नेहरू की नजरअंदाजी पर बिफरे गहलोत- देश के गद्दारों को आजादी का सेनानी बताना वीरों का अपमान

'आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर' में नेहरू की फोटो नहीं लगाने पर भड़के 'मारवाड़ के गांधी', ICHR और मोदी सरकार पर जमकर बरसे गहलोत, बोले-'नेहरू की तस्वीर ना लगाना निंदनीय, केन्द्र सरकार ने किया छोटी सोच का प्रदर्शन, पूरे नेहरू परिवार का आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान', सावरकर की फोटो लगाने पर जताई नाराजगी बोले- 'देश से गद्दारी करने वाले लोगों को स्वतंत्रता सेनानी बताना सेनानियों का अपमान, देश मोदी सरकार को सिखाएगा सबक'

नेहरू के योगदान को कमतर दिखाना मोदी सरकार की बेवकूफी
नेहरू के योगदान को कमतर दिखाना मोदी सरकार की बेवकूफी

Politalks.News/Rajasthan. आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में देश के पहले प्रधानमंत्री और देश की आजादी की लड़ाई में अहम भूमिका निभाने वाले पंडित जवाहर लाल नेहरू की फोटो नहीं होने पर सीएम गहलोत ने बिफरते हुए विरोध जताया है. सीएम गहलोत ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि, ‘अपना तन, मन, धन और जीवन देश की आजादी की लड़ाई लड़ने एवं आधुनिक भारत की नींव रखने के लिए लगा देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने के कुप्रयास का खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा और समय आने पर देश मोदी सरकार को सबक सिखाएगा’. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद द्वारा ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ समारोह से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की तस्वीर हटाए जाने की पृष्ठभूमि में शनिवार को कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘देश के प्यारे पंडित नेहरू को लोगों के दिल से कैसे निकाला जा सकेगा’. राहुल गांधी ने फेसबुक पर नेहरू के जीवन से जुड़ी कई तस्वीरें साझा करते हुए कहा था कि ‘देश के प्यारे पंडित नेहरू को लोगों के दिल से कैसे निकालोगे?’

‘नेहरू की तस्वीर नहीं लगाना निंदनीय, केन्द्र सरकार ने किया छोटी सोच का प्रदर्शन’- गहलोत
अब राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान जारी कर कहा है कि, ‘भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) द्वारा जारी किए गए आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में पंडित जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर ना लगाना ना सिर्फ निंदनीय है बल्कि केन्द्र सरकार की छोटी सोच का प्रदर्शन भी है. पंडित नेहरू के आजादी के आंदोलन में योगदान और उनके जेल जाने को याद करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘आजादी की लड़ाई के दौरान 9 बार जेल गए. उन्होंने अपने जीवन के 3259 दिन (करीब 9 साल) जेल में गुजारे. अंग्रेजों का विरोध करते हुए कई बार उन्होंने अंग्रेजों द्वारा किए गए बल प्रयोग का सीना तान कर सामना किया’.

‘सावरकर ने मांगी माफी जबकि नेहरू फौलाद की तरह अंग्रेजों के सामने खड़े रहे’
RSS और सावरकर पर निशाना साधते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘जहां विनायक दामोदर सावरकर ने जेल जाने के एक साल बाद में ही अंग्रेजों से माफी मांगना शुरू कर दिया था और कुल छह बार माफी मांगी और जेल से रिहा होने के बाद ब्रिटिश एजेंट बनकर काम किया वहीं पंडित नेहरू फौलाद की तरह अंग्रेजों के सामने खड़े रहे और भारत को आजादी दिलाकर अपना संकल्प पूरा किया’

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‘पूरे नेहरू परिवार का आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान’- गहलोत
पंडित जवाहर लाल नेहरू के भारत के नव निर्माण में योगदान को याद करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि, ‘नेहरू जी ने भारत ही नहीं विश्व पटल पर भी भारत की आजादी की बात मजबूती से रखी. भारत के सबसे अमीर परिवारों में से एक नेहरू परिवार के सदस्य जवाहर लाल नेहरू ने अपने देश की खातिर सारी सुख-सुविधाओं का त्याग कर अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया’. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘नेहरू परिवार के सभी सदस्यों मोतीलाल नेहरू, स्वरूप रानी नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, कमला नेहरू, विजयलक्ष्मी पंडित, कृष्णा नेहरू और इन्दिरा प्रियदर्शनी नेहरू का भारत की आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है’

