आरक्षण दोगे तो देंगे सत्ता की चाबी- निषाद ने दिखाए BJP को तेवर, भगवान राम पर दे गए बेतुके बयान

यूपी के विधानसभा चुनाव का रण, गठबंधन के बाद निषाद के बगावती सुर- हमारी मांगें पूरी करो वरना...! भगवान श्री राम पर दिए बेतुके बयान- राजा दशरथ के पुत्र नहीं थे राम, उन्हें नहीं समझ पाए माता-पिता और अयोध्या की जनता, श्री राम को समझा केवल निषाद राज ने, निषाद के बयानों ने बढ़ाई भाजपा नेताओं की धड़कनें

आरक्षण दोगे तो देंगे सत्ता की चाबी
आरक्षण दोगे तो देंगे सत्ता की चाबी

Politalks.News/UttarPradesh. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले तक तमाम राजनीतिक दल ‘सियासी उधेड़बुन’ में लग चुके है. सभी पार्टियां अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर आगामी चुनावी की रणनीति पर काम कर रही हैं तो वहीं पिछली बार की तरह इस बार भी बीजेपी के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरी निषाद पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है. निषाद के इस बयान से बीजेपी नेताओं के माथे पर चिंता की लकीरें जरूर दिखाई देने लगी हैं. साथ ही संजय निषाद ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान भगवान राम को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. डॉ. संजय निषाद ने भगवान श्री राम को राजा दशरथ का तथाकथित पुत्र बताया. संजय निषाद के इस बयान के बाद प्रदेश की राजनीति गरमाना तय है. सियासी जानकारों का कहना है कि इस बयान का बीजेपी और निषाद पार्टी के बीच जारी गठबंधन पर भी संजय निषाद के इस बयान से आंच आ सकती है.

अपने चुनावी कार्यक्रम के तहत न्यूज़ एजेंसी ANI से बात करते हुए भगवान श्री राम को लेकर डॉ. संजय निषाद विवादित बयान दिया है. निषाद ने कहा कि, ‘भगवान श्री राम और निषाद राज का जन्म मखौड़ा घाट पर हुआ था. अरे भाई मैं तो यह कहना चाहता हूँ कि खीर खाने से कोई बच्चा पैदा होता है क्या?’ निषाद ने कहा कि,’श्री राम राजा दशरथ के तथाकथित पुत्र थे. राम को उनके माता-पिता नहीं समझ सके, लेकिन उन्हें निषाद राज ने उन्हें पहचाना’. साथ ही संजय निषाद ने कहा कि,’अयोध्या वासी भी भगवान श्री राम को नहीं समझ पाए और ये सारी बात इजराइल की एक लायब्रेरी से पता चली है. भगवान श्री राम की पहचान राजा निषाद को थी इसलिए वे भगवान के समान हैं’.

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इस दौरान संजय निषाद ने बीजेपी सरकार से भगवान श्री राम और निषाद राज की गले मिलते हुए प्रतिमा लगाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने बीजेपी से निषाद राज का किला बनाने की भी मांग की है. भगवान राम को लेकर दिए विवादित बयान के अलावा डॉ संजय निषाद ने आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी और निषाद पार्टी के बीच जारी गठबंधन को लेकर भी बड़ा बयान दिया. संजय निषाद ने ANI से बात करते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि,’अगर बीजेपी ने हमारी शर्तों को नहीं माना तो इसका असर गठबंधन पर भी पड़ेगा’.

संजय निषाद ने कहा कि, ‘9 नवंबर से निषाद पार्टी आरक्षण को लेकर प्रदेशभर में एक मुहिम चलाएगी. समाज की मांग है की आरक्षण नहीं तो वोट नहीं, ऐसे में अगर वोट बंटेगा तो उसका लाभ दूसरे दलों को होगा’. संजय निषाद ने बताया कि,’प्रदेश में 80 सीटें ऐसी हैं जिनमें अनुसूचित जाति बहुतायत में है. ऐसे में हमें भी उसमें शामिल करके बीजेपी हमें हमारा हक दिलाए तो समाज अगले चुनाव में उसे सत्ता की चाबी सौपेंगा’. निषाद ने कहा कि, ‘उनके समुदाय के लोग उन्हें तब तक वोट नहीं देंगे जब तक आरक्षण नहीं दिया जाता है. अब ये भाजपा सरकार का कर्तव्य है कि वो अपना वादा पूरा करे. भाजपा ने अगर अपना वादा पूरा नहीं किया तो इसका गठबंधन पर भी असर पड़ सकता है’.

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वहीं ANI को दिए अपने वक्तव्य में संजय निषाद ने विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि,’ चुनाव के वक्त वोट तो सभी पार्टियों ने निषाद समाज का लिया है, लेकिन किसी दल ने अभी तक उनके लिए कुछ भी नहीं किया. अगले चुनाव में कुछ लोग वोट बांटने की कोशिश जरूर करेंगे, लेकिन हमारा BJP से आधिकारिक गठबंधन है. ऐसे में हम अपने संगठन को मजबूत करने में जुटे हैं’. निषाद ने कहा कि,’प्रयागराज में कुछ सीटें निषाद बाहुल्य हैं, अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ मिलकर मजबूती से चुनाव लड़ेंगे’.

आपको बता दें कि, उत्तर प्रदेश की राजनीति में जाति आधारित वोटबैंक की भमिका महत्वपूर्ण हैं. सभी राजनीतिक दल चुनाव आते आते इन जातियों की तरफ अपना रुख अख्तियार कर लेते हैं. इन्हीं पिछड़ी जातियों में से एक प्रमुख जाति है, निषाद. मछली मारने या जिनकी रोजी-रोटी नदियों-तालाबों पर निर्भर है, वैसी जातियां इसमें आती हैं. इसमें केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, नोनिया, मांझी, गोंड जैसी जातियां हैं. उत्तर प्रदेश की करीब 5 दर्जन विधानसभा सीटों पर इनकी अच्छी-खासी आबादी है. इसलिए निषाद समुदाय राजनीतिक दलों के लिए महत्वपूर्ण बन गया है.

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