Politalks.News/Rajasthan. कोरोना की दूसरी लहर के बाद देश में पहले बड़े चुनाव 30 अक्टूबर को होने वाले हैं. देश की 3 लोकसभा और 30 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. राजस्थान की दो सीटों धरियावद और वल्लभनगर में भी उपचुनाव का प्रचार घमासन रूप ले चुका है. कांग्रेस और भाजपा ने पूरी ताकत झोंक रखी है. दोनों सीटों पर उपचुनाव की कमान अंतिम दिनों में अब खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संभाल ली है. सीएम गहलोत 26 अक्टूबर यानि कल वल्लभनगर में एक जबकि धरियावद में 3 चुनावी सभाएं कर कांग्रेस की जीत को सुनिश्चित करने की कोशिश में जुटेंगे. आपको बता दें की वल्लभनगर के चतुष्कोणीय मुकाबले में कांग्रेस को सहानुभूति की लहर से उम्मीदें हैं तो धरियावद में कांग्रेस और भाजपा में कड़ा मुकाबला होने की संभावना है.
सीएम गहलोत करेंगे ताबड़तोड़ सभाएं
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान की धरियावद और वल्लभनगर सीट पर हो रहे उपचुनाव में कल ताबड़तोड़ सभाएं करने वाले हैं. इस दौरान पार्टी के स्टार प्रचारक भी इन सभाओं और चुनाव प्रचार में मौजूद रहेंगे. सीएम गहलोत की सभाओं से चुनाव प्रचार जोर पकड़ेगा और पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेताओं में भी उत्साह बढ़ेगा. धरियावद में कांग्रेस प्रत्याशी नगराज मीणा के समर्थन में सीएम गहलोत 3 चुनावी आम सभाएं करेंगे. सीएम गहलोत सुबह 10 बजे लसाड़िया, 12 बजे झलारा, 1 बजे मंगाना में चुनावी सभाओं को सम्बोधित करेंगे. इस दौरान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा समेत कांग्रेस के स्टार प्रचारक और स्थानीय नेता भी सभा में मौजूद रहेंगे. वहीं सीएम गहलोत की चौथी सभा वल्लभनगर विधानसभा क्षेत्र में होगी. सीएम गहलोत वल्लभनगर से कांग्रेस की प्रत्याशी प्रीति शक्तावत के समर्थन में कुराबड़ में एक चुनावी रैली को संबोधित करेंगे. यहां गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने चुनावी मोर्चा संभाला हुआ है. वहीं हम आपको याद दिला दें कि इससे पहले पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी अजय माकन और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट चारों ने इन क्षेत्रों में जा कर नामांकन के दौरान चुनावी सभाएं की थी. साथ ही एकजुटता का संदेश देने की कोशिश की थी.
वल्लभनगर का ‘सियासी गणित’, चतुष्कोणीय मुकाबला और सहानुभूति की लहर!
वल्लभनगर में कांग्रेस की प्रीति शक्तावत, भाजपा के हिम्मत सिंह झाला, जनता सेना के रणधीर सिंह भींडर और आरएलपी के उदयलाल डांगी के बीच चतुष्कोणीय मुकाबला माना जा रहा है. कांग्रेस प्रत्याशी प्रीति शक्तावत को सहानुभूति लहर का फायदा मिलने की उम्मीदें प्रबल हैं. वहीं यहां भाजपा ने युवा हिम्मत सिंह झाला पर दांव तो खेला लेकिन बागी उदल लाल डांगी को मनाने में कामयाब नहीं हो पाए. इस बगावत का फायदा उठाते हुए RLP के हनुमान बेनीवाल ने उदय लाल डांगी को अपनी ‘बोतल’ में उतार लिया और पार्टी का उम्मीदवार बनाकर ताल ठोक दी है. उदयलाल डांगी भाजपा के दिग्गज गुलाबचंद कटारिया के समर्थक माने जाते रहे हैं. डांगी के टिकट को लेकर कटारिया का एक ऑडियो भी वायरल हो रहा है जिसमें वो फांसी लगाकर मर जाने जैसी बाते कहते सुनाई दे रहे हैं. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से आशीर्वाद ले चुके रणधीर सिंह भींडर खुद को या अपनी पत्नी दीपेन्द्र कुंवर को बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर खुद जनता सेना से चुनाव लड़ रहे हैं. यह भी बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी करने वाली बात है. हालांकि कांग्रेस के लिए भी यहां मुकाबला सीधा सीधा नहीं दिख रहा है. शक्तावत परिवार फूट और प्रीति की खिलाफत औऱ भीतरघात से इनकार नहीं किया जा सकता है.
धरियावद में कांग्रेस-भाजपा में कड़ा मुकाबला, बीटीपी और RLP भी मैदान में
इधर धरियावद विधानसभा उपचुनाव में मुकाबला कड़ा है. हालांकि यहां सत्ताधारी दल कांग्रेस को बीजेपी के अलावा जनता सेना,आरएलपी,बीटीपी प्रत्याशियों से चुनौती मिल रही है. धरियावद सीट बीजेपी के विधायक रहे गौतमलाल मीणा के निधन से खाली हुई है. ऐसे में कांग्रेस के लिए बीजेपी के गढ़ में सेंध लगाकर इस सीट पर जीत दर्ज करना भी चुनौती है. आपको बता दें कि गौतम लाल मीणा पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खास सिपहसालार माने जाते थे. उनके निधन के बाद पुत्र कन्हैया ने भाजपा से टिकट की दावेदारी की थी. जब परिवारवाद की आड़ में भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो एक बारगी तो कन्हैया ने निर्दलीय चुनावी रण में उतरने की तैयारी कर ली थी. लेकिन भाजपा के सियासी दिग्गज राजेन्द्र राठौड़ ने रणनीति कौशल दिखाते हुए कन्हैया को मना ही लिया. भाजपा ने कन्हैया को प्रदेश मंत्री के पद से भी नवाजा है. लेकिन ये सियासत है और भीतरघात की संभावना से कभी भी इनकार नहीं किया जा सकता है. कांग्रेस ने यहां पूर्व प्रत्याशी नगराज पर फिर से दांव खेला है. समीकरणों को देखते हुए घरियावद में सीएम गहलोत की तीन सभाएं रखी गई है ताकि भाजपा के किले में सेंध लगाई जा सके.