सीबीआई जांच के आदेश के बाद सुशांत सिंह पर महाराष्ट्र-बिहार में शुरू हुआ राजनीतिक दंगल

बीजेपी के निशाने पर आदित्य और उद्धव ठाकरे सरकार, नीतिश के निशाने पर बिहार की चुनावी बयार, शिवसेना बोली कि बात चली तो फिर दिल्ली तक जाएगी

सुशांत सिंह
सुशांत सिंह

Politalks.News/Maharashtra-Bihar. फिल्म स्टार सुशांत राजपूत केस में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीबीआई जांच के आदेश दिए जाने के बाद देश में राजनीतिक दंगल शुरू हो गया है. भाजपा नेताओं के निशाने पर सिर्फ आदित्य ठाकरे ही नहीं बल्कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन की पूरी सरकार ही निशाने पर है. इसे भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा के ट्वीट से समझा जा सकता है. संबित पात्रा ने लिखा है कि महाराष्ट्र में सरकार जा ‘रिया’ है. वहीं भाजपा नेता सुब्रहमणयम स्वामी ने तो जांच हुए बिना ही दावा कर दिया है कि सुशांत की मौत एक प्लांड मर्डर है.

उधर, बिहार में चुनावी बयार के बीच अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत बडा सियासी मुददा बन चुका है. सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बोले कि सुशांत मामले में बिहार पुलिस की ओर से की जा रही कार्रवाई और सरकार की ओर से सीबीआई जांच के निर्णय पर कोर्ट ने मुहर लगा दी है. अब सुशांत के परिवार को न्याय मिलेगा. उधर तेजस्वी यादव सहित दूसरे सभी दलों के नेता भी सीबीआई जांच का श्रेय लेने में पीछे नहीं हैं.

खास बात यह है कि महाराष्ट्र के भाजपा नेता राणे ने एक बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि सुशांत की मौत से पहले वहां एक पार्टी हुई थी, उस पार्टी में आदित्य ठाकरे भी थे. बस, इसके बाद से ही दोनों राज्यों में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है.

तथ्य यह भी है कि 60 दिनों की मुंबई पुलिस की जांच में अभी तक आत्महत्या के अलावा कोई बात सामने नहीं आई है. लेकिन भाजपा हमलावर हो रही है. भाजपा नेताओं का कहना है कि मुंबई पुलिस या तो किसी को बचाने का प्रयास कर रही है, या फिर वो सरकार के दबाव में काम कर रही है.

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उधर, शिवसेना का समर्थन कर रही शरद पंवार की एनसीपी से भी इस मामले में सीबीआई जांच की मांग उठने से सियासी हलचल तेज हो गई. जिस समय पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फणवीस इस मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे, तब शरद पंवार के पौते पार्थ पंवार ने उद्धव सरकार से यह मांग कर दी थी. आज जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया तो एनसीपी के पार्थ पंवार ने लिखा ‘सत्यमेव जयते’.

बात यही खत्म नहीं हुई, भाजपा नेताओं ने आदित्य ठाकरे पर टिप्पणी की तो शिवसेना के संजय राउत बोले की बात चली है तो फिर दिल्ली तक भी पहुंचेगी. यानि की एक दूसरे को चेतवानी देने का दौर भी शुरू हो गया है. उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में भले ही मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना का गठबंधन चुनाव के बाद टूट गया हो लेकिन शिवसेना केंद्र में अभी भी एनडीए गठबंधन का हिस्सा है. शिवसेना के लोकसभा में 18 सांसद हैं.

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