कांग्रेस के लिए आम चुनाव मध्यप्रदेश में एक बुरे सपने की तरह रहा है. यहां की सभी 26 सीटों पर कमल खिला है. हाथ यहां पर पूरी तरह से खाली है. इतना ही नहीं, पूर्व सीएम कमलनाथ की परंपरागत छिंदवाड़ा सीट भी बीजेपी ने कांग्रेस से हथिया ली थी. अब कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा विस सीट पर उप चुनाव होने जा रहे हैं. यह सीट कमलनाथ के करीबी कमलेश शाह के बीजेपी में शामिल होने की वजह से खाली हुई थी. 10 जुलाई को इस सीट पर उप चुनाव होने हैं. अब देखना होगा कि कमलनाथ अपने गढ़ को फिर से बचा पाते हैं या फिर नहीं.
कांग्रेस ने किया उम्मीदवारी का ऐलान
कांग्रेस एक बार फिर कमलनाथ के नेतृत्व में उप चुनाव लड़ने की तैयारी में है. बेशक यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी भी नेतृत्व करते हुए नजर आएंगे लेकिन कांग्रेस के लिए एमपी में कमलनाथ ही एकमात्र चेहरा हैं. ऐसे में यहां रणनीति में भी कमलनाथ की ही चलते वाली हैं, इसमें कोई शक नहीं है. धीरन शाह इनवाती कांग्रेस के उम्मीदवार है. इनवाती आंचलकुंड दरबार के सेवक सुखराम दादा के बेटे हैं.
कमलेश शाह की चुनौती बेहद कड़ी
बीजेपी में शामिल हुए कमलेश शाह एक आदिवासी नेता है. शाह लगातार तीन बार कांग्रेस से विधायक रहे है. 2023 का विधानसभा चुनाव भी उन्होंने 25 हजार वोट से जीता था. कमलनाथ के बाद छिंदवाड़ा जिले से सबसे बड़ी जीत उन्हीं की थी. माना जा रहा है कि कमलेश शाह की जीत में कमलनाथ का बहुत बड़ा रोल नहीं रहा. कमलेश शाह खुद अपने दम पर चुनाव जीतते आए है. कमलनाथ अपनी सीट को बचाने में लगे रहे. विधानसभा चुनावों के बाद कमलनाथ से अपनी उपेक्षा देख उन्होंने हाथ छोड़ कमल का दामन थाम लिया.
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अमरवाड़ा सीट पर 70 प्रतिशत मतदाता आदिवासी है. चूंकि बीजेपी प्रत्याशी कमलेश शाह का आदिवासियों में खासा दबदबा है. लिहाजा इस सीट पर कांग्रेस ने भी बड़ा दांव खेला है. पार्टी ने एक ऐसे आदिवासी को कांग्रेस ने टिकट दिया है, जिसके परिवार से आदिवासियों की आस्था जुड़ी है. इस इलाके में आंचल कुंड धाम से आदिवासी लोगों की बहुत आस्था है. सुखराम दादा जो की इस धाम के महंत है और धीरन शाह इनवाती उन्हीं के सुपुत्र हैं.
बीजेपी ने झोंकी ताकत, 35 स्टार प्रचारक उतारे
बीजेपी ने कमलनाथ के गढ़ में स्थापित अमरवाड़ा विधानसभा सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. पहली बार देखने को मिल रहा है कि किसी उप-चुनाव में 35 स्टार प्रचारक उतारे गए है. मुख्यमंत्री मोहन यादव से लेकर कैलाश विजयवर्गीय तक कई बड़े नेता यहां प्रचार करते हुए दिखाई देंगे. बीजेपी ने हाल में 40 सालों के बाद छिंदवाड़ा लोकसभा सीट जीती है. लिहाजा बीजेपी छिंदवाड़ा जिले के तहत आने वाले अमरवाड़ा विधानसभा सीट को भी जीतकर कांग्रेस के इस किले को भी ध्वस्त करना चाहेगी. अब देखना होगा कि कमलनाथ अपने गढ़ को किस तरह से सुरक्षित रख भी पाते हैं या फिर नहीं.