लालकिले पर झंडा फहराने का हक़ अगर सिखों को ही नहीं है तो फिर किसको है ?- मलिक का बड़ा बयान

हरियाणा में गरजे मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक, अग्निपथ योजना, किसान आंदोलन सहित कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को लिया आड़े हाथ, बोले मलिक- किसान आधी लड़ाई लड़ चुके हैं, लेकिन आधी अभी बाकी है, आज देश का पेट भरने वाला किसान और रक्षा करने वाला जवान दोनों हैं दुखी, अग्निपथ योजना लाकर देश के जवानों के साथ किया जा रहा है मजाक, देश में हैं प्रधानमंत्री के दोस्त अडाणी, वह सस्ता गेहूं लेकर बेचेंगे महंगा

मलिक के निशाने पर केंद्र सरकार
मलिक के निशाने पर केंद्र सरकार

Politalks.News/SatypaalMalik. ‘आज देश का पेट भरने वाला किसान और रक्षा करने वाला जवान दोनों दुखी हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने पहले किसानों को बर्बाद किया और अब अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) लाकर देश के जवानों के साथ मजाक कर रही है,’ ये कहना है मेघालय के गवर्नर सत्यपाल मलिक (Satypaal Malik) का. अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्ख़ियों में रहने वाले राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने रविवार को हरियाणा (Haryana) के पानीपत में इसराना थाना क्षेत्र के गांव सींक पाथरी स्थित तिरखू तीर्थ पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में केंद्र सरकार पर निशाना साधा. यहीं नहीं मलिक ने तो किसान आंदोलन (Farmers Protest) के दौरान लाल किले पर फहराए गए निशान साहिब के झंडे को भी सही ठहराया. मलिक के मुताबिक गणतंत्र दिवस (Independence Day) पर लालकिले (Lalkila) पर निशान साहिब का झंडा फहराना गलत नहीं है.

रविवार को पानीपत के मतलौडा स्थित तीरखु तीर्थ पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक के लिए संयुक्त किसान संघर्ष समिति की ओर से सम्मान समारोह आयोजन किया गया था. समारोह को संबोधित करते हुए मलिक ने केंद्र सरकार पर जमकर अपने शब्दों के तीर चलाए. अग्निपथ योजना, किसान आंदोलन, तीन कृषि बिल समेत कई मुद्दों पर उन्होंने सरकार के खिलाफ बोला. सत्यपाल मलिक ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘किसान आधी लड़ाई लड़ चुके हैं, लेकिन आधी अभी बाकी है. जब तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनेगा, तब तक किसानों की आय वृद्धि के दावे छलावे ही रहेंगे.’ मलिक ने आगे कहा कि, ‘किसान आंदोलन के दौरान मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी तो उन्होंने कहा था कि किसान खुद चले जाएंगे तब मैने प्रधानमंत्री से कहा था कि ये भारत के किसान हैं, पीछे नहीं हटेंगे. सरकार को ही पीछे हटना होगा.’

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वहीं केंद्र सरकार द्वारा लाई अग्निपथ योजना का जिक्र करते हुए मलिक ने कहा कि, ‘आज देश का पेट भरने वाला किसान और रक्षा करने वाला जवान दोनों दुखी हैं. केंद्र सरकार ने पहले किसानों को बर्बाद किया और अब अग्निपथ योजना लाकर देश के जवानों के साथ मजाक किया जा रहा है.’ मलिक ने इस योजना को युवा विरोधी बताते हुए कहा कि, ‘कारगिल युद्ध में 19 गोलियां लगने से घायल हुए परमवीर चक्र विजेता योगेंद्र यादव ने भी कहा है कि चार वर्ष के लिए जवानों को भर्ती करना गलत है. जवान चार वर्ष में छह महीने छुट्टी पर रहेगा और चार वर्ष बाद उसे घर वापस भेज दिया जाएगा. इतने समय में वह कुछ नहीं कर सकेगा. मुझे चौधरी चरण सिंह ने एक ही बात सिखाई है कि हिम्मत नहीं हारना और आज मैं उसी रास्ते पर चल रहा हूं.’

समारोह के दौरान सत्यपाल मलिक ने किसान आंदोलन के दौरान लाल किले पर लहराए गए निशान साहिब के झंडे को सही ठहराया. सत्यपाल मलिक ने कहा कि, ‘लाल किले पर सिख युवक ने किसी पार्टी का झंडा नहीं फहराया था और वहां नहीं फहराया, जहां प्रधानमंत्री फहराते हैं, लेकिन उसको ऐसे कहा गया, जैसे देशद्रोह का काम हो गया. लालकिला पर झंडा फहराने का पहला हक देश के प्रधानमंत्री को है, लेकिन उसके बाद अगर किसी का हक है तो सिखों को है और हमको (जाटों को) है.’

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मलिक ने कहा कि, ‘लालकिले के सामने ही सिखों के गुरु का सिर काट दिया गया, क्योंकि उन्होंने धर्म परिवर्तन करने से इनकार कर दिया था. अगर उनकी औलाद को लालकिला पर झंडा फहराने का अधिकार नहीं है तो किसको है. दूसरे- हमारे वाले हैं, जो हर छठे महीने लालकिला पर चढ़ जाते तो कभी किसी और किले पर. कभी अकबर की कब्र खोद देते थे तो कभी क्या इसलिए, दूसरा अधिकार हमारा है.’ इस दौरान सत्यपाल मलिक ने जम्मू कश्मीर से हटाई गई धारा 370 का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘जब मैं जम्मू कश्मीर का राज्यपाल था तो उस दौरान धारा-370 हटवाने के लिए मैंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया था. तत्कालीन मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला आदि ने इसका विरोध किया था. इसके बावजूद मैं अडिग रहा, जिसके परिणाम स्वरूप यह संभव हो सका.’

वहीं MSP कानून का जिक्र करते हुए राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि, ‘देश में प्रधानमंत्री के दोस्त अडाणी हैं. वह सस्ता गेहूं लेकर महंगा बेचेंगे. इसके लिए पानीपत में भी गोदाम बनाया है, इसलिए प्रधानमंत्री एमएसपी कानून लागू नहीं करना चाहते हैं.’

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