Politalks.News/UttarpradeshAssemblyElection. उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttarpradesh Assembly Election) के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी अपनी रणनीतियों के तहत आगे बढ़ रहे हैं. ऐसे में आगामी चुनाव को देखते हुए सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilehs Yadav) अपने कुनबे को बढ़ाने की जुगत में लगे हैं. इसी कड़ी में भाजपा और अन्य दलों से इस्तीफा दे चुके कई मंत्री और विधायक अब सपा (SP) की साइकिल पर सवार हो चुके हैं. वहीं ये भी कयास लगाए जा रहे थे कि आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर रावण (Chandrashekhar Rawan) भी सपा के साथ गठबंधन में शामिल हो सकते हैं. लेकिन शनिवार सुबह एक पत्रकार वार्ता करते हुए भीम पार्टी के मुखिया ने इन सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है. आज एक पत्रकार वार्ता के दौरान चंद्रशेखर रावण ने कहा कि, ‘एक महीने 10 दिन से मेरी लगातार अखिलेश (Akhilesh yadav) से बात हो रही है लेकिन वे तय कर चुके हैं कि वे दलितों से गठबंधन नहीं करेंगे.’ इस दौरान भीम आर्मी चीफ ने अखिलेश पर जमकर निशाना साधा.
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शनिवार सुबह 11 बजे पत्रकारों से मुखातिब होते हुए भीम आर्मी चीफ और आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर रावण ने कहा कि, ‘एक महीना 10 दिन से उनकी अखिलेश के साथ बात चल रही थी उन्होंने कहा था कि आप परेशान मत हो, हम जल्द ही निर्णय लेंगे. लेकिन उन्होंने सब चीजें दरकिनार कर दी. अखिलेश यादव को दलितों की लीडरशिप नहीं चाहिए. अखिलेश यादव ने मुझे अपमानित किया है. मुझे लगता है कि वे दलितों की लीडरशिप के साथ खड़ा होना नहीं चाहते. मैंने अखिलेश पर जिम्मेदारी छोड़ी थी कि वे गठबंधन में शामिल करें या नहीं. लेकिन उन्होंने आज तक जवाब नहीं दिया’.
चंद्रशेखर रावण ने आगे कहा कि, ‘अखिलेश के पास दूरदृष्टि हैं पर मैं यह नहीं चाहता कि जैसे कांशीराम ने नेता जी को (मुलायम सिंह यादव) मुख्यमंत्री बनाकर ठगा महसूस किया वैसा मैं भी करूं. प्रमोशन पर रिजर्वेशन से उन्होंने साफ इंकार कर दिया, जिसके बाद हमने यह तय किया है कि हम सपा के साथ गठबंधन में नहीं जा रहे हैं.’ रावण ने पत्रकार वार्ता के दौरान आगे कहा कि, ‘अखिलेश समाजिक न्याय का मतलब नही जानते हैं. जिस तरह से बीजेपी दलितों के यहां खाना खाकर खेल कर रही है ठीक वैसा ही खेल अखिलेश यादव खेल रहे हैं. हम चाहते थे कि अखिलेश यादव हमारे मुद्दे रखें लेकिन वह इससे बच रहे थे.’
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चंद्रशेखर रावण ने आगे कहा कि, ‘हमारा हमेशा से ही ये लक्ष्य रहा है कि यूपी में भाजपा को हराना है, हम भाजपा को किसी भी हालत में सत्ता में नहीं आने देंगे. बीजेपी के खिलाफ हमने लाठियां खाई हैं और अब हम सपा के साथ नहीं बल्कि अपने दम पर लड़ेंगे विधानसभा चुनाव. चुनाव से पहले हमारी कोशिश यह थी कि जो विपक्ष बिखरा है, उसे एक किया जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. अगर सरकार बीजेपी की आती है तो दलितों और पिछड़ों को 5 साल झेलना पड़ेगा.’
यहां हम आपको बता दें कि, ‘चंद्रेशखर आजाद की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले खूब गहमा गहमी भी हुई. पार्टी मुख्यालय पर पहले ये प्रेस कॉन्फ्रेंस दस बजे होनी थी लेकिन इससे पहले पुलिस वहां पहुंच गई. पुलिस का कहना था कि इसके लिए परमिशन नहीं, इसलिए प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं हो सकती. जिसके बाद पुलिस ने मीडिया कर्मियों को भी बाहर निकाल दिया था. हालांकि इसके बाद कोरोना प्रोटोकॉल्स के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस करने की इजाजत दी गई.