जोगी परिवार ने दिए ‘घर वापसी’ के संकेत, छत्तीसगढ़ कांग्रेस में बन सकता एक और सत्ता का केन्द्र!

'छत्तीसी' कलह के बीच राहत की खबर, जोगी परिवार के कांग्रेस में घर वापसी के संकेत, चार विधायक जुड़ेंगे कांग्रेस के दल में, रेणु सिंह ने दिए संकेत- सोनिया चाहें तो हो सकता विलय, पुरानी बातें भी भूलने को तैयार' जोगी की पत्नी रेणु को बनाया जा सकता है मंत्री, राहुल की झिड़की से आहत होकर छोड़ा कांग्रेस का हाथ बनाई थी अपनी पार्टी

'छत्तीसी' कलह के बीच राहत की खबर
'छत्तीसी' कलह के बीच राहत की खबर

Politalks.News/chattisghad. छत्तीसगढ़ और पंजाब कांग्रेस में मची अंदरूनी कलह पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. कांग्रेस हाईकमान इस कलह को दूर करने का हर संभव प्रयास कर रहा है. बात करें छत्तीसगढ़ की तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव के बीच सत्ता की जबरदस्त खींचतान चल रही है. इस बीच कांग्रेस के लिए राहत की एक खबर आई है. तनातनी के बीच जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (JCC) की राष्ट्रीय प्रमुख रेणु जोगी ने एक बड़ा बयान दिया है. रेणु जोगी ने कहा है कि, ‘अगर सोनिया गांधी कहें तो राज्य में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार को कोई नुकसान नहीं होने दिया जाएगा. कांग्रेस के साथ विलय करने को भी तैयार हैं’. आपको बता दें कि रेणु जोगी पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पत्नी हैं, रेणु जोगी ने कहा है कि, ‘इस वक्त अगर सोनिया गांधी चाहें तो हम इस मुश्किल समय में उनका साथ देने के लिए तैयार हैं, हम उनकी सरकार को कोई नुकसान नहीं होने देंगे’. रेणु जोगी ने कहा कि, ‘हम पुरानी सभी बातों को भुलाकर कांग्रेस पार्टी के साथ विलय करने के लिए भी तैयार हैं’. ध्यान रहे कि रेणु जोगी का ये बयान ऐसे वक्त में आया है, जब शुक्रवार को ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भूपेश बघेल के साथ एक लंबी मीटिंग की थी. इस मीटिंग में बघेल ने ये दावा किया था कि राज्य के नेताओं में कोई मतभेद नहीं हैं. हालांकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है. पुराने कांग्रेसी परिवार के घर वापसी पर दोनों ही बघेल और देव सिंह गुटों में हलचल मचना तय है.

‘जो मिला उसमें सोनिया गांधी का योगदान’- जोगी
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पार्टी की प्रमुख रेणु जोगी का कहना है कि, ‘मेरे पति अजीत जोगी को राजनीतिक जीवन में जो मिला और मेरे परिवार को जो प्रतिष्ठा मिली, उसमें गांधी परिवार और खासकर सोनिया गांधी जी का बहुत बड़ा योगदान है, इसलिए हम उनके आभारी हैं और इसीलिए हम छत्तीसगढ़ में वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए कांग्रेस पार्टी का साथ देने के लिए तैयार हैं’. रेणु जोगी ने कहा कि, ‘हम हर वक्त कांग्रेस का साथ देने के लिए तैयार हैं’.

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4 विधायक हैं JJC के पास
आपको बता दें कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी है. ये पार्टी इस समय प्रदेश की तीसरी बड़ी राजनीतिक ताकत है. 90 सदस्यों वाली विधानसभा में इस पार्टी के 4 विधायक हैं. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ और बसपा गठबंधन ने 2018 के विधानसभा चुनाव में 7 सीटें जीती थीं. इसमें से 5 सीटें JCC की थीं. मई 2020 में अजीत जोगी के निधन से एक सीट खाली हो गई थी.

बघेल और सिंह देव खेमों की बढ़ी चिंता, परिवार बनेगा सत्ता का नया केन्द्र!
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के अंदर मचे घमासान के बीच यह खबर दबी हुई है कि दिवंगत अजित जोगी का परिवार कांग्रेस में लौटने की कोशिश कर रहा है. पिछले साल मई में अजित जोगी के निधन के बाद से ही उनकी बनाई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के कांग्रेस में विलय और जोगी परिवार के कांग्रेस में लौटने की चर्चा चल रही है. हालांकि यह भी हकीकत है कि प्रदेश कांग्रेस में सत्ता के लिए लड़ रहे दोनों खेमों में से कोई भी नहीं चाहता कि जोगी परिवार की वापसी हो. उनको इस बात की चिंता है कि सोनिया गांधी के परिवार के साथ जोगी परिवार की पुरानी करीबी है और उनके आने से पार्टी के अंदर एक दूसरा सत्ता केंद्र बनेगा. फिर भी कांग्रेस के केंद्रीय नेताओं का एक खेमा चाहता है कि जोगी परिवार की वापसी हो.

