कब तक बेरोजगारों के साथ होगा खिलवाड़? – जेईएन व पटवार परीक्षा रद्द होने पर बीजेपी ने साधा निशाना

जेईएन परीक्षा निरस्त करने और पटवारी भर्ती परीक्षा स्थगित करने से लाखों बेरोजगारों के सपनों का बड़ा झटका लगा है, हर परीक्षा निरस्त हाेने का एक ही बहाना बनाया जाता है कि सिस्टम फेल हाे गया, ऐसे में सवाल खड़ा हाे रहा है कि सिस्टम कब तक फेल हाेता रहेगा

जेईएन व पटवार परीक्षा रद्द होने पर बीजेपी ने साधा निशाना
जेईएन व पटवार परीक्षा रद्द होने पर बीजेपी ने साधा निशाना

Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश में जेईएन परीक्षा निरस्त करने और पटवारी भर्ती परीक्षा स्थगित करने काे लेकर प्रदेश भाजपा ने गहलोत सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा ने इसे सरकारी नाैकरियाें का सपना संजाेए बैठे लाखाें बेराेजगाराें के साथ बड़ा धाेखा व खिलवाड़ बताया है. इसमें प्रशासन की विफलता से लेकर बेराेजगाराें के दर्द का मुद्दा उठाते हुए कहा गया है कि हर परीक्षा निरस्त हाेने का एक ही बहाना बनाया जाता है कि सिस्टम फेल हाे गया, ऐसे में सवाल खड़ा हाे 5 है कि सिस्टम कब तक फेल हाेता रहेगा. राज्य के लाखाें बेराेजगार युवाओं के सपने कब तक सरकारी सिस्टम के आगे चकनाचूर हाेते रहेंगे.

गौरतलब है कि प्रदेश में पटवार भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहे 13 लाख से अधिक अभ्यार्थियों के सपनों को बड़ा झटका देते हुए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने पटवार भर्ती परीक्षा 2019 की जनवरी में प्रस्तावित परीक्षा को स्थगित कर दिया. बोर्ड अब परीक्षा का नया शेड्यूल फिर से जारी करेगा. यह निर्णय बोर्ड की प्रशासनिक बैठक में लिया गया, हालांकि परीक्षा रद्द किए जाने का बोर्ड ने कोई कारण नहीं बताया है. नए साल में जनवरी में छह चरणों में परीक्षा का आयोजन 10,17 और 24 जनवरी को होना था लेकिन अब यह परीक्षा जनवरी में नहीं होगी. 4421 पदों के लिए होने वाली इस परीक्षा के लिए बोर्ड के पास 13.49 लाख आवेदन आए थे.

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इसी तरह राज्य सरकार की ओर से कनिष्ठ अभियंता सिविल डिग्रीधारी संयुक्त सीधी भर्ती परीक्षा 2020 का पेपर लीक होने के कारण रद्द कर दी गई है. 6 दिसंबर को आयोजित इस परीक्षा को लेकर परीक्षा होने के साथ ही सवाल खड़े हो रहे थे. राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से जांच एसआईटी से कराने की मांग की थी. इस परीक्षा में 1098 पदों पर करीब 50000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था और परीक्षा दी थी, लेकिन परीक्षा रद्द होने के कारण अभ्यर्थियों का भविष्य एक बार फिर से अधर में लटक गया है.

प्रदेश में एक के बाद एक भर्ती परीक्षा होने और परीक्षा होने से पहले और आयोजन के बाद कई परीक्षाएं रद्द हो चुकी हैं एेसे में बोर्ड की विश्वसनीयता पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इसको लेकर गहलोत सरकार बीजेपी के निशाने पर आ गई है.

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प्रशासनिक असंवेदनशीलता खुलकर सामने आई- वसुंधरा राजे
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने जेईएन परीक्षा रद्द करने और पटवार परीक्षा स्थगित किए जाने पर गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ने लाखाें युवाओं काे राेजगार दिया और कांग्रेस ने वादाखिलाफी दी. पटवार, लाइब्रेरियन, जूनियर इंजीनियर सहित कई भर्ती परीक्षाओं में प्रशासनिक असंवेदनशीलता खुलकर सामने आई है. एक हमारी भाजपा सरकारी थी, जिसने भर्ती का रिकार्ड बनाकर लाखाें युवाओं काे राेजगार दिया था. वहीं यह कांग्रेस सरकार है, जिसने नाैकरी के नाम पर वादा खिलाफी दी है. सरकार विचार करें कि प्रशासनिक लापरवाही से युवाओं के दिल पर क्या गुजर रही हाेगी.

काेताही बरती गई ताे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा- डॉ किरोड़ी लाल मीणा
दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि जेईएन भर्ती परीक्षा पेपर आउट हाेने से प्रताड़ित अभ्यर्थियाें के साथ शुरु किए आंदाेलन का आज सुखद अंत हुआ. राजस्थान कर्मचारी चयन बाेर्ड के परीक्षा रद्द हाेने से सभी युवाओं के संघर्ष की जीत हुई है. अब सरकार काे ये सुनिश्चित करना चाहिए कि आगामी प्रतियाेगी परीक्षाओं का आयाेजन निषपक्ष व पारदर्शी तरीके से हाे ताकि मेहनती युवाओं का भराेसा बरकरार रहे. यदि काेताही बरती गई ताे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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वहीं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारी नाैकरियाें का सपना संजाेए बैठे लाखाें बेराेजगाराें के साथ बड़ा धाेखा व खिलवाड़ हुआ है. बेराेजगाराें से आवेदन शुल्क के नाम पर भत्ता उठाने वाली सरकार परीक्षाओं काे रद्द व स्थगित करके धाेखा कर रही है. राज्य सरकार पिछले दाे वर्ष से युवाओं के भविष्य के प्रति जरा भी गंभीर नहीं दिखी. भर्तियाें का स्थगित हाेना सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था के मुंह पर तमाचा है. बेराेजगाराें की मेहनत पर सरकार की नाकामी ने पानी फेरने का काम किया है.

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