बेनीवाल वो ही बोलते हैं जो पीछे से बुलवाया जाता है, गुढ़ा को नहीं अभी समझ- OBC आरक्षण पर चौधरी

OBC आरक्षण पर मुझसे सवाल पूछे नहीं पूछवाये जा रहे हैं, मैं तो कहूंगा कि ये तमाम सवाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद मुझसे पूछें. मैं उन्हें सभी सवालों का जवाब दे दूंगा, क्योंकि मैं नेहरू का अनुयायी हूं, सीएम गहलोत ने अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं निभाई- हरीश चौधरी

गहलोत के इशारे पर बोल रहे हैं बेनीवाल?
गहलोत के इशारे पर बोल रहे हैं बेनीवाल?

Harish Choudhry on CM Ashok Gehlot. ‘जो कुछ भी सवाल मुझसे पूछे जा रहे हैं वो सभी सवाल पूछे नहीं पूछवाए जा रहे हैं, अगर ऐसा ही कुछ है तो खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सामने से मुझसे पूछें सभी सवाल, सभी सवालों के जवाब दे दूंगा, क्योंकि मैं नेहरू का अनुयायी हूं…,’ ये कहना है गहलोत सरकार में पूर्व मंत्री रहे हरीश चौधरी का. शुक्रवार को मीडिया समूह दैनिक भास्कर को दिए अपने इंटरव्यू में हरीश चौधरी ने OBC आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रखी. इस दौरान एक बार फिर हरीश चौधरी ने मुख्यमंत्री गहलोत पर सीधे सीधे निशाना साधा. यही नहीं OBC आरक्षण के मुद्दे पर आवाज उठा रहे नागौर सांसद एवं राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के मुखिया हनुमान बेनीवाल को लेकर हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘हनुमान बेनीवाल को तो सिर्फ पीछे से बोला जाता है और ये मैं भी जानता हूं कि उन्हें पीछे से कौन गाइड कर रहा है.’

आपको बता दें कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण में विसंगतियों को दूर करने को लेकर लम्बे समय से चल रहे मुद्दे ने एक बार फिर सियासी तापमान गरमा दिया है. प्रदेश सरकार से वार्ता के बाद भी राज्य में ओबीसी वर्ग को 21 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिलने पर राजस्थान में सियासी बयानबाजी चरम पर पहुंच गई है. इसी बीच कांग्रेस में जारी खींचतान भी अब धीरे धीरे खुलकर सामने आने लगी है. प्रदेश सरकार में पूर्व मंत्री एवं पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने OBC आरक्षण को लेकर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. हाल ही में हुई कैबिनेट की बैठक में भी इस मुद्दे के डेफर होने पर चौधरी ने सीएम गहलोत को दोषी करार दिया था. इसी कड़ी में एक बार फिर शुक्रवार को मीडिया समूह दैनिक भास्कर को दिए एक इंटरव्यू में हरीश चौधरी ने खुलकर चर्चा की.

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हरीश चौधरी से जब सवाल पुछा गया कि, ‘मारवाड़ में जाट राजनीति एंटी गहलोत सेंटिमेंट पर टिकी है. इसलिए आप मुखर हैं?’ इस पर जवाब देते हुए हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने वादे के अनुरूप 9 नवंबर को आरक्षण का मुद्दा कैबिनेट में डेफर नहीं करते तो मेरा उनसे कोई विरोध नहीं था. मेरा तो सिर्फ यही मानना है कि उन्होंने अपनी नैतिक जिम्मेदारी नहीं निभाई. मैं किसी भी खेमे में विश्वास नहीं रखता. अगर मैं क्षेत्र की जरूरत के लिए कोई मुद्दा उठाता हूं तो उसका मतलब यह नहीं है कि मैं किसी के विरोध में हूं. मैं अपनी राजनीति करता हूं. देखिये OBC आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर निर्णय अटकाने से न तो समाज का फायदा हाेगा न सरकार-पार्टी का. मेरा मानना है कि जिस निर्णय में आमजन का फायदा होता है, वे तत्काल लिए जाने चाहिए.’

इसके साथ ही बाड़मेर में हरीश चौधरी की सियासी पकड़ कमजोर पड़ने और इसीलिए ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाने से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि, ‘जो लोग ऐसा कह रहे हैं, उन्हें मैं बता दूं कि ओबीसी आरक्षण का मुद्दा सियासी नहीं है. यहां हुए पंचायत चुनावों में 7 में 6 जिला परिषद के चुनाव कांग्रेस ने जीते. तीनों पंचायत समितियों में कांग्रेस के सदस्य निर्वाचित हुए. जो लोग इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं उन्हें या तो बाड़मेर के धरातल की राजनीति का ज्ञान नहीं है या जानबूझकर मूल मुद्दे को भटकाने का प्रयास कर रहे हैं. मैं इसे लेकर कोई श्रेय भी नहीं चाहता. यह तो उन छात्रों को मिलना चाहिए जो इसे लेकर आंदोलन कर रहे हैं.’ वहीं OBC आरक्षण को लेकर पार्टी नेताओं द्वारा सवाल उठाने से जुड़े सवाल पर हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘ये सवाल पूछे नहीं जा रहे ये सभी सवाल तो पुछवाए जा रहे हैं. मैं तो कहूंगा कि ये तमाम सवाल सीएम अशोक गहलोत खुद मुझसे पूछें. मैं उन्हें सभी सवालों का जवाब दे दूंगा, क्योंकि मैं नेहरू का अनुयायी हूं.’

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वहीं नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल द्वारा एकाएक OBC आरक्षण का मुद्दा उठाने और राजेंद्र गुढ़ा द्वारा किए जा रहे विरोध से जुड़े सवाल पर हरीश चौधरी ने कहा कि, ‘देखिये ऐसा है कि हनुमान बेनीवाल को जो भी पीछे से बोला जाता है वो वही करते हैं. सब जानते हैं कि हनुमान बेनीवाल को पीछे से कौन गाइड कर रहा है. हमारे मतभेद हैं तो भी हनुमान बेनीवाल को इस मुद्दे को कमजोर नहीं करना चाहिए. क्योंकि मैं सिर्फ इस मुद्दे का समाधान चाहता हूं. वहीं राजेंद्र गुढ़ा को इस मुद्दे की कोई समझ नहीं है. एक साल पहले तक ओबीसी आरक्षण विसंगति से प्रभावित युवा को भी इसकी जानकारी नहीं थी. परीक्षाओं के परिणाम के बाद विसंगति का पता चला. उन्होंने मुझे बताया ताे मैंने आवाज उठाई. एक साल से मैं कैबिनेट मंत्री नहीं हूं. ऐसे में सवाल उठाना निरर्थक है. कैबिनेट में क्या-क्या उठाया ताे अंदर बैठे लाेगाें से पूछा जा सकता है.’

भास्कर को दिए इस विशेष साक्षात्कार में पूर्व मंत्री हरीश चौधरी ने एक नई बहस को जन्म दे दिया है. चौधरी ने कहा कि हनुमान बेनीवाल को गाइड किया जा रहा है, सीएम गहलोत को जो पूछना है मुझसे सीधे पूछें, यहां चौधरी का साफ साफ इशारा यजी इंगित करता है कि आरएलपी सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर काम कर रहे हैं. चौधरी के इस इंडिकेशन में कितना दम है यह तो कभी सामने आएगा या नहीं लेकिन हनुमान बेनीवाल का चौधरी के इस आरोप पर पलटवार का सियासी गलियारों में है इंतजार…..

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