रायपुर अधिवेशन से पहले ईडी की कार्रवाई को कांग्रेस ने बताया बदले की राजनीति, सीतारमण ने दिया जवाब

रायपुर में होने वाले कांग्रेस के अधिवेशन से ठीक तीन दिन पहले प्रदेश के बड़े कांग्रेसी नेताओं पर ED की छापेमारी को लेकर गरमाई राजनीति, यह छापेमारी ध्यान भटकाने की कोशिश है, लेकिन देश सच जानता है, इसलिए हम लड़ेंगे और जीतेंगे- भूपेश बघेल, हमारा पूर्ण अधिवेशन होकर रहेगा. यह कार्रवाई हमारे लिए बूस्टर डोज- जयराम रमेश, बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है- सीतारमण

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Congress v/s BJP on ED Action in Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होने वाले कांग्रेस के अधिवेशन से ठीक तीन दिन पहले प्रदेश के बड़े कांग्रेसी नेताओं पर ED की छापेमारी को लेकर राजनीति गरमा गई है. इस मामले को लेकर अब कांग्रेस और बीजेपी एक दूसरे पर हमलावर हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ईडी की कार्रवाई की टाइमिंग पर सवाल उठाते हुए इसे बदले की राजनीति करार दिया, तो वहीं जयराम रमेश के आरोपों पर केंद्रीय वित्तमंत्री और बीजेपी की वरिष्ठ नेता निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है. वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस तरह की हरकतों से पार्टी नेताओं के मनोबल को कमजोर नहीं होगा. बघेल ने कहा कि अधिवेशन से ठीक पहले जांच की क्या आवश्यकता है? जिन मामलों की वो बात कर रहे हैं, उसकी जांच 1-2 महीने पहले या 1-2 महीने बाद भी कर सकते थे, मगर ठीक अधिवेशन से 4 दिन पहले ये करना क्या बताता है?

आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कोयला लेवी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में चल रही जांच के तहत सोमवार को रायपुर ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं सहित छत्तीसगढ़ में कई स्थानों पर तलाशी ली. खास बात यह है कि ईडी की यह छापेमारी राज्य की राजधानी रायपुर में 24 फरवरी से कांग्रेस के तीन दिवसीय पूर्ण सत्र से ठीक पहले हुई है. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहले एक ट्वीट करते हुए लिखा, ‘आज ईडी ने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष, पार्टी के पूर्व उपाध्यक्ष और एक विधायक सहित मेरे कई सहयोगियों के आवास पर छापा मारा है.’ इसके बाद मीडिया से वार्ता के दौरान भूपेश बघेल ने कहा कि रायपुर में चार दिन बाद कांग्रेस का पूर्ण अधिवेशन है. इस तरह की हरकतों से सत्र की तैयारियों में लगे हमारे साथियों को रोककर हमारा हौसला नहीं तोड़ा जा सकता. भाजपा ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की सफलता और अडानी की सच्चाई उजागर होने से निराश है. यह छापेमारी ध्यान भटकाने की कोशिश है, लेकिन देश सच जानता है, इसलिए हम लड़ेंगे और जीतेंगे.

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वहीं रायपुर में कांग्रेसी नेताओं पर हुई ईडी की इस कार्रवाई पर कांग्रेस ने गहरी नाराजगी जताते हुए इसका भारी विरोध किया है. कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि, “यह प्रतिशोध और उत्पीड़न की राजनीति है. हमारे अधिवेशन से तीन दिन पहले कई साथियों के यहां छापे मारे गए हैं. इस धमकी की राजनीति से हम झुकने वाले नहीं हैं.” रमेश ने आगे कहा, “हमारा पूर्ण अधिवेशन होकर रहेगा. यह कार्रवाई हमारे लिए बूस्टर डोज है, हम डरने वाले नहीं हैं.”

दूसरी तरफ कांग्रेस नेता जयराम रमेश और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि, “बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.” जयपुर में बजट के बाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा, “कोई भी एजेंसी पहले डेटा एकत्र करती है और उसके बाद ही कार्रवाई की जाती है. बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं की जाती है.” सीतारमण ने साफ कहा कि सरकार की ओर से किसी भी विभाग के कामकाज में दखलअंदाजी नहीं की जाती है.

वहीं ईडी के अधिकारियों के अनुसार भिलाई (दुर्ग जिला) में विधायक देवेंद्र यादव, छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ राज्य भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष सुशील सन्नी के एक दर्जन से अधिक ठिकानों पर सोमवार सुबह से ही छापेमारी की जा रही है. छापेमारी में कांग्रेस के कुछ अन्य नेताओं के परिसर भी शामिल हैं. अधिकारियों ने कहा कि ईडी उन लोगों की जांच कर रहा है जो वर्तमान सरकार के कार्यकाल के दौरान किए गए कथित कोयला लेवी घोटाले में शामिल रहे हैं, या जिन्होंने इसके माध्यम से किसी तरह का कोई लाभ उठाया है.

एजेंसी ने आरोप लगाया है कि ईडी की जांच एक बड़े घोटाले से संबंधित है, जिसमें वरिष्ठ नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों भी शामिल हैं। मामले में अब तक राज्य प्रशासनिक सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया, सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी, छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और एक अन्य कोयला कारोबारी सुनील अग्रवाल समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

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