गहलोत सरकार की महत्वाकांक्षी ‘इंदिरा रसोई योजना’ आज से होगी शुरू, बीजेपी ने लगाया आरोप

मुख्यमंत्री गहलोत अभी 9 बजे करेंगे शुभारंभ, प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों का किया जाएगा संचालन, दोनों समय का भोजन 8 रुपए में होगा उपलब्ध, बीजेपी ने अन्नपूर्णा रसोई का नाम बदलकर इंदिरा रसोई करने का लगाया आरोप

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की गहलोत सरकार आज से अपनी महत्वाकांक्षी ‘इंदिरा रसोई योजना’ का शुभारंभ करने जा रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ अजमेर से अभी सुबह नौ बजे विडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए करेंगे. ‘कोई भी भूंखा ना सोए’ की अवधारणा को साकार करने की नियत से लागू की जा रही इस योजना के तहत प्रदेश के सभी 213 नगरीय निकायों में 358 रसोइयों का संचालन किया जाएगा, जहां जरूरतमंद लोगों को सम्मान के साथ बैठाकर भोजन खिलाया जाएगा. इस योजना में दोनों समय का भोजन रियायती दर यानि 8 रुपए में उपलब्ध कराया जाएगा. लेकिन, इस योजना के शुरू होने से पहले ही इसके नाम को लेकर राजनीति शुरू हो गई है.

बीजेपी ने गहलोत सरकार पर पिछली वसुंधरा राजे सरकार के समय शुरू की गई अन्नपूर्णा रसोई का नाम बदलकर उसे इंदिरा रसोई करने का आरोप लगाया है. बीजेपी के सांगानेर विधायक अशोक लाहोटी ने आरोप लगाया है कि अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरुआत पूर्व की बीजेपी सरकार ने की थी. जिसका गहलोत सरकार ने अब नाम बदलकर इंदिरा रसोई रख दिया है. लाहोटी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस का बस चले तो देश का नाम बदलकर भी गांधी परिवार के किसी सदस्य के नाम पर रख दे. लाहोटी ने कहा कि अन्नपूर्णा नाम वैदिक परंपराओं से जुड़ा है, जिसे बदलने का खामियाजा पिछले दिनों कांग्रेस सरकार भुगत चुकी है.

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वहीं, कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी के पास गिनाने के लिए कुछ नहीं. गहलोत सरकार में परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार किया है. प्रताप सिंह ने कहा कि बीजेपी के पास गिनाने के लिए कुछ नहीं है. जन-कल्याणकारी योजनाएं कांग्रेस लेकर आई है, न कि बीजेपी. उन्होंने यह भी कहा कि नाम बदलने की राजनीति बीजेपी करती है. राजीव सेवा केंद्रों का नाम अटल सेवा केंद्र करने का काम बीजेपी ने किया था. खाचरियावास ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की अन्नपूर्णा रसोई योजना की वैन तक आमजन पहुंचते ही नहीं थे और ना ही उस पर पौष्टिक भोजन मिलता था.

जानिए आखिर दोनों योजनाओं में फर्क क्या है?

इंदिरा रसोई योजना में आठ रूपए में भोजन की थाली मिलेगी. इसमें 100 ग्राम दाल, 100 ग्राम सब्जी, 250 ग्राम चपाती (रोटी) और आचार प्रति थाली होगा. इसके तहत सुबह साढ़े आठ बजे से दोपहर एक बजे तक और शाम पांच से रात आठ बजे तक आम लोगों को खाना मिल सकेगा. प्रदेश के 213 शहरों और कस्बों में 258 रसोई का संचालन इंदिरा रसोई योजना के जरिए होगा. साथ ही भोजन करने के इच्छुक व्यक्ति बैठकर निश्चित स्थान पर भोजन कर सकेंगे.

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वहीं, पिछली वसुंधरा राजे सरकार के समय अन्नपूर्णा रसोई योजना में पांच रूपए में नाश्ता और आठ रूपए में भोजन मिला करता था. उस समय प्रदेश के 191 शहरों में 500 मोबाइल वैन के माध्यम से जनता को नाश्ता और भोजन मुहैया करवाया जाता है. नाश्ते में पोहा, इडली-सांभर, खिचड़ी समेत खाने की अन्य चीजें उपलब्ध करवाई जाती थीं. जबकि, दोपहर और रात्रि के भोजन की सामाग्री की मात्रा 450 ग्राम थी. जिसके तहत दोपहर के भोजन में दाल-चावल, विभिन्न प्रकार के नमकीन और मीठी खिचड़ी, उपमा आदि उपलब्ध करवाई जाती थी. जबकि रात्रि के भोजन में दाल-ढोकली, खिचड़ी, कढ़ी-चावल, पुलाव, दाल-चावल आदि उपलब्ध करवाई जाती थी.

ऑनलाइन होगी मॉनिटरिंग

गहलोत सरकार की मंशा के अनुरूप इंदिरा रसोई घर को ऑनलाइन मोनिटरिंग से जोड़ा गया है. यहां हर लाभार्थी की रियल टाइम फोटो के माध्यम से काउन्टर पर निर्धारित राशि के भुगतान के बाद भोजन कूपन उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके लिए इंदिरा रसोई घर को सीधे स्टेट डाटा सैंटर से जोड़ा गया है. साथ ही, भोजन की गुणवत्ता की जांच समय समय पर फूड सेफ्टी ऑफिसर द्वारा किये जाने की व्यवस्था भी की गयी है ताकि लाभार्थी को ताजा भोजन उपलब्ध करवाया जा सके.

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