‘धारीवाल जी की चुनौती करो स्वीकार, बाहुबली नहीं बुद्धिमान बनो, बच्चों को बनाओ काबिल’- जोशी

'बाहुबली नहीं बुद्धिमान बनें धारीवाल जी की चुनौती स्वीकार करे समाज', प्रदर्शनकारी ब्राह्मणों को प्रोफेसर साहब की नसीहत, धारीवाल जी के बयान को ले चुनौती के रूप में, अपने बच्चों को बनाओ काबिल, ब्राह्मण संगठन लें चुनौती- 'हम 10 बच्चे कैसे तैयार करें जो आईएएस, आरएएस बनें' शांति धारीवाल के विरोध पर डॉ. जोशी की ब्राह्मण संगठनों को नसीहत, हालांकि बयान देने वाले धारीवाल आ चुके हैं बैकफुट पर

प्रोफेसर साहब की 'बाहुबली' प्रदर्शनकारियों को 'बुद्धिमानी' वाली नसीहत
प्रोफेसर साहब की 'बाहुबली' प्रदर्शनकारियों को 'बुद्धिमानी' वाली नसीहत

Politalks.News/Rajasthan. अशोक गहलोत सरकार में दो नंबर और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बयान पर ब्राह्मण संगठनों के विरोध के बीच सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सचेतक महेश जोशी ने ब्राह्मण संगठनों को विरोध प्रदर्शन की जगह आगे बढ़ने की चुनौती के रूप में लेने की नसीहत दी है. यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने पिछले दिनों कहा था कि, ‘ब्राह्मणों ने बुद्धि का ठेका ले रखा है लेकिन कोटा के कोचिंग इंस्टीट्यूट में वैश्य समाज के बच्चे ज्यादा आते हैं. इस बयान का ब्राह्मण संगठन विरोध कर रहे हैं. हालांकि धारीवाल अपने बयान पर माफी भी मांग ली है. धारीवाल ने कहा है कि, ‘ब्राह्मण समाज को दिशा देने वाले होते हैं. ब्राह्मण समाज की भावना को ठेस पहुंचाने का कोई इरादा नहीं था’

‘ब्राह्मण बाहुबली नहीं, बुद्धिमान समाज, चुनौती करें स्वीकार’- महेश जोशी
इधर मुख्य सचेतक महेश जोशी ने पीसीसी में मीडिया से बातचीत में कहा कि, ‘बाहुबली ब्राह्मण नहीं होता है. ब्राह्मण बाहुबली नहीं बुद्धिमान समाज है, बुद्धिमान कभी बाहुबल का प्रदर्शन नहीं करते. चाणक्य ने कभी बाहुबल का प्रदर्शन नहीं किया’. जोशी ने कहा कि, ‘ऐसे में ब्राह्मण संगठन इसे विरोध की जगह चुनौती के रूप में लें. हर ब्राह्मण संगठन यह चुनौती ले कि हम 10 बच्चे कैसे तैयार करें जो आईएएस, आरएएस बनें’.

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बुराई के रूप में ना लें, कंपटीशन में उतरें- जोशी
सचेतक महेश जोशी ने कहा, ‘शांति धारीवाल के बयान की मुझे जानकारी नहीं लेकिन अगर किसी भी समाज के लिए ऐसा बयान आता है कि उनके बच्चे कंपटीशन में कम आते हैं तो उसे कंपटीशन के रूप में लेना चाहिए’. महेश जोशी ने कहा- ‘धारीवाल जी को बयान देना चाहिए था या नहीं देना चाहिए था यह अलग बात है, लेकिन ब्राह्मण समाज के संगठनों से जुड़े लोग जो रिएक्शन दे रहे हैं, उन्हें सोचना चाहिए. पहले जिस प्रतिशत में ब्राह्मण समाज के लोग प्रतियोगिताओं में या कंपटीटीव एग्जाम में जिस नंबर में आते थे, अगर किसी भी व्यक्ति ने यह कहा है कि हमारे से ज्यादा अगर उस समाज के लोग सरकारी नौकरियों में जाते हैं तो उसे बुराई के रूप में नहीं लेकर चुनौती के रूप में लेना चाहिए. यह चुनौती स्वीकार करनी चाहिए’

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‘अनावश्यक विरोध कर ब्राह्मण बच्चों को नहीं दे गलत दिशा’
मुख्य सचेतक महेश जोशी ने कहा- ‘ब्राह्मण संगठनों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए इधर-उधर की बात करने की जगह ब्राह्मणों के बच्चों को कंपीटीशन के लिए तैयार करने पर ध्यान दें. इसके लिए ब्राह्मण समाज का चाहे कोई इंस्टीट्यूट खोल सके, कोचिंग स्टोर खोल सकें, ब्राह्मण समाज के बच्चों की संख्या कंपटीशन एग्जाम में कैसे बढ़ा सकें इस तरह हमें ध्यान देना चाहिए. ब्राह्मण समाज के संगठनों के लोग इस बात को समझें, इससे ब्राह्मण समाज के प्रतिभा को निखारने का मौका मिलेगा ब्राह्मण संगठनों को नसीहत देते हुए जोशी ने कहा कि, ‘वह अनावश्यक रूप से विरोध प्रदर्शन करके ब्राह्मण बच्चों को गलत दिशा नहीं दें’.

प्रदेश में इन दिनों नगरीय और स्वायत्त शासन विभाग मंत्री शांति धारीवाल के बयान पर ब्राह्मण समाज विरोध प्रदर्शन कर रहा है. यूडीएच मंत्री धारीवाल ने कहा था कि, ‘क्या बुद्धि का ठेका ब्राह्मणों ने ले रखा है? जबकि कोटा के कोचिंग इंस्टिट्यूट से सफल होकर निकलने वाले बच्चों की संख्या वैश्य समाज की ज्यादा है. इस बयान के विरोध में ब्राह्मण संगठनों में रोष है जो धारीवाल के बयान के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.

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