बिहार विस चुनाव के दूसरे चरण की वे हाई प्रोफाइल सीटें, जिन पर गढ़ी हैं सबकी नजरें

17 जिलों की 94 सीटों पर 1463 उम्मीदवार मैदान में, कई दिग्गजों की साख दांव पर, कई सीटों पर लोजपा प्रत्याशियों ने बनाया त्रिकोणीय मुकाबला, तेजस्वी-चंद्रिका-तेजस्वी की सीटों पर देशभर की नजरें गढ़ीं

Bihar Vidhansabha Election 2nd Phase
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Politalks.News/BiharElection. बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान आज जारी है. शाम 6 बजे तक मतदान किया जा सकेगा. दूसरे चरण में 17 जिलों की 94 सीटों पर मतदान होना है जिनपर 1463 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. बिहार के दूसरे चरण में कई ऐसी हाई प्रोफाइल सीटें हैं जिन पर दिग्गजों का भाग्य ईवीएम में कैद होना है. इन हाई प्रोफाइल सीटों पर सिर्फ बिहार की ही नहीं बल्कि देश भर की निगाहें टिकी हुई हैं. इन हाई प्रोफाइल सीटों में तेजस्वी यादव से लेकर नीतीश कुमार के कई मंत्रियों की भी सीटें शामिल हैं जहां उनका भाग्य ही नहीं बल्कि उनकी साख भी टिकी है. आइए डालते हैं इन हाई प्रोफाइल सीटों पर एक नजर..

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राघोपुर: तेजस्वी यादव बनाम सतीश कुमार

वैशाली जिले की राघोपुर विधानसभा सीट से राजद नेता तेजस्वी यादव दूसरी बार चुनावी मैदान में हैं. तेजस्वी को महागठबंधन ने मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया है, जिसकी वजह से इस सीट पर पूरे देश की नजर है. बीजेपी ने राघोपुर सीट पर तेजस्वी यादव के सामने सतीश कुमार को उतारा है. 2010 के विस चुनाव में सतीश पूर्व सीएम राबड़ी देवी को हरा चुके हैं. लोजपा की ओर से मैदान में उतारे गए राकेश रोशन ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. ये सीट इसलिए भी हाई प्रोफाइल है क्योंकि राघोपुर राजद का मतबूत गढ़ माना जाता है. 2010 के चुनाव को छोड़ दें तो 1995 से यहां राजद जीतती आ रही है. यहीं से लालू यादव भी चुनाव जीतते रहे हैं.

बांकीपुर: लव सिन्हा बनाम पुष्पम प्रिया

पटना जिले की बांकीपुर विधानसभा सीट काफी चर्चा में है. यहां से अभिनेता और पूर्व सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं. बीजेपी से तीन बार के विधायक नितिन नवीन के अलावा प्लुरल्स पार्टी की अध्यक्ष और सीएम उम्मीदवार पुष्पम प्रिया भी चुनौती पेश कर रही हैं. पुष्पम प्रिया के चुनाव लड़ने के चलते यह सीट सुर्खियों में है. पुष्पम प्रिया ने जिस तरह से घर घर जाकर चुनाव प्रचार किया है, उससे उनका दावा लव सिन्हा पर भी भारी पड़ता दिख रहा है.

परसा: चंद्रिका राय और एश्वर्या राय

सारण जिले की परसा विधानसभा सीट काफी हाई प्रोफाइल मानी जा रही है. इस बार यहां काफी कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. राजद का गढ़ रही परसा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय के बेटे और लालू यादव के समधी चंद्रिका राय मैदान में उतरे हैं. खास बात ये है कि वे इस बार राजद के नहीं बल्कि जदयू की ओर से मुकाबले में हैं. चंद्रिका राय के लिए उनकी बेटी और तेज प्रताप की पत्नी एश्वर्या राय ने भी वोट मांगने का काम किया है. यहां वोट एश्वर्या पर ज्यादती को लेकर मांगे जा रहे हैं.

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राजद के टिकट पर इस सीट से छोटे लाल राय चुनाव मैदान में हैं जबकि एलजेपी ने इस सीट पर राकेश कुमार सिंह को उतारा है. बाप बेटी का ये गठबंधन अन्य उम्मीदवारों पर भारी पड़ रहा है.

हसनपुर: तेजप्रताप यादव बनाम राजकुमार राय

समस्तीपुर जिले की हसनपुर विधानसभा सीट से पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के बड़े लाल और पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव मैदान में हैं. 2015 में उन्होंने महुआ से चुनाव जीता था, लेकिन इस बार उन्होंने अपनी सीट बदल दी है. तेजप्रताप के सामने जदयू के वर्तमान विधायक राजकुमार राय चुनावी ताल ठोक रहे हैं. यादव बाहुल्य इस सीट पर कांटे का मुकाबला माना जा रहा है. वैसे तेजू भईया का दावा काफी मजबूत है.

