैंड इलाज के लिए गये और पीछे से उनकी सरकार को गिराने की साज़िश रची गई.’
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मैडम राजे ने बताया कि, ‘एक तरफ़ तो 1996 में क्लीवलैंड में उनकी हार्ट की सर्जरी हो रही थी और दूसरी तरफ़ जयपुर में उनकी सरकार को गिराने के लिए ऑपरेशन चल रहा था. इसमें कई लोग वो भी शामिल थे जिनकी उन्होंने खूब मदद की. हालाँकि सरकार गिराने वाली ताकते इसमें सफल नही हुईं, लेकिन भैरों सिंह जी पीठ में छुरा घोपनें के प्रयास की इस घटना से बहुत आहत हुए.’ मैडम राजे ने बताया कि राजनीतिक दल कोई सा भी हो उनकी स्थाई दुश्मनी किसी से नहीं रही, उनकी सब से मित्रता रही. हाँ यदि विचारधारा की बात आती थी, तो चाहे कितनी ही मित्रता हो, भैरों सिंह जी कभी समझौता नहीं करते थे. उनकी ऐसी खूबियों ने ही भारतीय राजनीति में उन्हें शिखर पर पहुँचाया.
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने कहा कि उन्हें दो बार मुख्यमंत्री रहने का अवसर मिला. उन्होंने भैरों सिंह शेखावत के विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य किया है. अपने शासनकाल की योजनाओं को गिनाते हुए मैडम राजे ने कहा कि, भामाशाह योजना, राजश्री योजना, बच्चियों को पढ़ाने के लिए स्कूटी साइकिल वितरण योजना जैसी योजनाओं की आत्मा में अंत्योदय शामिल रहा. पूर्व सीएम मैडम राजे ने संबोधित करते हुए कहा कि अगर भैरों सिंह शेखावत हाथ पकड़ कर राजस्थान की राजनीति में नहीं लाते, तो शायद वो यहां तक नहीं पहुंचती. उन्होंने हमेशा सीखाने का काम किया. वह आज भी प्रेरणा स्त्रोत है. मैडम राजे ने कहा कि स्व.भैरों सिंह जी शेखावत पर लिखी पुस्तक के विमोचन समारोह में मैं आज भावनाओं के सागर में बह गई. यह अवसर भैरों सिंह जी के साथ बिताए अविस्मरणीय पल आज फिर से ताज़ा कर गया…..मैं आपको कभी न भूल पाऊँगी! राजस्थान आपको न भूल पायेगा!
वसुंधरा राजे की तरफ देख रहा है पूरा राजस्थान: इस मौके पर बोलते हुए वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल ने भैरों सिंह के वक्त को याद करते हुए कहा कि एक वो वक्त था, और एक वक्त आज है. विधानसभा में अब भाषा का स्तर गिर रहा है. पांचवे और छठे विधनसभा सत्र के दौरान जो भाषा थी, वो अब दिखाई नहीं देती है. इसके साथ ही कैलाश मेघवाल ने मैडम वसुंधरा राजे की तरफ देखते हुए कहा कि अब राजस्थान आपकी ओर देख रहा है. वहीं कार्यक्रम में मौजूद रहे पूर्व मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने कहा कि कार्य में यदि किसी की छाप है तो वो है भैरो सिंह शेखावत. शेखावत जातिवादी नहीं थे, वो कहते थे कि गरीब की कोई जाती नहीं होती, गरीब तो सिर्फ गरीब होता है और गरीब की मदद जरूर करना. हां लेकिन राजपूत होने पर बाबोसा गर्व करते थे. भैरों सिंह अपने विरोध में कही हुई सच्ची बात को भी स्वीकारते थे, लेकिन ये आज के समय में संभव नहीं है.
आपको बता दें, जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में पूर्व उप-राष्ट्रपति और राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री रहे स्वर्गीय भैरों सिंह शेखावत के जीवन पर आधारित पुस्तक ‘धरतीपुत्र भैरों सिंह शेखावत‘ का विमोचन हुआ. ये पुस्तक रिटायर्ड IPS बहादुर सिंह राठौड़ ने लिखी है. राठौड़ ने बताया कि 1994 से 1998 तक जब भैरों सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे तो वो उनके कार्यालय में पदस्थापित रहे. जब वे उपराष्ट्रपति बने तो वे उनके निजी सचिव रहे. उनके साथ 1994 से उनकी अंतिम सांस तक उन्होंने उनके साथ जो वक्त बिताया है, उन संस्मरणों और यादगार पलों के साथ राजनीतिक जीवन से जुड़ी कई बातों को इस पुस्तक में शामिल किया गया है. उनका सार्वजनिक जीवन शुरू होने से पहले जब उन्होंने पुलिस की सर्विस की थी, उस सर्विस को भी इसमें शामिल किया है. उन्होंने वहां से त्यागपत्र देकर चुनाव लड़ा. पहली विधानसभा में वो विधायक चुनकर आए. उस विधानसभा में क्या कॉन्ट्रिब्यूशन और सोच रही.
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इस मौके पर हजारों की संख्या में बीजेपी के कार्यकर्ता और मैडम वसुंधरा राजे के समर्थक कार्यक्रम में पहुंचे. मैडम राजे को देखने और सुनने के लिए हजारों लोगों की भेवद5वहां उमड़ पड़ी. वहीं कार्यक्रम में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समर्थक विधायक और पूर्व विधायक भी पहुंचे. इसमें पूर्व विधानसभा अध्यक्ष कैलाश मेघवाल, राजपाल सिंह शेखावत , अशोक परनामी कालीचरण सराफ, अशोक लाहोटी, पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत, सहित करीब 40 से ज्यादा मौजूदा और पूर्व विधायक इस कार्यक्रम में शामिल हुए.