Politalks. News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में अब कुछ ही समय शेष है. सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी राजनीतिक पृष्ठभूमि को मजबूत करने में लगे हैं. दूसरे शब्दों में कहें, तो पार्टियां यूपी के विधानसभा चुनाव 2022 के अखाड़े में अपने नाम पर जीत की मुहर लगाने के लिए लगातार कसरत कर रही हैं. तो वहीं यूपी चुनाव बीजेपी के लिए नाक का सवाल बना हुआ है. बीजेपी किसी भी हालत में उत्तरप्रदेश में अपना परचम एक बार फिर से लहराने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. यूपी चुनाव के लिए अब बीजेपी सभी 403 सीटों पर पार्टी के लिए एक अभेद्य दुर्ग बनाने में जुटी है. इसके लिए बीजेपी ने सभी सीटों के लिए 403 विस्तारकों की एक टीम गठित की है.
विस्तारक देंगे विधानसभा क्षेत्रों का संगठन को ब्यौरा
विधानसभा चुनाव में फिलहाल 5 महीनों का वक़्त शेष है और देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में बीजेपी के लिए योगी सरकार के कामों का बखान करना इतना आसान नहीं होगा. इसी लिए बीजेपी एक अभेद्य किले के रूप में विस्तारकों की एक टीम गठित की है. यह सभी विस्तारक विधानसभा चुनाव तक अपने अपने विधानसभा क्षेत्र में रहेंगे. ये सभी विस्तारक सबसे पहले हर विधानसभा क्षेत्र में पार्टी की स्थिति, मौजूदा विधायक का अपने सम्बंधित क्षेत्र में काम तथा आगामी चुनावी के संभावित उम्मीदवारों की सूची तैयार कर भाजपा संगठन को देंगे. इसके साथ ही ये विस्तारक सम्बंधित क्षेत्र में विपक्षी दलों की स्थिति और पार्टी कार्यकर्ताओं के संतोष-असंतोष सहित अन्य मुद्दों पर फीडबैक लेकर संगठन को देंगे.
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‘नींव’ को और ताकत देने के लिए जी जान से जुटी भाजपा
भारतीय जनता पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव को किसी भी हालत में हल्के में नहीं ले रही है. इससे पहले पार्टी ने सूबे के सभी सांसदों से अपने अपने क्षेत्र में जन आशीर्वाद यात्रा निकालने को कहा था तथा मोदी सरकार एवं योगी सरकार के कामों को जन जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी थी. तो वहीं हाल ही में बीजेपी द्वारा गठित ये सभी विस्तारक अपनी रिपोर्ट स्थानीय संगठन को देने के बजाय सीधे प्रदेश मुख्यालय में देंगे. जब तक विधानसभा चुनाव समाप्त नहीं हो जाता तब तक सभी विस्तारक सम्बंधित क्षेत्र स्थायी रूप से निवास करेंगे एवं निवास और खानपान की व्यवस्था की जिम्मेदारी संगठन खुद उठाएगा.
विस्तारक अपने स्तर पर करेंगे समस्याओं का समाधान
वहीं पार्टी संगठन ने इन विस्तारकों की मानिटरिंग के लिए वरिष्ठ विस्तारक प्रमुख और सह विस्तारक प्रमुख भी तैनात किया है. ये सभी पदाधिकारी समय-समय पर पार्टी द्वारा मिले निर्देश को विस्तारकों तक पहुंचाएंगे और विस्तारक क्षेत्र संबंधी विकास कार्यों से जनता को अवगत कराएंगे. आपको बता दें कि विस्तारकों का काम उच्च पदाधिकारियों एवं पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच संवाद को निरन्तर बनाये रखने का है. सबसे पहले ये विस्तारक जमीनी स्तर पर आने वाले दिक्कतों का समाधान अपने स्तर पर समाधान करने की कोशिश करेंगे. अगर समाधान उनकी क्षमता के बाहर है तो उसके लिए ये उच्च पदाधिकारियों की मदद ले सकते हैं.
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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के युवा होंगे अभेद्य दुर्ग का हिस्सा
पार्टी सूत्रों के अनुसार इन विस्तारकों का चयन भाजपा और RSS अनुषांगिक संगठनों से किया जा रहा है. ज्यादातर विस्तारक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से चयनित होते है. इसके पीछे पार्टी का मकसद युवाओं को आगे लाना है और विस्तारक के रूप में पार्टी द्वारा युवाओं के लिए किये जा रहे कार्यों से अवगत करना है. भाजपा संगठन का मानना है युवा विस्तारक बिना थके चुनाव को लेकर पार्टी की उम्मीदों को पूरा कर सकेंगे.
गोरखपुर और काशी में हो चुकी नियुक्ति
विस्तारकों के सहारे भाजपा अपनी खास रणनीति के तहत गोरखपुर क्षेत्र के 10 जिलों के 62 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 70 विस्तारक नियुक्त कर चुकी है. संगठन विधानसभा क्षेत्र की संख्या के अतिरिक्त आठ विस्तारक पार्टी के निर्देश के पालन के लिए सुरक्षित रखे जाएंगे. कड़े मुकाबले वाली विधानसभा क्षेत्रों में मौका देखकर एक से अधिक विस्तारकों को भी लगाने की भी पार्टी की योजना है. इसी तरह काशी क्षेत्र में 71 विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी विस्तारकों का चयन कर लिया गया है.
सुनील बंसल खुद दे रहे हैं इन्हें प्रशिक्षण
पश्चिमी यूपी में मुरादाबाद, सहारनपुर और मेरठ मंडल काफी महत्वपूर्ण हैं. इन तीनों मंडलों में विधानसभा की 70 सीटें हैं, जिसके लिए करीब 74 विस्तारक नियुक्त किए गए हैं. इसके साथ ही बदायू के एक जिले को लेकर कुल 75 विस्तारक नियुक्त किए हैं. इनमें से वर्तमान में भाजपा के पास 52 सीटें हैं. वहीं विस्तारकों के चयन को लेकर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि यूपी के सभी सीटों के लिए विस्तारकों की नियुक्ति के साथ-साथ प्रशिक्षण का काम भी चल रहा है. संगठन महामंत्री सुनील बंसल सहित पार्टी के वरिष्ठ नेता विस्तारकों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. बुधवार को सुनील बंसल गोरखपुर मंडल के विस्तारकों की पाठशाला में पहुंचे और विस्तारकों को चुनावी रणनीति सिखाई. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद ही विस्तारक विधानसभा क्षेत्रों में जाकर अपना अपना कार्यभार संभालेंगे. विस्तारक को विधानसभा चुनाव होने तक अपने संबंधित विधानसभा क्षेत्र में रहना होगा.
आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी बड़ी ही सोची समझी रणनीति के तहत काम कर रही है. 403 विधानसभा सीटों के लिए नियुक्त एक-एक विस्तारक पार्टी को आगामी चुनाव से पहले क्या सत्ता में वापस लाने का रास्ता बना पाएंगे ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा है. लेकिन बीजेपी की यह रणनीति विपक्षी दलों के लिए सिरदर्द बन चुकी है. समाजवादी पार्टी के मुखिया पहले ही 400 से ज्यादा सीट जीतने की हुंकार भर चुके है लेकिन बीजेपी की इस चाल का उनके पास क्या जवाब होगा ये सामने नहीं आ पाया है.