Politalks.News/AshokGehlot. राजस्थान में हाल ही में कई स्थानों पर हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए भाजपा पर जमकर निशाना साधा. यहीं नहीं सीएम गहलोत ने इस दौरान आरएसएस को भी जमकर आड़े हाथ लिया. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘एक आरएसएस प्रचारक इस देश का प्रधानमंत्री है. आरएसएस को भी इसे स्वीकार करना चाहिए. आरएसएस और बीजेपी का विलय क्यों नहीं होता?’ कांग्रेस समर्पित है, भारत जोड़ने के लिए, एकता और अखंडता के लिए. उसके लिए कांग्रेस भारत जोड़ो की बात घर-घर तक पहुंचाने का आह्वान कर रही है. वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयानों पर पलटवार करने में बीजेपी के नेताओं ने भी देरी नहीं की. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने इसको लेकर सीएम गहलोत पलटवार किया है.
कांग्रेस के चिंतन शिविर के समाप्त होने के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए कहा कि, ‘नव संकल्प शिविर बहुत समय पर किया गया है. देश के हालात बिगड़ते जा रहे हैं. तनाव का माहौल है, हिंसा को माहौल है. हर धार्मिक जुलूस के वक़्त दंगे भड़क रहे हैं और जहां-जहां चुनाव होते हैं, वहां ज्यादा भड़कने शुरू हो जाते हैं. सभी आरोपी (विभिन्न राज्यों में हाल के दंगों में) आरएसएस-भाजपा से हैं. जो पार्टी दंगों से लाभान्वित होती है वह उन्हें भड़का रही है. क्या दंगों से कांग्रेस को फायदा हो रहा है? … वे सिर्फ हमें बदनाम कर रहे हैं. कांग्रेस दंगे क्यों भड़काएगी? हिंदुत्व उनका एजेंडा है. वे चुनावों में ध्रुवीकरण की राजनीति करते हैं.’
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सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘राजस्थान में जो तनाव पैदा किया गया, दंगे भड़क सकते थे परन्तु एक मौत नहीं हो पाई. कुछ दुकानें जरूर झुलसी हैं. इन्होंने दंगे की योजना खुब बनाई लेकिन हमने इसे विफल किया है. अभी भी हम छोड़ेंगे नहीं, राजस्थान मे जो घटना हुई है, उसकी जांच चल रही है.’ यह आरोप लगाते हुए कि भाजपा हिंदुत्व के नाम पर वोट मांगती है, गहलोत ने पार्टी से सवाल किया कि क्या हिंदू मतदाता “मुद्रास्फीति और बेरोजगारी” के बावजूद हमेशा उन्हें वोट देंगे? यूपी चुनाव में बीजेपी ने 403 सीटों में से एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा दुनिया के देशों में क्या संदेश जा रहा है? आप हिंदुत्व के नाम पर ध्रुवीकरण करके वोट हासिल कर रहे हैं. हिंदू आपको कब तक वोट देंगे महंगाई है, रोजगार नहीं है, तनाव का भी माहौल है. कांग्रेस समर्पित है, भारत जोड़ने के लिए, एकता और अखंडता के लिए. उसके लिए कांग्रेस भारत जोड़ों की बात घर-घर तक पहुंचाने का आह्वान कर रही है.’
इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि, ‘केंद्र द्वारा जांच की मांग के बावजूद “दंगों के पीछे के कारणों को उजागर करने” के लिए हिंसक घटनाओं की कोई जांच का आदेश नहीं दिया गया था. मैंने एक राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में अमित शाह से हिंसा की जांच की मांग की थी. एक मुख्यमंत्री भविष्य में दंगों को रोकने के लिए कारणों का पता लगाने के लिए जांच की मांग करता है. यदि कोई राजनीतिक दल शामिल है, तो यह होगा उजागर, अगर किसी धर्म के लोग शामिल हैं, तो यह भी सामने आएगा. आंतरिक या बाहरी हाथ की साजिश का भी पर्दाफाश होगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह जांच का आदेश देने का साहस क्यों नहीं दिखा रहे हैं?’
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘एक आरएसएस प्रचारक इस देश का प्रधानमंत्री है. आरएसएस को भी इसे स्वीकार करना चाहिए. आरएसएस और बीजेपी का विलय क्यों नहीं होता? उनका नकली राष्ट्रवाद है. हमारा राष्ट्र कल्याण का राष्ट्रवाद है.’ वहीं उदयपुर में हुए कांग्रेस के चिंतन शिविर का जिक्र करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘3 दिन का जो कैंप हुआ है, इसमें जो गंभीरता और रूचि दिखाई गई है, जो फैसले हुए हैं उससे लगता है कि ये नए सिरे से लागू होंगे और कांग्रेस एक मज़बूत पार्टी के रूप में और मज़बूत होगी.’ वहीं राहुल गांधी को पार्टी का अध्यक्ष चुने जाने से जुड़े सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘राहुल गांधी पार्टी की कमान संभालें, ये एक कॉमन मांग है. एक बार पूरे देश के तमाम प्रदेश अध्यक्षों से, सीएलपी नेता, भूतपूर्व मुख्यमंत्रियों से, भूतपूर्व अध्यक्षों से राय ली गई थी… एक आदमी को छोड़कर सभी ने कहा कि राहुल गांधी ही कांग्रेस अध्यक्ष बनें.’
सीएम गहलोत ने जहां बीजेपी पर जमकर निशाना साधा तो वहीं गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा पर लगाए गए आरोपों पर पलटवार करते हुए राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘उदयपुर में कांग्रेस के 3 दिवसीय चिंतन शिविर के पश्चात् मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह बयान कि राजस्थान में भाजपा के केन्द्रीय नेता तमाशे करने आते हैं, अत्यन्त दुर्भाग्यपूर्ण एवं निंदनीय है. सच्चाई तो यह है कि नाकामयाब चिंतन शिविर में कांग्रेस आलाकमान कोई संदेश नहीं दे पाया. मुख्यमंत्री जी, यह बताएं कि उनके पास ऐसी कौनसी एजेन्सी है जिसके आधार पर वह कह रहे हैं कि राजस्थान में केन्द्रीय एजेंसियों के दबाव में चुनाव की कार्रवाई हो रही है. उन्हें लचर कानून व्यवस्था व सांप्रदायिक तनाव को लेकर भाजपा को दोषी ठहराने की बजाय पुख्ता सबूत जनता के सामने रखने चाहिये.’