‘नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने की कोशिश बेवकूफी’
सीएम अशोक गहलोत ने नेहरू परिवार के आजादी के आंदोलन में योगदान को याद करते हुए कहा कि, ‘जवाहर लाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू ने अपना घर आनंद भवन भी क्रांतिकारियों के लिए दे दिया था. मोतीलाल नेहरू ने स्वराज पार्टी बनाकर आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाया’. मोदी सरकार द्वारा अमृत महोत्सव के पोस्टर में नेहरू जी की फोटो नहीं लगाने पर गहलोत ने निशाना साधते हुए कहा कि, ‘आजादी की खातिर अपना घर तक छोड़ देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने की कोशिश करना मोदी सरकार की बेवकूफी मात्र है’.

‘देश से गद्दारी करने वाले लोगों को स्वतंत्रता सेनानी बताना सेनानियों का अपमान’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘जब सुभाष चन्द्र बोस की आजाद हिन्द फौज (आईएनए) के तीन प्रमुख कमांडरों सहगल, ढिल्लन और शाहनवाज पर अंग्रेजों ने मुकदमा चलाया तो नेहरू जी ने पूरे देश में इनके समर्थन के लिए कैंपेन चलाया और आईएनए डिफेंस कमिटी बनाई, नेहरू ने अन्य वकीलों के साथ मिलकर लाल किले में वकालत करते हुए इनका मुकदमा लड़ा और आजाद हिन्द फौज के सैनिकों के मृत्युदंड को माफ करवाया था’, वहीं सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘विनायक दामोदर सावरकर ने आजाद हिन्द फौज के खिलाफ ब्रिटिश सरकार की तरफ से लड़ने के लिए युवाओं को ब्रिटिश फौज में भर्ती करवाया. देश के साथ गद्दारी करने वाले ऐसे लोगों को स्वतंत्रता सेनानी बताना सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है. अपना तन, मन, धन एवं जीवन देश की आजादी की लड़ाई लड़ने एवं आधुनिक भारत की नींव रखने के लिए लगा देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने के कुप्रयास का खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा और समय आने पर देश मोदी सरकार को सबक सिखाएगा’,

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आजादी का अमृत महोत्सव के पोस्टर में किस-किस को मिली जगह
1.महात्मा गांधी
2.सुभाष चंद्र बोस
3.डॉ. भीमराव आंबेडकर
4.वीर सावरकर
5.शहीद भगत सिंह
6.मदन मोहन मालवीय
7. सरदार वल्लभ भाई पटेल
8. डॉ. राजेंद्र प्रसाद

ICHR की आ चुकी है सफाई
भारत की स्वतंत्रता के 75वें साल के जश्न के लिए जारी पोस्टरों में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर को कथित तौर पर शामिल नहीं करने को लेकर विपक्षी पार्टियों की आलोचना का सामना कर रहे भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) ने कहा कि, ‘इस मुद्दे पर विवाद ‘गैर जरूरी’ है और आने वाले दिनों में जारी होने वाले पोस्टरों में नेहरू की तस्वीर होगी. आईसीएचआर के एक शीर्ष अधिकारी ने इस मुद्दे पर आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि, ‘हम आजादी की लड़ाई में किसी की भूमिका को कमतर करने का प्रयास नहीं कर रहे हैं. जिस पोस्टर को लेकर विवाद हुआ है वह आजादी का अमृत महोत्सव जश्न के तहत जारी होने वाले कई पोस्टरों में से एक है’

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देश की आजादी के 75 साल पर आयोजन
देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ का आयोजन देश की मोदी सरकार की ओर से किया जा रहा है. 12 मार्च 2021 को पीएम मोदी ने इसकी शुरुआत की थी. अहमदाबाद से कार्यक्रम की शुरुआत के दौरान पीएम मोदी ने नेहरू को नमन किया. ये अमृत महोत्सव 15 अगस्त, 2023 तक महोत्सव चलेगा
और इसके अंतर्गत कई सांस्कृतिक आयोजन होंगे.

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