पायलट को नहीं दी जिम्मेदारी तो नहीं होगी सरकार रिपीट, तीनों बागियों पर जल्द हो कार्रवाई- हेमाराम

कट्टर सचिन पायलट समर्थक मंत्री हैं हेमाराम चौधरी ने आलाकमान को दिया सन्देश, पायलट को नहीं दी जिम्मेदारी तो होगा बड़ा नुकसान, बागी विधायकों पर कार्यवाही न करने पर जताई नाराजगी, अगला चुनाव न लड़ने के भी दिए संकेत

minister hemaram choudhary, Rajasthan (हेमाराम चौधरी)
minister hemaram choudhary, Rajasthan (हेमाराम चौधरी)

RajasthanNews HemaramChaudhary on SachinPilot. बात करें कांग्रेस की पॉलिसी की तो इस समय गुजरात में विधानसभा चुनावों का घमासान अपने चरम पर है, ऐसे में कांग्रेस का सारा ध्यान और सियासी उबाल वहां के लिए होना चाहिए, इसके उलट राजस्थान में जहां अभी चुनावों में एक साल का समय शेष है लेकिन सियासी उफान यहां अपने चरम पर है जिसकी तपन से ठंड के मौसम में यहां की राजनीति ने गरमाहट पैदा कर दी है. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच की अदावत तो किसी से छिपी नहीं है और दोनों दिग्गजों की आपसी खींचतान थमने की जगह हर दिन कसती जा रही है. इसके साथ ही दोनों नेताओं के समर्थक विधायकों और कार्यकर्ताओं के बीच की सियासी बयानबाजी भी तेज होती जा रही है. इसी कड़ी में अब एक और गांठ पायलट समर्थक वन मंत्री हेमाराम चौधरी (Hemaram Choudhary) ने एक नया बयान देते हुए लगा दी. मंत्री हेमाराम चौधरी ने बीती 25 सितंबर को प्रदेश कांग्रेस में मचे सियासी बवाल के लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी तीनों नेताओं पर जल्द कार्रवाई करने के साथ सचिन पायलट को सत्ता की जिम्मेदारी देने की मांग उठाई. यही नहीं हेमाराम ने ये भी कहा कि अगर पायलट को जिम्मेदारी न मिली तो 2023 में प्रदेश में कांग्रेस की सरकार रिपीट नहीं हो पाएगी. इसके साथ ही बालोतरा विधायक और मंत्री हेमाराम चौधरी ने अगला विधानसभा चुनाव न लड़ने के संकेत भी दिए हैं.

आपको बता दें कि कट्टर सचिन पायलट समर्थक और वर्तमान गहलोत सरकार में वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने बीते पत्रकारों से रूबरू होते हुए सचिन पायलट को राजस्थान की सत्ता की जिम्मेदारी देने की मांग उठाई है. मंत्री हेमाराम ने कहा कि सचिन पायलट ने विपक्ष में रहते हुए पार्टी को फिर से जीवित किया और उनकी वजह से ही 2018 में पार्टी सत्ता में आई. पायलट की उस मेहनत को देखते हुए उन्हें जिम्मेदारी दी जानी चाहिए. मंत्री हेमाराम ने ये भी कहा कि अगर एक तरफा चलेंगे तो पार्टी को नुकसान होगा.

2023 में नहीं बना पाएंगे सरकार
प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए गहलोत सरकार में मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि हमारा लक्ष्य 2023 के चुनाव में राजस्थान में फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने का है. राजस्थान पर अब तक निर्णय नहीं लेने से पार्टी को बहुत नुकसान हो चुका है. अगर जल्दी ही कोई निर्णय नहीं लिया गया तो इससे ज्यादा नुकसान पार्टी को होगा और अगर निर्णय लेने में देरी हुई तो सरकार नहीं बना पाएंगे.

पार्टी का हित यही है कि जिम्मेदारों पर जल्द कार्यवाही हो
मंत्री हेमाराम चौधरी ने आगे कहा कि गहलोत सरकार अनिश्चितता के दौर में गुजर रही है. ऐसे में जो भी निर्णय हाईकमान उचित समझे वो निर्णय लेना चाहिए. मौजूदा हालात में पार्टी कार्यकर्ता अपने आपको असहज महसूस कर रहा है. मैं खुद भी असहज महसूस कर रहा हूं, पार्टी का हित पहले है. नेता अगर पार्टी से पहले खुद का फायदा देखेंगे तो पार्टी नहीं चलेगी.

