यूपी: बसपा का गणित बिगाड़ने में लगे सात विधायकों को मायावती ने दिखाया बाहर का रास्ता

राज्यसभा में मायावती की पार्टी का समीकरण बिगाड़ने की थी कोशिश, सभी विधायक सपा अध्यक्ष से मिलने पहुंचे, बसपा सुप्रीमो ने अखिलेश यादव को लिया आड़े हाथ, राज्य में 10 सीटों पर होने हैं राज्यसभा चुनाव

Mayawati Vs Akhilesh
Mayawati Vs Akhilesh

Politalks.News/UP. उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए बसपा का गणित बिगाड़ने की कोशिश कर रहे सात विधायकों को मायावती ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है. सभी सातों विधायकों को बसपा की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया है. उक्त विधायकों ने रिटर्निंग अफसर को दिए गए शपथ-पत्र में कहा है कि राज्यसभा चुनाव के लिए बसपा के प्रत्याशी रामजी गौतम के नामांकन पत्र पर प्रस्तावक के तौर पर किए गए उनके हस्ताक्षर फर्जी हैं. पीठासीन अधिकारी को शपथ-पत्र देने के बाद सभी बागी बसपा विधायकों ने सपा राज्य मुख्यालय पहुंचकर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. इसके बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभी विधायकों को पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहने पर कार्रवाई करते हुए सभी को पार्टी से निलंबित करने के आदेश दिए.

बिहार से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
बिहार से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिए 9 नवंबर को मतदान होना है. ये 10 सीटें 25 नवंबर को खाली हो रही हैं. इसके लिए भाजपा ने 8, सपा ने एक और बसपा ने एक प्रत्याशी खड़ा किया है. सभी सीटों पर निर्विरोध चुनाव होना तय है. 403 सदस्यों वाली यूपी विधानसभा में 18 सदस्यों वाली बसपा ने पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक और बिहार इकाई के प्रभारी रामजी गौतम को राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है. गौतम ने गत 26 अक्टूबर को नामांकन दाखिल किया था.

वहीं दूसरी ओर, सपा की एक सुरक्षित सीट के लिए रामगोपाल यादव ने नामांकन दाखिल किया है, जिनका चुना जाना तय है. अब बसपा का गणित तब बिगड़ता नजर आया जब समाजवादी पार्टी ने एक निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश बजाज को भी अपना समर्थन दे दिया. बजाज ने नामांकन की समय सीमा समाप्त होने से कुछ समय पहले ही अपना नामांकन दाखिल कर दिया. इसके बाद बसपा के सात विधायकों ने पार्टी से बगावत कर दी. विधायकों ने राज्यसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशी के नामांकन में प्रस्तावक के तौर पर किए गए अपने हस्ताक्षरों को फर्जी बताते हुए पीठासीन अधिकारी को एक शपथ-पत्र दे दिया. इन सात विधायकों में असलम राइनी, असलम चौधरी, मुज्तबा सिद्दीकी, हाकिम लाल बिंद, सुषमा पटेल, वंदना सिंह और हरिगोविंद भार्गव शामिल हैं.

यह भी पढ़ें: ‘हम नहीं कर सकते झूठ बोलने में मोदी की बराबरी’- चंपारण में राहुल गांधी ने पीएम पर बोला बड़ा हमला

पीठासीन अधिकारी को शपथ-पत्र देने के बाद सभी बागी बसपा विधायकों ने सपा राज्य मुख्यालय पहुंचकर पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात की. हालांकि सपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार प्रकाश बजाज का नामांकन अवैध पाए जाने के कारण निरस्त कर दिया गया था. इसके बाद सातों विधायकों की बगावत के संबंध में बसपा विधायक दल के नेता लालजी वर्मा ने अपनी रिपोर्ट मायावती को सौंपी. इस पर एक्शन लेते हुए मायावती ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और सात बागी विधायकों को पार्टी से बाहर कर दिया.

मध्यप्रदेश से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें
मध्यप्रदेश से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए क्लिक करें

मामले के बाद सपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि बसपा के सभी विधायकों ने सपा अध्यक्ष अखिलेश से मुलाकात की है. उन्होंने दावा किया कि बसपा के साथ-साथ सत्तारूढ़ भाजपा के भी अनेक विधायक सपा के संपर्क में हैं और वे किसी भी वक्त पार्टी में शामिल हो सकते हैं. इस बीच, बसपा पर हमला बोलते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने बसपा को भाजपा की बी पार्टी कहकर संबोधित किया. लल्लू ने कहा कि पिछले कुछ महीनों से मायावती जिस प्रकार ट्वीट कर रही हैं और बयान जारी कर रही हैं, उससे साफ है कि वह भाजपा की भाषा बोलती हैं. बसपा में जबरदस्त कलह चल रही है, विधायकों की सुनवाई नहीं होती है. आगामी दिनों में बसपा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी.

इधर, मायावती ने समाजवादी पार्टी पर आरोप लगाते हुए कि 1995 गेस्ट हाउस कांड का मुकदमा वापस और लोकसभा चुनावों में सपा से गठजोड़ करना उनकी गलती थी. मायावती ने कहा कि सपा में परिवार के अंदर लड़ाई थी, जिसकी वजह से गठबंधन कामयाब नहीं हुआ. सपा से गठबंधन का हमारा फैसला गलत था. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि 2003 में मुलायम ने बसपा तोड़ी जिससे उनकी बुरी गति हुई, अब अखिलेश ने यह काम किया है, उनकी भी बुरी गति होगी.

यह भी पढ़ें: पीएम मोदी ने तेजस्वी को बताया ‘जंगलराज का युवराज’, बोले- छट गया ‘लालटेन’ का अंधेरा

बताते चलें कि उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों में से भाजपा के आठ सीट आसानी से जीतने की उम्मीद है. भाजपा के आठ उम्मीदवार हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, हरिद्वार दुबे, पूर्व डीजीपी बृजलाल, नीरज शेखर, गीता शाक्य, बीएल वर्मा, सीमा द्विवेदी हैं.

आठ सीटें जिताने की क्षमता के बाद भी भाजपा के पास 25 वोट अतिरिक्त हैं, लेकिन उसने नौवां प्रत्याशी उतारने का जोखिम नहीं लिया. विधानसभा में इस समय मौजूदा विधायकों की संख्या 395 है लेकिन इसमें भी सिर्फ 392 के ही वोट पड़ेंगे, क्योंकि जेल में बंद तीन विधायक मुख्तार अंसारी, तजीन फातिमा और विजय मिश्र वोट डालने नहीं आ पाएंगे. आगामी 3 नवंबर को सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं. एक सीट पर उपचुनाव बाद में कराए जाएंगे.

Leave a Reply