रेणु जोगी को बनाया जा सकता है मंत्री
इस बीच खबर है कि अजित जोगी की पत्नी रेणु जोगी ने सोनिया गांधी से मिलने का समय मांगा है और उनके मिलने के बाद वे पार्टी का कांग्रेस में विलय करने का फैसला करेंगी. वैसे कांग्रेस पार्टी को प्रदेश में दो-तिहाई बहुमत है और उसे अतिरिक्त विधायकों की जरूरत नहीं है फिर भी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के कांग्रेस में विलय से चार और विधायक मिल जाएंगे. अजीत जोगी की पार्टी के चार विधायक हैं और माना जा रहा है कि रेणु जोगी को सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है. अगले चुनाव से पहले जोगी परिवार की कांग्रेस में वापसी पार्टी को मजबूत करेगी, खास कर आदिवासी और पिछड़े समुदायों के बीच. आपको बता दें कि कि जोगी ने पिछला चुनाव बसपा से तालमेल करके लड़ा था. हालांकि गठबंधन को सीटें ज्यादा नहीं मिल पाई थीं लेकिन कई इलाकों में उनका प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा था.

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कौन थे अजीत जोगी
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में गोल्ड मेडलिस्ट होने के बाद अजीत जोगी आईपीएस बने और दो साल बाद आइएएस. लंबे समय तक कलेक्टर जैसे दबदबे वाले पद पर रहने के बाद त्यागपत्र देकर राजनीति में आने वाले जोगी को तेज तर्रार अफसर के साथ ही तुर्क नेता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे. राजनीति में शतरंज के माहिर खिलाड़ी माने जाने वाले थे दिवंगत अजीत जोगी, राजीव गांधी के बाद सोनिया गांधी, अर्जुन सिंह, दिग्विजय सिंह समेत कांग्रेस के तमाम आला नेताओं के खास और वफादार माने जाने वाले अजीत जोगी ने साल 2016 में कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था.

कांग्रेस से क्यों छूटा मोह?
छत्तीसगढ़ कांग्रेस का मुखिया कोई भी रहा हो, लेकिन पार्टी में वर्चस्व अजीत जोगी का ही था. 2015 के बाद भूपेश बघेल और टीएस सिंहदेव की जोड़ी ने पार्टी में अपना वर्चस्व बढ़ाना शुरू कर दिया. इसी बीच कांग्रेस दो खेमों में बंट गया. एक खेमा कांग्रेस संगठन तो दूसरा जोगी कांग्रेस बना गया. लेकिन साल 2014 में हुए अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार मंतूराम पंवार ने मैदान छोड़ दिया और इस विस्फोट की अवाज एक ऑडियो के रूप में करीब साल भर बाद आई. आरोप लगे कि मंतूराम को चुनाव से बाहर करने के लिए सौदेबाजी हुई. सौदेबाजी की एक कथित ऑडियो क्लिप वायरल होने के बाद 2016 में कांग्रेस पार्टी ने अजीत जोगी के बेटे और विधायक अमित जोगी को पार्टी से 6 सालों के लिये निष्काषित कर दिया. इतना ही नहीं मामले में अजीत जोगी को भी नोटिस थमा दिया गया.

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राहुल की झिड़की से हुए थे आहत
एक विवाद की वजह से 2016 में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अजीत जोगी को कांग्रेस से अलग हो जाना पड़ा. अजीत जोगी ने बगावती तेवर पहले से तय किसी प्लान के तहत नहीं, बल्कि पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी की झिड़की से आहत होने के बाद अपनाए. राहुल गांधी ने उन्हें उस समय झिड़की लगाई, जब वह राज्यसभा का टिकट मांगने 25 मई 2016 को उनके पास दिल्ली पहुंचे थे. राहुल ने उन्हें तवज्जो नहीं देते हुए बेरुखी दिखाई. जोगी ने 27 मई को राहुल से फोन पर बात की थी. उसमें भी राहुल ने उन्हें दो टूक कह दिया था कि राज्यसभा का टिकट नहीं मिलेगा. राहुल के करीबी नेताओं की मानें तो जोगी ने नाटकीय अंदाज में पार्टी उपाध्यक्ष पर दबाव बनाने की कोशिश की थी.

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