इसके आगे वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने बीती 25 सितंबर को प्रदेश कांग्रेस में मचे सियासी बवाल की घटना के लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे करीबी तीनों नेताओं यथा मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और हाल ही बने आरटीडीसी के चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ जल्द कार्रवाई करने की मांग की. हेमाराम ने कहा कि इस घटना से पार्टी को भारी नुकसान हुआ है. घटनाक्रम के बाद राजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ता व जनता में अनिश्चितता का वातावरण पैदा हो गया है. ऐसे में हाईकमान को 25 सितंबर की घटना के जिम्मेदार तीनों नेताओं के खिलाफ जल्द कार्रवाई करनी चाहिए. हेमाराम ने कहा कि इस वक्त पार्टी का हित यही है कि बिना समय गंवाए 25 सितंबर की घटना पर फैसला हो. जल्द फैसला हो गया तो 25 सितंबर की घटना से हुए नुकसान पर कुछ सुधार हो सकता है, नहीं तो नुकसान होगा.

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आपको याद दिला दें कि बीती 25 सितंबर को आलाकमान के निर्देश पर सीएम आवास पर विधायक दल की मीटिंग रखी गई थी, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक विधायकों ने इस बैठक का न सिर्फ बहिष्कार किया बल्कि मंत्री शांति धारीवाल के घर पर इक्कट्ठे होकर वहां से सीधे स्पीकर सीपी जोशी के घर पहुंचे थे और 92 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. उस समय पर्यवेक्षक बनकर आए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और प्रभारी अजय माकन ने आलाकमान के निर्देशों की अवेहलना के लिए मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ को अनुशासहीनता का नोटिस जारी किया था, हालांकि अभी तक तीनों पर किसी प्रकार की कार्रवाई को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है. ऐसे में मंत्री चौधरी ने अनुशासनहीनता के आरोपी धर्मेंद्र राठौड़ को भारत जोड़ो यात्रा की जिम्मेदारियां देने को भी अनुचित बताया. यहां आपको बता दें कि इसी बीच तीनों आरोपी नेताओं के खिलाफ 52 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने से क्षुब्ध प्रभारी अजय माकन ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दिया है.

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ऐसे में मंत्री हेमाराम चौधरी ने प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन के इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा कि 25 सितंबर को हुए घटनाक्रम के बारे में पूरे देश की जनता को ध्यान है. उसके बाद प्रभाारी महासचिव अजय मकान ने उस घटना की रिपोर्ट पार्टी नेतृत्व को दे दी थी. वेणुगोपाल जी ने दो दिन में घटना पर निर्णय लेने के लिए कहा था. लेकिन इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी उसके बारे में निर्णय नहीं होने से माकन ने भी राजस्थान प्रभार से इस्तीफा भेज दिया. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं राजस्थान में संगठन की क्या स्थिति होगी? मंत्री चौधरी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में असर नहीं पड़े इसलिए इस पर निर्णय जल्द से जल्द लेना चाहिए. अगर जल्दी फैसला नहीं किया तो यात्रा पर भी गलत असर होगा.

मैं मंत्री पद छोड़ने को तैयार, युवा को मौका दें
मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि मैं तो 2013 में भी विधानसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहता था. अब 2023 के चुनाव में मेरी उम्र हो जाएगी. मुझे राजनीति में 50 साल हो चुके हैं. अब मैं जगह खाली नहीं करूंगा तो युवा को कैसे मौका मिलेगा. मेरी जगह किसी युवा को मौका दिया जाए. उन्होंने कहा कि मैं मंत्री रहूं या नहीं रहूं, मैं मंत्री पद छोड़ने को तैयार हूं. अगर चुनाव में रिजल्ट नहीं आए तो मेरा मंत्री पद पर रहना ही बेकार है. 2023 में फिर से सरकार बने, चार साल में ही अगर नौ की तेरह नहीं की तो अब क्या कर लेंगे?

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