शिंदे सरकार ने बहुमत किया हासिल तो पवार ने किया मध्यावधि चुनाव का दावा, राउत ने किया समर्थन

शिंदे सरकार फ्लोर टेस्ट में भी हुई पास, सरकार को मिला 164 विधायकों का समर्थन तो विरोध में पड़े 99 वोट, कांग्रेस के 9 विधायक समेत 21 रहे गैरहाजिर, वहीं NCP विधायकों की बैठक में बोले NCP प्रमुख पवार- शिंदे समर्थित विधायक नहीं हैं ताजा स्थिति से खुश, विभागों के बंटवारे के साथ ही देखने को मिलेगा इन सभी विधायकों का असंतोष, संभावना है कि इस सब के बाद कई बागी विधायक अपनी मूल पार्टी में आ जाए वापस, तो बोले राउत- अगर इस सरकार पर बीजेपी को होता इतना विश्वास तो वो अपना मुख्यमंत्री बनाती

महाराष्ट्र में जल्द होंगे मध्यावधि चुनाव!
महाराष्ट्र में जल्द होंगे मध्यावधि चुनाव!

Politalks.News/Maharashtra. महाराष्ट्र की सियासत को लेकर जिस तरह के कयास लगाए जा रहे थे अब तक तो ठीक वैसा ही हुआ है महज एक दो अपवाद को छोड़ दें तो. महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई और शिंदे गुट ने बीजेपी के साथ सरकार बना ली है. हालांकि इसमें सियासी अपवाद ये है कि कयास लगाए जा रहे थे कि इस गठबंधन के तहत उद्धव ठाकरे प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे लेकिन शिवसेना से बागी हुए एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाया गया. वहीं देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने जो किसी ने नहीं सोचा था. फिलहाल इस गठबंधन सरकार ने विधानसभा के विशेष सत्र में फ्लोर टेस्ट तो पास कर लिया है. लेकिन NCP प्रमुख शरद पवार दावा कर रहे हैं कि महाराष्ट्र में कभी भी मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं. शरद पवार के इस बयान के बाद संजय राउत ने भी यही बात कही.

महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र में सोमवार को फ्लोर टेस्ट के वक्त शिंदे सरकार ने आसानी से विश्वास मत जीत लिया. सरकार को 164 विधायकों का समर्थन मिला तो वहीं विपक्ष में 99 वोट पड़े. विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करने के बाद शिंदे सरकार बच गई. वोटिंग के वक्त सदन में 266 विधायक मौजूद थे. इनमें से तीन विधायकों ने वोट नहीं डाला तो 21 विधायक सदन से गैरहाजिर रहे. वहीं NCP प्रमुख एवं भारतीय राजनीति के सबसे बाद चाणकय शरद पवार ने बड़ा बयान देते हुए एक बार फिर प्रदेश की सियासत को गरमा दिया है. शरद पवार ने सोमवार को NCP नेताओं की बैठक में बड़ा बयान देते हुए प्रदेश में मध्यावधि चुनाव होने की बात कही.

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मुंबई में NCP विधायकों की मीटिंग में पवार ने कहा कि, ‘भले ही आज विधानसभा में एकनाथ शिंदे की सरकार विश्वास मत हासिल कर लेकिन ये सरकार ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगी. 6 महीने में ही गिर जाएगी और फिर प्रदेश में मिड टर्म इलेक्शन होंगे. ऐसे में मेरी सभी विधायकों से अपील है कि वे अभी से मध्यावधि चुनावों की तैयारी में जुट जाएं.’ बैठक में शरद पवार ने कहा कि, ‘शिंदे का समर्थन कर रहे कई बागी विधायक मौजूदा स्थिति से खुश नहीं है. एक बार विभागों का बंटवारा हो जाने दो इन सभी विधायकों का असंतोष सामने देखने को मिलेगा और जिसका नतीजा सरकार गिरना साबित होगा.’ पवार ने संबोधन में आगे कहा कि, ‘ये पूरी संभावना है कि इस सब के बाद कई बागी विधायक अपनी मूल पार्टी में वापस आ जाए.’

वहीं शरद पवार के इस बयान का समर्थन करते हुए शिवसेना नेता एवं राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि, ‘मैं NCP प्रमुख शरद पवार के बयान से सहमत हूँ. क्योंकि अगर इस सरकार पर बीजेपी को इतना विश्वास होता तो वो अपना मुख्यमंत्री बनाती. यहां जिस पार्टी के पास सबसे ज्यादा सीट हैं उसका मुख्यमंत्री नहीं है. ऐसे में स्थिति को भांपते हुए ही बीजेपी ने शिंदे को सीएम बनाया है.’ राउत ने कहा कि, ‘आज लोगों के मन में सवाल है जो हमारा एग्रीमेंट था, वो अगर मान लेते. आपने हमको सीएम पद इसलिए नहीं दी क्योंकि आप शिवसेना को खत्म करना चाहते है. अब उसको सीएम बनाया है जो शिवसेना से बागी हुआ है.’ इस दौरान राउत ने नसीहत देते हुए कहा कि, शिवसेना तैयार है और रहेगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसी की चिंता नहीं. पीएम मोदी जी को लोकतंत्र की चिंता रहती है क्या? महाराष्ट्र में लोकतंत्र बचा है जैसे सवाल लोग आने वाले समय में उनसे करेंगे.’

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पत्रकार वार्ता के दौरान संजय राउत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले धड़े की वैधता पर सवाल उठाया और कहा कि, ‘समूह मूल शिवसेना होने का दावा नहीं कर सकता.’ बता दें एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार के शक्ति परीक्षण से पहले पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को झटका देते हुए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने अजय चौधरी को हटाकर शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में फिर से नियुक्त किया है. नार्वेकर ने शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में शिंदे खेमे से भरत गोगावले की नियुक्ति को भी मान्यता दी और ठाकरे गुट के सुनील प्रभु को हटा दिया. यहीं नहीं स्पीकर के चुनाव में जीत हासिल करने के बाद एकनाथ शिंदे गुट ने आदित्य ठाकरे समेत शिवसेना के 16 विधायकों को अयोग्य करार देने की मांग की है. शिंदे गुट के चीफ व्हिप भारत गोगावाले ने नए स्पीकर राहुल नार्वेकर को लेटर सौंपा है.

इस पर राउत ने कहा कि, ‘इन विधायकों को खुद से कुछ सवाल पूछने चाहिए. उन्होंने चुनाव जीतने के लिए पार्टी के चिन्ह और इसके साथ मिलने वाले सभी लाभों का इस्तेमाल किया और फिर उसी पार्टी को तोड़ दिया. हम निश्चित रूप से इसे अदालत में चुनौती देंगे. शिंदे गुट ने शिवसेना छोड़ दी, फिर वे कैसे दावा कर सकते हैं कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाला समूह नहीं बल्कि उनका समूह मूल पार्टी है. ठाकरे नाम शिवसेना का पर्याय है.’ फिलहाल स्पीकर के फैसले के खिलाफ ठाकरे ने कोर्ट में याचिका भी लगाई लेकिन कोर्ट ने इस पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया. अब देखना ये होगा की आखिर उद्धव ठाकरे गुट के 16 विधायकों की सदस्य्ता रहेगी या नहीं. अब सियासी गलियारों में चर्चा है कि भले ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एकनाथ शिंदे को ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री एवं देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई है लेकिन क्या वो इस कार्यकाल को पूरा कर पाएंगे ये तो आने वाले समय पर ही निर्भर करता है.

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