Politalks.News/Rajasthan/Gurjar Movement. गुर्जर आरक्षण आंदोलन को लेकर लगभग 7 घण्टे तक सचिवालय में गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और सरकार की सब कमेटी के बीच चली बैठक लगभग सभी बिंदुओं पर बनी सहमति के बाद समाप्त हो गई है. सहमति की प्रमुख REET भर्ती पदों को लेकर की गई मांग के लिए 7 दिन का समय दिया है. बैठक के बाद हुई प्रेसवार्ता को मंत्री रघु शर्मा और अशोक चांदना के साथ गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने भी सम्बोधित किया.
प्रेस को सम्बोधित करते हुए मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि इस बैठक में गुर्जर संघर्ष समिति के 4 दर्जन सदस्य कैबिनेट सब कमेटी से वार्ता के लिए जयपुर आए थे. ह्मारीबशुक्रवार रात भी वार्ता हुई थी और आज भी लगभग सात घण्टे चली बैठक के बाद हमारी 14 बिंदुओं पर सहमति बनी है. जिसके अनुसार- पहले हुए गुर्जर आंदोलन में मारे गए तीन 3 मृतकों के परिजनों को 5-5लाख की सहायता दी जाएगी. इसके साथ ही इनके परिवार के 1-1 सदस्य को नगर निगम, नगर परिषद में नौकरी भी दी जाएगी. रघु शर्मा ने आगे कहा कि प्रक्रियाधीन सभी भर्तियों में आरक्षण देते हुए नियुक्ति दी जा चुकी है. 2297 चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जा चुकी है. अब जितने भी पद आरक्षित उनमें MBC अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जाएगी.
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समझौते के बिंदुओं की घोषणा करते हुए रघु शर्मा ने आगे कहा कि MBC के 1252 अभ्यर्थियों को नियमित वेतन श्रृंखला के लाभ दिए जाएंगे. गुर्जरों पर चल रहे केस वापसी के लिए बैठक होगी. 5 आवासीय स्कूलों की मॉनिटरिंग के लिए समिति होगी. पीपल्दा में आवासीय स्कूल बनना है, उसकी टेंडरिंग शुरू होगी. इस मामले पर कमेटी मॉनिटरिंग करेगी और 3 माह में रिपोर्ट देगी. कैबिनेट सब कमेटी के साथ अति पिछड़ा वर्ग की संयुक्त बैठक होगी. लवाना जाति के जारी हुए प्रमाण-पत्रों की जांच होगी. पीपल्दा या मोरोली में खेल स्टेडियम का विकास होगा. बयाना और रुदावल में देवनारायण छात्रावास का निर्माण होगा. MBC प्रावधानों को नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए फिर से भारत सरकार को पत्र लिखा जाएगा.
वहीं प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए गुर्जर नेता हिम्मत सिंह ने कहा- हम बस यह चाहते हैं कि आज जिन 14 बिंदुओं पर बनी है सहमति उसका अक्षरक्ष पालन हो. हम भी आंदोलन नहीं चाहते हैं. वहीं किरोडी सिंह बैंसला के वार्ता में शामिल नहीं होने के सवाल पर बोले हिम्मत सिंह- हमने किरोडी जी को भी बुलवाया था वार्ता के लिए लेकिन वो नहीं आए. अब जो फैसला समाज को मंजूर होगा तो वो किरोडी बैंसला जी को भी मान्य होगा. अगर हम बातचीत के लिए नहीं आते तो कल सबसे पहले मीडिया ही हम पर सवाल उठाता की आप क्यों नहीं आए सरकार के बुलावे पर वार्ता के लिए? आज हमारी सभी बिंदुओं पर सरकार से सहमति बन गई है, ऐसे में हमें नहीं लगता कि अब आंदोलन करने की जरूरत पड़ेगी.