पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले सहित केबिनेट मंत्री स्तर तक की दी जाने वाली तमाम सुविधाओं को बरकराकर रखने के लिए राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर एसएलपी खारिज होने के बाद रालोपा संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा की मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में जरा सी भी नैतिकता बची हुई है तो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को सरकारी बंगले सहित दी गई तमाम सुविधाओं को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के सम्मान में वापिस लेना चाहिए.
गहलोत का अंतिम हथकंडा भी विफल- बेनीवाल
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का स्वागत करते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा की वसुंधरा राजे को दी जाने वाली सुविधाओं को जारी रखने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अंतिम हथकंडा भी अब विफल हो गया है जब माननीय सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले के विरुद्ध दायर एसएलपी को भी खारिज कर दिया.
गहलोत-वसुंधरा एक दूसरे के कारनामों पर डालते हैं पर्दा-
सांसद हनुमान बेनीवाल ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे अपने-अपने कार्यकाल के दौरान एक दूसरे के कारनामों पर में पर्दा डालते रहे हैं. इसीलिए गहलोत ने सदन से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक किया वसुंधरा राजे को सरकारी सुविधाएं जारी रखने का भरकस प्रयास किया और अशोक गहलोत ने हाईकोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं पर रोक के लिए दिए गए निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की मगर वहां भी गहलोत का हथकंडा विफल हो गया.
प्रदेश के तमाम जिलों में लड़ेगी रालोपा पंचायत चुनाव –
सांसद बेनीवाल ने एक बार फिर दोहराया कि प्रदेश में होने वाले पंचायतीराज चुनावों में रालोपा प्रदेश के तमाम जिलों में पंचायती राज का चुनाव लड़ेगी और इसके लिए पार्टी की विशेष टीम ने योजनाबद्ध रूप से काम भी शुरू कर दिया है.
गौरतलब है कि राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली सुविधाओं पर सितंबर में राजस्थान हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. जस्टिस प्रकाश गुप्ता ने पिछली वसुंधरा सरकार में पास करवाये गये राजस्थान मंत्री वेतन संशोधन अधिनियम 2017 को अवैध घोषित किया था. हाइकोर्ट के इस फैसले के विरुद्ध गहलोत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने एसपीएल दायर की थी, जिसको सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है.