
Politalks.News/Rajasthan/Gurjar Movement. प्रदेश में बैकलॉग की भर्तियों समेत अन्य मांगों को लेकर दो फाड़ हो चुके गुर्जर नेताओं में से जहां एक गुट ने शनिवार को सरकार से समझौता कर आंदोलन नहीं करने की बात कही तो वहीं गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैसला गुट के गुर्जरों ने रविवार को फिर भरतपुर के बयाना स्थित पीलूपुरा के पास रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर लिया. इस दौरान कुछ युवाओं ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक की फिश प्लेटें उखाड़ दीं. रात को समझौते के लिए हिंडौन पहुंचे सरकार के मंत्री अशोक चांदना से कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने मिलने से मना कर दिया और विजय बैंसला से बात करने के लिए कहा. लेकिन विजय बैंसला से भी बात नहीं हो पाई तो चांदना वापस जयपुर लौट आए. इस तरह गुर्जर आंदोलन का रविवार को कोई हल नहीं निकल पाया, अब आज धरना स्थल पर कर्नल किरोड़ी बैंसला और सरकार के बीच वार्ता होने पर ही कोई हल निकलने की उम्मीद है.
इससे पहले एक नवंबर से राजस्थान में चक्काजाम के आह्वान पर गुर्जर रविवार को भरतपुर जिले के पीलूपुरा में जुटे. दोपहर बाद कर्नल किरोड़ी सिंह बैसला के पीलूपुरा पहुंचने पर माहौल गर्मा गया. कुछ युवक रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए और पटरियों को नुकसान पहुंचाने लगे. गुर्जर समाज के कुछ पंच-पटेलों के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने नुकसान पहुंचाना बंद किया. फिर भी कुछ लोग पटरियों पर बैठ गए, इस कारण, करीब 60 ट्रेनें प्रभावित हुईं, जिनमें 40 मालगाड़ी भी हैं. कई ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया जबकि दो स्थगित करनी पड़ीं.
यह भी पढ़ें: नगर निगम चुनाव सम्पन्न, बीजेपी ने शुरू की पार्षदों की बाड़ाबंदी तो कांग्रेस बोली हमें नहीं बाड़ाबंदी की जरूरत
गुर्जरों ने पीलूपुरा में मुंबई-दिल्ली रेलवे ट्रैक की फिश प्लेट उखाड़ दी. इससे दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का संचालन बंद कर दिया गया. उधर, गुर्जरों ने बयाना-हिंडौन मार्ग भी जाम कर दिया. सवाईमाधोपुर सहित राज्य के कुछ और स्थानों से भी गुर्जरों के उग्र होने के समाचार हैं. यही नहीं, रोडवेज के पांच बड़े डिपो दौसा, हिंडौन, करौली, भरतपुर और बयाना से आगरा और आसपास के एरिया में जाने वाली करीब 220 बसों को रोक दिया गया। इस कारण सैकड़ों लोग जहां-तहां फंस गए.
कर्नल से बात करने गए मंत्री अशोक चांदना बिना बात करे जयपुर लौटे
कर्नल किरोडी सिंह बैंसला ने पीलूपुरा पहुंचने पर मंत्री अशोक चांदना से फोन पर बात की. कर्नल ने उनसे फोन पर दस मिनट में जवाब मांगा कि गुर्जरों के नौकरियों में आरक्षण को लेकर सरकार क्या कदम उठा रही है. इस पर वे चांदना के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उन्हें धरना स्थल पर बुलाया. चांदना ने कहा कि वे जयपुर से बाहर हैं, अभी नहीं आ सकते. इस पर कर्नल ने कहा कि वे भले ही हेलिकॉप्टर से आएं, लेकिन यहां पहुंच जाएं. इस पर चांदना ने तीन घंटे में पीलूपुरा पहुंचने की आश्वासन दिया. मंत्री चांदना जयपुर से रवाना होकर पीलूपुरा के पास तक पहुंच गए लेकिन कर्नल से मिल नहीं पाए.
इस पर मीडिया से बातचीत में खुद चांदना ने बताया कि, ‘मैं आंदोलनस्थल से एक किमी पहले तक पहुंच गया था लेकिन भारी जाम के कारण आगे नहीं जा सका, फिर किरोड़ी बैंसला से बात की. उन्होंने कहा कि मेरी तबीयत ठीक नहीं, आप मेरे बेटे विजय बैंसला से बात कर लें. विजय को फोन किया तो उन्होंने कहा कि मैं 2-4 मिनट में कॉल करता हूं, लेकिन मुझसे दोबारा संपर्क ही नहीं किया. कल से विधानसभा सत्र भी है इसलिए मैं वापस जयपुर जा गया हूँ.
लॉलीपॉप बता कर समझौते को खारिज किया विजय बैंसला ने
इस दौरान कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और उनके पुत्र विजय बैंसला ने कहा कि हमने 15 दिन पहले अड्डा गांव में मीटिंग करके सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया था. इसके बाद सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी है. हालांकि सरकार ने कुछ लोगों से समझौता करने की बात कही. लेकिन, क्या समझौता हुआ, इस बारे में हमें न तो सरकार ने कुछ बताया है और न ही समझौता करने वाले लोगों ने कोई जानकारी दी है. इसके बाद शाम करीब 5.30 बजे बयाना एसडीएम सुनील आर्य नहरा क्षेत्र के 41 सदस्यीय गुर्जर प्रतिनिधि मंडल से 14 बिंदुओं पर हुए समझौते की कॉपी लेकर कर्नल किरोड़ी बैंसला के पास पहुंचे. जैसे ही उन्होंने समझौता पढ़ना शुरू किया तो कर्नल ने एसडीएम से कहा कि वे विजय बैंसला को बताएं वो ही फैसला लेंगे. इसके बाद विजय बैंसला ने इस समझौते को लॉलीपॉप कहकर खारिज कर दिया.
बैंसला बोले- मुख्यमंत्री से फोन पर बात हो गई, मांगे पूरी करने का आश्वासन दिया है सीएम ने
इस दौरान कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने सभा में कहा कि उनके पास सीएम अशोक गहलोत का फोन आया था. उन्होंने उनसे विस्तार से बात करने के साथ ही भरोसा दिलाया है कि वे गुर्जर समाज की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास करेंगे. इसलिए हमें मुख्यमंत्री गहलोत पर एक बार और भरोसा करना चाहिए.
दरअसल उग्र आंदोलनों के पुराने अनुभवों, बाद में दर्ज हुए मुकदमों और समाज की अन्य परेशानियों को देखते हुए कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला इस बार उग्र आंदोलन के मूड में नहीं हैं. वे मांगों को पूरा कराने के लिए दबाव बनाने चाहते हैं. उनकी टीम से जुड़े पुराने नेताओं का भी यही मानना है. हालांकि कर्नल बैंसला ने कहा कि लोगों में आक्रोश है, अगर सरकार ने जल्द कुछ नहीं किया तो लोग राजस्थान जाम कर देंगे.
विपक्ष का पलटवार: सरकार ने समझौते के बाद भी शर्तें नहीं मानीं इसलिए ये नौबत- राठौड़
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा- प्रदेश सरकार ने गुर्जरों से समझौता किया था लेकिन अब तक उनकी मांगें नहीं मानी हैं, इसलिए वे पटरी पर हैं और कई ट्रेनें बाधित हो गईं, जिससे सैकड़ों आम लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है. इसके लिए गहलोत सरकार जिम्मेदार है.


