पटना साहिब : नंद किशोर यादव बनाम नंद किशोर

राजधानी पटना की सबसे वीआईपी विधानसभा सीट पटना साहिब से बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता नंद किशोर यादव चुनावी मैदान में हैं. महागठबंधन की ओर से कांग्रेस के टिकट पर प्रवीण सिंह उन्हें टक्कर दे रहे हैं. नंद किशोर यादव यहां से छह बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन 2015 के चुनाव में उन्हें यहां से जीतने में पसीने छूट गए थे.

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शिवहर: बाहुबली आनंद मोहन के बेटे बनाम विजय पांडेय

जेल में बंद बाहुबली आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद को राजद ने शिवहर सीट से उतारा है. चेतन आनंद का मुकाबला जदयू के मौजूदा विधायक मो.शरफुद्दीन से है. इस सीट पर इस बार लोजपा प्रत्याशी विजय कुमार पांडेय न केवल जदयू और राजद को कड़ी टक्कर देते नजर आ रहे हैं, बल्कि लड़ाई को त्रिकोणीय भी बना रहे हैं.

रोसड़ा: कृष्ण राज बनाम वीरेंद्र कुमार

रोसड़ा सुरक्षित विधानसभा सीट पर लोजपा की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. यहां से लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज के बड़े भाई कृष्ण राज को मैदान में है, जो चिराग पासवान के चचेरे भाई है. बीजेपी से वीरेंद्र कुमार और कांग्रेस ने नागेंद्र विकल को मैदान में उतारकर यहां की लड़ाई को त्रिकोणीय बना दिया है.

हथुआ: रामसेवक सिंह बनाम मुन्ना

सारण जिले की हथुआ विधानसभा क्षेत्र से जेडीयू नेता और बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री रामसेवक सिंह मैदान में हैं. उनके सामने एलजेपी ने राम दर्शन प्रसाद उर्फ मुन्ना किन्नर को उम्मीदवार बनाकर मुकाबले को रोचक बना दिया है. इसके अलावा यहां से महागठबंधन से राजद प्रत्याशी राजेश सिंह कुशवाहा समेत 13 अन्य प्रत्याशी मैदान में हैं.

नालंदा: श्रवण कुमार बनाम गुंजन पटेल

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा की सदर सीट से बिहार सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार की प्रतिष्ठा दांव पर है. इस बार वो यहां से त्रिकोणीय मुकाबले में फंस गए है. उनके खिलाफ महागठबंधन से कांग्रेस की टिकट पर गुंजन पटेल हैं. वहीं, इस बार एलजेपी ने पुराने नेता रामकेश्वर प्रसाद को अपना प्रत्याशी बनाया है. जदयू प्रत्याशी श्रवण कुमार इस सीट से लगातार छह बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं, लेकिन इस बार उनके सामने कड़ी चुनौती मिल रही है.

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मधुबन: राणा रणधीर बनाम मदन साह

पूर्वी चंपारण जिले की मधुबन विधानसभा सीट से राज्य सरकार में सहकारिता मंत्री और बीजेपी नेता राणा रणधीर चुनावी मैदान में हैं. उनके सामने महागठबंधन की ओर आरजेडी के टिकट पर मदन साह पहली बार चुनावी ताल ठोक रहे हैं. वहीं, यहां के पूर्व विधायक शिवजी राय भी इस बार जाप के टिकट पर मैदान में उतर आए हैं. 2015 के चुनाव में जब बीजेपी और जेडीयू ने अलग-अलग चुनाव लड़ा तब भी इस सीट पर बीजेपी ने अपना कब्जा जमाया था.

चेरिया बरियारपुर: मंजू वर्मा बनाम राखी देवी

चेरिया बरियारपुर विधानसभा सीट से नीतीश सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहीं मंजू वर्मा को जेडीयू ने फिर से मैदान में है. मंजू वर्मा के सामने महागठबंधन से राजद उम्‍मीदवार राजवंशी महतो ताल और लोजपा से राखी देवी किस्मत आजमा रही है. मुजफ्फरपुर शेल्टर होम कांड के कारण मंजू वर्मा को पद छोड़ना पड़ा था और चर्चा में आई थी. ऐसे में इस बार मंजू वर्मा के लिए काफी कड़ी चुनौती मानी जा रही है.

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