himanta biswa sarma
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राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल के असम को म्यांमार का हिस्सा बताने पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने इस दावे को गलत बताते हुए कहा कि अगर सिब्बल को ज्ञान नहीं है तो उन्हें चुप रहना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट में सिटीजनशिप एक्ट, 1955 के सेक्शन 6A की वैधता पर सुनवाई के दौरान कपिल सिब्बल ने यह दावा किया था. सुनवाई में वकील कपिल सिब्बल ने दावा किया था कि असम म्यांमार का हिस्सा था. इस पर बिस्वा सरमा ने इस दावे को सिरे से नकारते हुए चुप रहने की नसीयत दे दी.

मीडिया के समक्ष असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि असम कभी म्यांमार का हिस्सा नहीं था. म्यांमार के साथ भारत की झड़प हुई थी. इसके अलावा कोई रिश्ता म्यांमार से नहीं रहा है. मैंने ऐसा कोई डेटा नहीं देखा, जिसमें असम को म्यांमार का हिस्सा बताया गया हो. उन्होंने आगे कहा कि जिन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है, उन्हें चुप रहना चाहिए.

इसी मुद्दे पर असम के विधायक पीयूष हजारिका ने सोशल मीडिया पर कहा कि महाभारत काल से ही असम भारत का हिस्सा रहा है. हजारिया ने कहा कि कपिल सिब्बल को ठीक से जानकारी नहीं दी गई है. असम के इतिहास में किसी भी समय, हम म्यांमार का हिस्सा नहीं थे.

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दरअसल सिटीजनशिप एक्ट की कानून वैधता पर पांच जजों की पीठ सुनवाई कर रही है. इस बेंच में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के अलावा जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल हैं. कोर्ट को सिटीजनशिप एक्ट से जुड़ी 17 याचिका मिली थीं. कोर्ट सभी याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने सिटीजनशिप एक्ट को लेकर गुरुवार (7 दिसंबर) को केंद्र सरकार को अहम निर्देश दिए. कोर्ट ने 25 मार्च, 1971 के बाद असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों में आए अवैध प्रवासियों का डेटा पेश करने के लिए कहा. अदालत ने ये भी निर्देश दिया कि प्रवासियों के मुद्दे से निपटने के लिए सरकार के कदमों की जानकारी दें.

इससे पहले कोर्ट की सुनवाई में वकील कपिल सिब्बल ने दावा किया था कि असम म्यांमार का हिस्सा था. उन्होंने कहा कि इतिहास में असम में लोगों का आना जाना लगातार चालू रहा. इसको मैप नहीं किया जा सकता है. हम पता नहीं लगा सकते कि कौन-कब आया. असम म्यांमार का भी हिस्सा था. अंग्रेजों ने 1824 में म्यांमार से युद्ध के बाद असम को हासिल किया था. इसके बाद 1905 में बंगाल का​ विभाजन हो गया था, तब भी लोगों का मूवमेंट हुआ था.

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