हनी ट्रैप कांड में पेन ड्राइव होने का दावा कर फंसे कमलनाथ, BJP ने बताया झूठ का अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी

एसआईटी ने कमलनाथ को नोटिस जारी करते हुए आगामी दो जून को दोपहर साढ़े 12 बजे कमलनाथ को वो सीडी या पैन ड्राइव एसआईटी को सौंपने को कहा, यह पेनड्राइव तो पूरे प्रदेश में घूम रही है, हनीट्रैप कांड को लेकर मैंने पेन ड्राइव की राजनीति कभी नहीं की- कमलनाथ, अब एसआईटी ने उनसे सीडी मांगी है, ऐसे में या तो वे सीडी दें या सलाखों के पीछे जाएं- वीडी शर्मा

हनी ट्रैप कांड में पेन ड्राइव होने का दावा कर फंसे कमलनाथ
हनी ट्रैप कांड में पेन ड्राइव होने का दावा कर फंसे कमलनाथ

Politalks.News/MadhyaPradesh. कुछ दिनों पहले तक रुक-रुक कर हो रही मध्यप्रदेश की राजनीति में एकाएक उबाल आया हुआ है. जैसे-जैसे कोरोना की दूसरी लहर की रफ़्तार धीमे पड़ रही है वैसे-वैसे मध्यप्रदेश की सियासत में भूचाल की आहट सी होने लगी है. कभी कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों को लेकर तो कभी रेमेडिसिवर और ऑक्सीजन की कालाबजारी को लेकर सत्तापक्ष बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस में तनातनी बनी हुई है. इसी बीच मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनी ट्रैप मामले में एक पेन ड्राइव अपने पास होने का दावा करना प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को भारी पड़ गया है. हनी ट्रेप मामले से जुड़ी पेन ड्राइव बयान देकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ खुद ही उलझ गए हैं. इस संबंध में हनीट्रैप कांड की जांच कर रही एसआईटी ने कमलनाथ को नोटिस जारी करते हुए आगामी दो जून को दोपहर साढ़े 12 बजे कमलनाथ को वो सीडी या पैन ड्राइव एसआईटी को सौंपने को कहा है. वहीं इस मामले में अब बीजेपी ने निशाना साधते हुए कमलनाथ पर संवैधानिक गोपनीयता की शपथ और पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है.

एक बार फिर क्यों सुर्ख़ियों में हनी ट्रैप मामला?
दरअसल, कुछ दिन पूर्व कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री उमंग सिंघार के बंगले पर एक महिला ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. उसके बाद इस मामले में उमंग सिंघार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई और उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने जैसे आरोप लगे हैं. इसी को लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक बयान देते हुए कहा था कि आज भी हनी ट्रैप केस की पैन ड्राइव उनके पास है. कमलनाथ के इस बयान के बाद इस पुरे मामले की जांच कर रही एसआईटी ने कमलनाथ को नोटिस जारी कर पैन ड्राइव उपलब्ध करवाने की बात कही है. हालांकि कमलनाथ ने हाल ही में एक बयान में कहा है कि इस तरह की कोई भी चीज उनके पास उपलब्ध नहीं है.

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मुरैना में हुई पत्रकार वार्ता के दौरान कमलनाथ ने कहा कि हनीट्रैप कांड की यह पेन ड्राइव मेरे पास कहां है? यह तो बहुत से लोगों के पास है. यह पेनड्राइव तो पूरे प्रदेश में घूम रही है. कमलनाथ ने आगे कहा कि हनीट्रैप कांड को लेकर मैंने पेन ड्राइव की राजनीति कभी नहीं की. कमलनाथ ने आगे कहा कि उस समय उनके मुख्यमंत्री होने के कारण पुलिस उन्हें इस मामले में जांच की प्रगति के बारे में स्वाभाविक रूप से अवगत कराती रहती थी. आपको बता दें, प्रदेश में हनी ट्रेप कांड के समय मुख्यमंत्री कमलनाथ थे.

वहीं इस मामले में जांच एजेंसी एसआईटी ने नोटिस जारी करते हुए कहा कि कमलनाथ ने 21 मई को एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में हनीट्रैप कांड से जुड़ी सीडी या पेन ड्राइव अपने पास होने की बात कही थी. इस संबंध में उनसे पूछताछ के उनसे पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में लिखा है कि 2 जून की दोपहर 12:30 बजे भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित कमलनाथ के बंगले पर उनसे पूछताछ की जाएगी.

एसआईटी द्वारा कमलनाथ को दिए नोटिस के बाद अब बीजेपी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हमलावर हो गई है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि कमलनाथ ने संवैधानिक गोपनीयता की शपथ और पद का दुरुपयोग किया है. वे सीडी अपने पास होने का दावा कर सरकार को ब्लैकमेल कर रहे हैं और पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. वीडी शर्मा ने कमलनाथ के साथ-साथ दिग्विजय सिंह पर भी निशाना साधा और दोनों नेताओं को झूठ बोलने का अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी बताया.

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वीडी शर्मा ने कहा कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों झूठ के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं. शर्मा ने कमलनाथ को चेतावनी देते हुए कहा कि वे कई बार हनी ट्रैप की सीडी अपने पास होने का दावा कर चुके हैं. अब एसआईटी ने उनसे सीडी मांगी है, ऐसे में या तो वे सीडी दें या सलाखों के पीछे जाएं. कमलनाथ अपने समर्थक नेता को बचाने के लिए अनर्गल बयान दे रहें हैं.

आखिर क्या है पूरा मामला
बता दें कि साल 2019 में हनी ट्रैप का यह मामला नगर निगम इंदौर के इंजीनियर रहे हरभजन की शिकायत के बाद खुला था. हरभजन सिंह ने पुलिस से शिकायत की थी कि उसकी सीडी बनाकर ब्लैकमेल किया जा रहा है. हरभजन की शिकायत पर पुलिस ने सबसे पहले उस लड़की को गिरफ्तार किया जिसके साथ हरभजन सिंह की सीडी थी. बाद में इस मामले में प्रदेश के मंत्रियों, नेताओं, अधिकारियों और रसूखदार लोगों को फंसाकर ब्लैकमेल करने की धमकियां देकर वसूली के आरोप लगे थे. मामले की गंभीरता को देखते हुए कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहते जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया, लेकिन बार-बार इसमें बदलाव किया गया.

आपको बता दें, इस मामले में फिलहाल जांच अभी भी जारी है, पुलिस द्वारा जांच में कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स में हनी ट्रैप के कई वीडियो थे और इन्हीं वीडियो के आधार पर अगस्त 2020 में हनी ट्रैप केस की जांच कर रही एसआईटी के तत्कालीन चीफ राजेंद्र कुमार ने रिटायरमेंट से पहले हाईकोर्ट में बंद लिफाफे में 40 रसूखदारों के नाम दिए हैं.

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