राजस्थान सरकार में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की. मीणा लोकसभा चुनावों में हार पर मंत्री पद से इस्तीफा देने की घोषणा करने के बाद सचिवालय नहीं जा रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक सनसनीखेज ट्वीट करते हुए भी मंत्री पद से इस्तीफे की संभावनाओं को तेज कर दिया था. एकाएक किरोड़ी का सीएम भजनलाल से मिलना एक शक पैदा कर रहा है कि कहीं दोनों के बीच इस्तीफे को लेकर तो चर्चा नहीं हुई है. हालांकि इस मुलाकात को बेहद गुप्त रखा गया है.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार सीएम भजनलाल शर्मा और किरोड़ी लाल मीणा की मुलाकात करीब पौन घंटे चली. इस मुलाकात में किरोड़ी के गिले-शिकवे सुने गए हैं. सीएम शर्मा ने उनकी बात सुनी और यह आश्वासन भी दिया कि उनके जो भी मुद्दे हैं, उन्हें आलाकमान की जानकारी में लाया गया है.
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माना जा रहा है कि किरोड़ी लाल इस बात से ज्यादा नाराज हैं कि मंत्री बनने के बाद विभागों का जो बंटवारा हुआ था, उसमें से मीणा को दिए विभागों को कई मंत्रियों के बीच बांट दिया गया था. इसके बाद किरोड़ी अपने भाई को दौसा लोकसभा से टिकट दिलवाने की मांग करते रहे, लेकिन पार्टी ने उनकी भी बात नहीं मानी. इसके बाद भी किरोड़ी ने आम चुनाव के दौरान अपने मजबूत इलाकों में जमकर प्रचार किया और जनता से पार्टी उम्मीदवार के लिए वोट अपील की.
सात सीटों पर जीत का किया था दावा
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने आम चुनाव के दौरान 7 सीटों पर जीत का दावा किया था. उन्होंने कहा था कि मैंने 11 सीटों पर मेहनत की है लेकिन सात सीटों पर ज्यादा मेहनत की है. अगर इन सात सीटों में से बीजेपी एक भी सीट हार गयी तो मैं मंत्री पद छोड़ दूंगा. वो सात सीटें भरतपुर, करौली-धौलपुर, टोंक-सवाई माधोपुर, दौसा, अलवर, जयपुर ग्रामीण और झालावाड़ है. इनमें से भरतपुर, करौली-धौलपुर, टोंक-सवाई माधोपुर, दौसा सहित चार सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है. बीजेपी के खाते में केवल अलवर, जयपुर ग्रामीण और झालावाड़ सीटें आयी हैं.
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इसके बाद किरोड़ी लाल मीणा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘रघुकुल रीति सदा चलि आई. प्राण जाई पर बचन न जाई.’ इसके बाद मीणा के मंत्री पद से इस्तीफे की बहस तेज हो गयी थी. फिलहाल ऐसा कुछ नहीं हुआ था लेकिन किरोड़ी लाल मीणा की अचानक प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात ने एक बार फिर किरोड़ी लाल मीणा के इस्तीफे के कयासों पर बहस छेड़ दी है.