Politalks.News/Bihar Politics. बिहार में चुनाव सम्पन्न होकर एनडीए की सरकार बन गई हो, लेकिन सियासी घमासान लगातार जारी है. यहां तक एनडीए की यह सरकार कितने दिन चल पाएगी अब तो इस पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं. बिहार में चुनाव चुनाव को सम्पन्न हुए 2 महीना पूरा होने जा रहा है, लेकिन अभी तक मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने के कारण सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि बीजेपी और जेडीयू में सब कुछ ठीक नहीं है. इसी बीच पहले आरजेडी के वरिष्ठ नेता उदय नारायण चौधरी और अब श्याम रजक का एक बड़ा बयान सामने आया है.
राष्ट्रीय जनता दल के नेता श्याम रजक ने बिहार की सियासत को लेकर बड़ा दावा किया है. श्याम रजक ने कहा है कि जेडीयू के विधायक बीजेपी की कार्यशैली से नाराज हैं और बिहार की एनडीए सरकार को गिराना चाहते हैं. यही नहीं श्याम रजक ने दावा किया है कि जनता दल यूनाइटेड के 17 विधायक उनके जरिए आरजेडी के संपर्क में है और वे जल्द ही लालू प्रसाद की पार्टी में शामिल होना चाहते हैं.
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पूर्व मंत्री और आरजेडी नेता श्याम रजक का कहना है कि अगर जेडीयू के विधायक आरजेडी में शामिल होते हैं तो उनको बहुत फायदा होगा. जेडीयू 71 सीट से 43 सीट पर आ गई है. जो शक्तिहीन व्यक्ति है वह किसी दूसरे को कैसे सपोर्ट कर सकता है. शक्तिहीन से ऐसी अपेक्षा नहीं कि जा सकती है. श्याम रजक ने दावा किया कि जेडीयू के ये 17 विधायक जल्द से जल्द आरजेडी में शामिल होना चाहते हैं मगर हमने फिलहाल उन्हें रोक दिया है. विधायकों को रोकने का कारण बताते हुए श्याम रजक ने कहा कि अगर 17 विधायक आरजेडी में शामिल होते हैं तो दल-बदल कानून के अंतर्गत इनकी सदस्यता रद्द हो सकती है.
आरजेडी नेता श्याम रजक ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि अगर दल-बदल कानून के तहत जेडीयू के 25 से 26 विधायक पार्टी छोड़कर आरजेडी में शामिल होंगे तो ही उनकी सदस्यता पर आंच नहीं आएगी. रजक ने कहा कि ऐसे में उन्हें इंतजार है कि कुछ और जेडीयू विधायक पार्टी छोड़ने का मन बनाएंगे और आरजेडी में शामिल होंगे. श्याम रजक ने दावा किया कि पूरे घटनाक्रम पर उनकी नजर है.
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मीडिया से बात करते हुए श्याम रजक ने कहा, “मेरे जरिए जनता दल यूनाइटेड के 17 विधायक राष्ट्रीय जनता दल के संपर्क में है. यह सभी विधायक बेचैन हैं जनता दल यूनाइटेड को छोड़ने के लिए. जनता दल यूनाइटेड के 17 विधायक तुरंत राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होना चाहते हैं, मगर हम लोगों ने उन्हें रोक कर रखा है. हम नहीं चाहते हैं कि दल बदल कानून की वजह से इनकी सदस्यता चली जाए. दल बदल कानून के तहत 25 से 26 विधायक टूटकर राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो सकते हैं इससे उनकी सदस्यता भी बची रहेगी. बहुत जल्द जनता दल यूनाइटेड के विधायक राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होंगे.”
अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम से नाराज हैं विधायक
श्याम रजक ने दावा किया कि अरुणाचल प्रदेश में जिस तरीके से जनता दल यूनाइटेड के 6 विधायकों को बीजेपी ने अपने साथ शामिल करा लिया है उससे यह साफ हो गया है कि बीजेपी नीतीश कुमार पर हावी हो गई है. श्याम रजक ने कहा कि इसी कारण से जेडीयू के विधायक पार्टी छोड़ना चाहते हैं. श्याम रजक ने मीडिया को बताया कि, “नीतीश कुमार की परेशानी बढ़ती जा रही है. अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी जिस तरीके से जनता दल यूनाइटेड के 6 विधायकों को निगल गई यह इस बात का सीधा उदाहरण है कि किस तरीके से बीजेपी नीतीश कुमार पर हावी हो रही है. बिहार में बीजेपी की जो कार्यशैली है उससे जनता दल यूनाइटेड के विधायक परेशान हैं. जेडीयू के विधायक चाहते हैं कि वह बीजेपी को अपने ऊपर हावी ना होने दें.”
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गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं श्याम रजक- जेडीयू
वहीं श्याम रजक के दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए जनता दल यूनाइटेड प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि वह ऐसे भ्रामक बयान देकर लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं. राजीव रंजन ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड पूरी तरीके से एकजुट है और बीजेपी के साथ मिलकर 5 साल बिहार में सरकार चलाएगी. राजीव रंजन ने कहा, “जेडीयू में कहीं कोई असंतोष नहीं है. अरुणाचल की घटना से जनता दल यूनाइटेड आहत जरूर है मगर पार्टी के विधायक किसी के झांसे में नहीं आने जा रहे हैं. श्याम रजक कह रहे हैं कि जदयू के 17 विधायक उनके संपर्क में हैं लेकिन मेरा कहना है कि उन्हें अपना घर संभालना चाहिए क्योंकि आरजेडी के ही विधायक तेजस्वी यादव की कार्यशैली से परेशान हैं.”
आपको बता दें कि 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए. नवंबर में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में एनडीए को 125 और आरजेडी की अगुवाई वाली महागठबंधन को 110 सीटें मिली हैं. इस चुनाव में बीजेपी को 74 और जेडीयू को 43 सीटें मिली है. आंकड़ों से स्पष्ट है कि नीतीश सरकार मामूली बहुमत पर टिकी है. इस लिहाज से अगर जेडीयू के संख्याबल में जरा भी परिवर्तन हुआ तो नीतीश सरकार खतरे में पड़ सकती है.